टरेसा की सर्जरी दूरबीन विधि से नाक के रास्ते से उसके दिमाग के ट्यूमर को सफलता पूर्वक निकाला गया
- टरेसा अलेक्जेंडर नाम की लड़की जिसकी उम्र 15 साल है जो की साउथ अफ्रीका के अंगोला देश की रहने वाली है। पिछले 2 महीने से यह बच्ची की आँखों की रोशनी में धीरे धीरे गिरावट होने लगी। देखते देखते नतीजा ये हुआ की इसकी आँखों की रोशनी पूरी तरीके से चली गयी और ये अपने करीबी होने वाली प्रतिक्रियाओ को देखने में वंचित हो गयी। धीरे धीरे इसके सर में भी काफी दर्द की शुरुआत होने लगी। टरेसा के घर वालो ने उसे डॉक्टर के पास ले गए जहा पता चला की टरेसा के दिमाग में एक ट्यूमर है जिसे क्रैनियोफ़्रेन्जियोमा नाम की बीमारी कहते है। इस बीमारी का ईलाज अंगोला में संभव नहीं था। टरेसा के पेरेंट्स इस बीमारी के लिए कई देशो में बात कर चुके थे। इसी सिलसिले में उनकी बात अंगोला के ही सीनियर न्यूरोसर्जन डॉ मयंडी इन्नोसेंटी से हुई जो की उस समय लाइफ लाइन हॉस्पिटल में विजिट पे थे। डॉ मयंडी लाइफ लाइन हॉस्पिटल जो की कई विदेशी मरीजों का सफल इलाज कर चूका है इसके विश्वस्तरीय कार्य और हाई टेक्निक सर्जरी करने की गुडवत्ता को देख कर उन्होने टरेसा के पेरेंट्स को ईलाज के लिए लाइफलाइन हॉस्पिटल आने को कहा। पिछले महीने के अंतिम सप्ताह में टरेसा अपनी माता और आंटी के साथ लाइफ लाइन आजमगढ़ आये यहाँ उसकी तमाम जांच हुई और 30 अप्रैल को टरेसा को ऑपरेशन के लिए सिफ्ट किया गया। यह ऑपरेशन न्यूरोसर्जरी की सबसे जटिलतम सर्जरी में से एक है. टरेसा की सर्जरी दूरबीन विधि से नाक के रास्ते से जा के उसके दिमाग के ट्यूमर को सफलता पूर्वक निकला गया। यह सर्जरी 8 घंटे तक चली और इस सर्जरी में डॉ अनूप, डॉ विनय प्रकाश ,डॉ आकाश रामभाऊ , डॉ गायत्री और ओoटीo स्टाफ शामिल थे। टरेसा अब बिलकुल स्वस्थ है और अपने देश जाने की तैयारी में है। इस तरह से लगातार लाइफ लाइन अपने कार्य के जरिये आज़मगढ़ के साथ साथ अपने प्रदेश को विश्व में नई पहचान देने में अग्रसर हो रहा है।