Terror Funding: जम्मू-कश्मीर सरकार ने आतंकी सैयद सलाउद्दीन के बेटों को सरकारी नौकरी से निकाला
जम्मू-कश्मीर सरकार ने कुल 11 कर्मचारियों को बर्खास्त किया है। इनमें आंतकी सैयद सलाहुद्दीन के दोनों बेटे भी शामिल हैं।
जम्मू कश्मीर सरकार ने अंतरराष्ट्रीय आतंकी सैयद सलाउद्दीन के बेटों को सरकारी नौकरी से निकाल दिया है। आतंकी कनेक्शन और टेरर फंडिंग के आरोप में यह कार्रवाई की गई है। टेरर फंडिंग केस की जांच में NIA को सैयद सलाउद्दीन के बेटों के खिलाफ अहम सबूत मिले थे जिसके बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने उन्हें नौकरी से निकाला है। ग्लोबल आतंकी सैयद सलाउद्दीन के दोनों बेटों सैयद शकील अहमद और शादिर युसुफ के अलावा 9 अन्य सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। आतंकी सैयद सलाउद्दीन का बेटा शकील अहमद श्रीनगर के शेरे कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस में काम करता था, जबकि उसका दूसरा बेटा शाहिद यूसुफ श्रीनगर में कृषि विभाग में काम करता था
बर्खाश्त हुए कर्मचारियों में सबसे ज्यादा अनंतनाग से
जम्मू-कश्मीर सरकार ने कुल 11 सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त किया है। इसमें सबसे ज्यादा 4 कर्मचारी अनंतनाग से हैं। इसके अलावा 3 कर्मचारी बडगाम से और 1-1 कर्मचारी पुलवामा और बारामूला से हैं। हिजबुल चीफ सैयद सलाहुद्दीन 2017 से अमेरिका की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल है।
NIA की पूछताछ के बाद हुई कार्रवाई
राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA को छापेमारी और पूछताछ में इन आरोपियों के खिलाफ टेरर फंडिंग के सबूत मिले थे। इसके बाद जम्मी कश्मीर सरकार ने कार्रवाई करते हुए कुल 11 सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से बर्खाश्त किया है। हालांकि, इनके ऊपर आगे क्या कार्रवाई की जाएगी अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं सामने आई है। सलाउद्दीन के दोनों बेटे जम्मू कश्मीर में ही रहकर सरकारी नौकरी करते थे।
बिना किसी जांच के किया बर्खास्त
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में लगाम लगाने के लिए विशेष टास्क फोर्स का गठन किया गया है। यह टास्क फोर्स राज्य की सुरक्षा के खिलाफ गतिविधियों शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करती है। इन 11 कर्मचारियों के खिलाफ जो आरोप लगे हैं, उन पर कोई जांच नहीं की गई, लेकिन संविधान के अनुच्छेद 311 (2) (C) के तहत सरकार के पास यह अधिकार है कि किसी भी सरकारी कर्मचारी को बिना जांच कमेटी का गठन किए बर्खास्त किया जा सकता है। इसी अधिकार का उपयोग करते हुए कश्मीर सरकार ने इन आरोपियों को नौकरी ने निकाला है।