केंद्र सरकार अलग-अलग तबकों पर कुठाराघात कर रही है : कांग्रेस
रांची। झारखंड कांग्रेस ने कहा है कि केंद्र सरकार अलग-अलग तबकों पर कुठाराघात कर रही है और उनके हितों के साथ धोखा कर रही है।
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और राजेश गुप्ता ने रविवार को कहा कि संसद में पारित चार लेबर कोड बिलों ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन बिल 2020, इंडस्ट्रियल रिलेशन बिल 2020 और सोशल सिक्योरिटी बिल 2020 से श्रमिकों के हितों की काफी अनदेखी हुई है।
श्रमिकों के हितों से संबंधित कानून समवर्ती सूची में आता है, कुल मिलाकर लगभग 100 कानून श्रमिकों के हित में बनाये गये थे और ये कानून बनाने का जो सफर था। कोई आसान सफर श्रमिकों के लिए नहीं रहा, बहुत संघर्ष का सफर रहा। श्रमिकों ने बहुत खून-पसीना बनाकर ऐसे कानून हासिल किये, जो उनके लिए रक्षा कवच के रूप में काम कर रहा है, लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार ने इस कानून पर भी प्रहार किया है। प्रवक्ताओं ने कहा कि जिन कानूनों से श्रमिकों को एक रक्षा कवच मिल जाता है, उस कानून में पूंजीपति के हितों में बदलाव कर इस सरकार ने श्रमिकों के हित पर कुठाराघात किया है, शोषण किया है। कानूनी रुप से शोषण करने की जब कोशिश की है। सामने जो जामा पहनाया गया, जो बहाना बनाया गया, वो था ईज ऑफ डुईंग बिजनेस, इज ऑफ डूइंग बिजनेस जो श्रमिकों के कानून की बात कर रहे हैं, तो उसमें बहाना क्या बनाया गया। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस होगा, सभी के लिए अच्छा होगा। लेकिन कहीं भी इस कानून में अगर हम सारे कानूनों को जो अमेंडमेंड आई हैं। खोल कर देखेंगे तो स्पष्ट हो जाएगा कि श्रमिकों का कोई भी हित ,कोई सुरक्षा कवच उनको इन कानूनों में बिल्कुल प्राप्त नहीं है।
प्रवक्ताओं ने कहा कि जो पहले से निर्धारित लेबर कोड हैं, इन लेबर कोड्स में बिल से गरीबों एवं मजदूरों को काफी फायदा हुआ है। लेकिन अब गरीबों के नाम पर, मजदूरों के नाम पर, कामगारों के नाम पर उनके कल्याण के लिए मोदी सरकार बहुत से बदलाव और कानून लाने का दावा किया जा रहा है, यह भी दावा है कि ईज ऑफ डुईंग बिजनेस यानि इनवेस्टमेंट हो जाएगी, बाहर के लोग यहाँ पर आकर, बड़ी-बडी कंपनियां स्थापित करेंगे,रोजगार मिलेगा। ऐसी चीजों को कहते हुए केंद्र सरकार ने ये बिल संसद से पारित करा लिये, लेकिन सच्चाई यह है कि इन बदलाव से न तो नयी कंपनियां स्थापित होगी और न ही लोगों को रोजगार मिलेगा, बल्कि इस कानून में बदलाव सिर्फ पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है।