उप्र सरकार का सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा, कहा- मामले की सीबीआई जांच हो
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार ने हाथरस गैंगरेप और हत्या मामले पर सुनवाई से पहले ही सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। उप्र सरकार ने कहा है कि इस मामले की सीबीआई जांच की जानी चाहिए। उप्र सरकार का यह हलफनामा सुप्रीम कोर्ट की ओर से नोटिस जारी करने के पहले ही दायर किया गया है। हाथरस मामले पर आज ही सुनवाई होनी है।
उप्र सरकार ने कहा है कि हलफनामे में कहा गया है कि सीबीआई जांच का आदेश देने के बाद उन आरोपों पर विराम लग जाएगा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हो रही है। उप्र सरकार ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट को सीबीआई जांच की मानिटरिंग करनी चाहिए। उसने मामले में अब तक हुई जांच का विस्तृत ब्योरा सुप्रीम कोर्ट को सौंपकर दावा किया कि कुछ निहित स्वार्थ वाली ताकतें निष्पक्ष न्याय के रास्ते में रोड़ा अटका रही हैं। रात में ही शव जलाने के मुद्दे पर सरकार का कहना है कि उसे ऐसी खुफिया सूचना मिली थी कि अगर शव का अंतिम संस्कार करने के लिए सुबह होने का इंतजार किया जाता तो बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क सकती थी।
हाथरस गैंगरेप की जांच सीबीआई को सौंपने या रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग बनाने की मांग करने वाली एक याचिका सामाजिक कार्यकर्ता सत्यमा दुबे, विकास ठाकरे रुद्र प्रताप यादव और सौरभ यादव ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि उप्र में मामले की जांच और ट्रायल निष्पक्ष नहीं हो सकती है। याचिकाकर्ताओं की ओऱ से वकील संजीव मल्होत्रा ने कहा है कि पुलिस का यह बयान कि परिवार की इच्छा के मुताबिक शव का दाह-संस्कार किया गया है, झूठा है क्योंकि पुलिसकर्मियों ने खुद की मृत शरीर का अंतिम संस्कार कर दिया। यहां तक कि मीडियाकर्मियों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया।
याचिका में इस मामले को उप्र से दिल्ली ट्रांसफर करने की भी मांग की गई है। याचिका में इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई या सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के एक वर्तमान या रिटायर्ड जज की निगरानी में एसआईटी बनाने का निर्देश देने की मांग की गई है।