बीजेपी के साथ गई दुष्यंत की पार्टी, भड़के तेज बहादुर
हरियाणा में जननायक जनता पार्टी और बीजेपी की गठबंधन सरकार की घोषणा को हर तरफ से आलोचनाएं मिल रही हैं। जहाँ एक तरफ कांग्रेस पार्टी इस समर्थन के लिए जजपा और दुष्यंत चौटाला पर निशाना साध रही है, वहीँ जजपा के अपने विधायक भी इस समर्थन को लेकर पार्टी से नाराज़ दिख रहे हैं। इसमें विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जेजेपी में शामिल होने वाले पूर्व जवान तेज बहादुर यादव भी शामिल हैं। इस गठबंधन की वजह से उन्होंने पार्टी छोड़ने का एलान किया है।
जेजेपी नेता तेज़ बहादुर ने जेजेपी से नाराज़ होकर एक वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में उन्होंने इस समर्थन को हरियाणा की जनता के साथ गद्दारी बताते हुए कहा है कि आपको विपक्ष में बैठना चाहिए था। जब बीजेपी निर्दलीय विधायकों के साथ सरकार बना रही थी, तब आप खुद गए और गठबंधन किया। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश की जनता के साथ धोखा है। यह गठबंधन गलत है। इसके साथ ही उन्होंने जेजेपी पर हमला करते हुए उसे बीजेपी की बेटी कह दिया। उन्होंने कहा कि जो बीजेपी है, वही जेजेपी है। जेजेपी बीजेपी की बेटी है। और यह अब जनता के सामने आ चुका है।
पहले से था अंदेशा
पूर्व जवान तेज़ बहादुर ने कहा कि उन्हें इसका पहले से ही अंदेशा था। उन्होंने कहा कि जब मैं चार दिन झांसी जेल में बंद रहा, तब पार्टी की ओर से कोई बयान तक नहीं आया। उन्होंने कहा कि जेजेपी और बीजेपी के साथ आने के अंदेशे के कारण ही करनाल सीट पर चुनाव प्रचार भी नहीं किया गया। बता दें कि पूर्व बीएसएफ जवान तेज बहादुर जजपा के लिए करनाल विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे।
प्रधानमंत्री के खिलाफ हो चुके हैं खड़े
बता दें कि बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव ने बीएसएफ में तैनात रहते हुए खराब खाने का आरोप लगाते हुए एक वीडियो वायरल किया था। इस वीडियो के वायरल होने के बाद बीएसएफ ने मामले की जांच कराई और इसके बाद तेज बहादुर को अनुशासनहीनता के आरोप में बर्खास्त कर दिया था। 2019 के आम चुनाव में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भी वाराणसी संसदीय सीट से नामांकन दाखिल किया था। उस समय समाजवादी पार्टी ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया था। हालांकि चुनाव अधिकारी ने उनका नामांकन खारिज कर दिया था।