NIA द्वारा प्रतिबंधित आतंकी संस्था की साजिश, पंजाब में धार्मिक उन्माद फैलाने का था मकसद
नई दिल्ली. केन्द्रीय जांच एजेंसी एनआईए (NIA) ने प्रतिबंधित आतंकी संस्था खालिस्तान टाइगर फोर्स (Khalistan Tiger Force) की उस साजिश का पर्दाफाश किया है जिसके तहत सुपाड़ी किलर यानी पैसों का लालच देकर पंजाब में गुर्गों के द्वारा टार्गेट किलिंग (Targetted killing ) को अंजाम दिया गया था. इस मामले में तफ्तीश करने के बाद जांच एजेंसी एनआईए के द्वारा मोहाली स्थित एनआईए की विशेष कोर्ट में 23 दिसंबर को आरोपपत्र दायर ( NIA filed charge-sheet ) किया गया है.
एनआईए मुख्यालय में कार्यरत अधिकारी के मुताबिक दायर आरोपपत्र में फिलहाल चार आरोपियों के बारे में तमाम आरोपों से संबंधित सबूतों, बयानों, दस्तावेजों सहित अन्य जानकारियों के बारे में कोर्ट को जानकारी दी गई है. एनआईए के मुताबिक पिछले कुछ समय पहले मनोहर लाल नाम के एक शख्स की हत्या कर दी गई थी, मृतक मोहन लाल डेरा सच्चा सौदा (follower of Dera Sachha Sauda ) से जुड़ा हुआ था , जिसकी हत्या एक साजिश के तहत आतंकी संस्था खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF ) द्वारा करवा दिया गया .
दायर आरोपपत्र के मुताबिक एनआईए के तफ्तीशकर्ताओं के द्वारा इन प्रमुख चारों आरोपियों के खिलाफ 23 दिसंबर को आरोपपत्र दायर किया गया है , जो प्रमुख तौर पर इस प्रकार से है-
1. कमलजीत शर्मा उर्फ कमल — मोगा ,पंजाब का रहने वाला
2. राम सिंह उर्फ सोना – फिरोजपुर , पंजाब का रहने वाला
3. अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श उर्फ परभ – जिला मोगा , पंजाब का रहने वाला लेकिन फिलहाल कनाडा ( Presently in Canada ) में रह रहा है .
4. हर्शदीप सिंह निज्जर उर्फ निज्जर – पंजाब स्थित जलांधर का रहने वाला लेकिन फिलहाल कनाडा में छुपा हुआ है .
डेरा सच्चा सौदा के समर्थक को मारकर पंजाब में रची गई थी साजिश
एनआईए के अधिकारी के मुताबिक 20 नवंबर साल 2020 को पंजाब के थाना दयालपुरा इलाके में मनोहर लाल की एक साजिश के तहत दो आरोपियों ने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी , शुरूवाती तौर पर पुलिस की तफ्तीश में ये मामला आपसी विवाद का लग रहा था , लेकिन जैसे -जैसे तफ्तीश का दायरा आगे बढ़ता गया, इस मामले में कई इनपुट्स मिलते चले गए, लिहाजा इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच का जिम्मा 8 अक्टूबर 2021 को केन्द्रीय जांच एजेंसी एनआईए को सौंप दिया गया.
एनआईए की तफ्तीश में ये जानकारी मिली की डेरा सच्चा सौदा के समर्थक मनोहर लाल की हत्या करने के बाद पंजाब में धार्मिक उन्माद फैलाना ही मकसद था, क्योंकि धार्मिक संस्था डेरा सच्चा सौदा से हजारों -लाखों लोग पंजाब में रहते हैं . इसी का फायदा उठाकर पंजाब मेंं धार्मिक उन्माद (Communal harmony in the state of Punjab ) को बढाया जा सकता है , जिसमें काफी लोगों की जान भी जा सकती थी.
इस हत्याकांड को खालिस्तान टाइगर फोर्स के आतंकियों द्वारा कमलजीत शर्मा और राम सिंह नाम के लोगों के द्वारा अंजाम दिया गया था. जिसे खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हर्षदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar ) द्वारा सुपाड़ी दी गई थी. जिसने हत्या करने वाले दोनों आरोपियों को बताया था की मनोहर लाल एक कारोबारी है और उससे अवैध तौर पर वसूली (extorting money ) करने के लिए कई बार कॉल किया गया है , लेकिन वो मान नहीं रहा है, लेकिन इस वारदात के पीछे इस आतंकी संस्था का मकसद सिर्फ हत्या करना नहीं बल्की धार्मिक उन्माद फैलाना था. एनआईए की टीम इस मामले में फिलहाल आरोपपत्र तो दायर कर चुकी है, लेकिन इस मामले की तफ्तीश बंद नहीं हुई है बल्कि तफ्तीश अभी भी जारी है, जल्द ही इस मामले में कुछ और बड़ी कार्रवाई को एनआईए द्वारा अंजाम दिया जा सकता है.