टाटा कंपनी करेगी पुनर्गठन, छिन सकता है हजारों का रोजगार
टाटा स्टील ग्रुप में काम कर रहे कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है। अपनी पुनर्गठन योजना को लेकर टाटा स्टील यूरोप ने यूरोपीय वर्क्स काउंसिल (EWC) के साथ विचार-विमर्श शुरू कर दिया है। इस योजना पर अमल से कंपनी के तकरीबन 3 हजार कर्मचारियों को रोजगार का नुकसान हो सकता है। इनमें से 1,000 रोजगार ब्रिटेन में कम होने की सम्भवना है।
बीते सप्ताह ही टाटा स्टील ने व्यापक बदलाव के अपने कार्यक्रम के तहत रोजगार में कटौती की घोषणा की थी। कंपनी ने इसकी वजह वैश्विक मोर्चे पर इस्पात उद्योग के समक्ष लगातार जारी चुनौतियों के चलते उसे हो रहे नुकसान को बताया है। वहीँ, बीते दिन कंपनी ने वक्तव्य जारी कर कहा कि व्यापक प्रस्ताव जो किया गया है, उसके तहत टाटा स्टील यूरोप रोजगार की लागत को कम करना चाहती है। इसमें कहा गया है, कार्यक्रम पर अमल होने से 3,000 के करीब कर्मचारियों की संख्या में कमी आ सकती है। इनमें से दो तिहाई कटौतियां प्रबंधन और कार्यालय आधारित कर्मियों में होंगी। इसके अलावा 1,600 के करीब नौकरियां नीदरलैंड, 1,000 ब्रिटेन में और 350 नौकरियां दुनिया में अन्य जगहों पर जा सकतीं हैं।
सभी के समर्पण भाव से गर्वित : हेनरिक एडाम
बता दें कि फिलहाल टाटा स्टील का इरादा वित्तीय रूप से मजबूत और वहनीय यूरोपीय कारोबार बनाना है। ऐसा कारोबार जो कि नवोन्मेष को बढ़ाने और कंपनी को कार्बनरहित इस्पात विनिर्माता बनाने की दिशा में जरूरी निवेश करने में सक्षम हो। टाटा स्टील यूरोप के सीईओ हेनरिक एडाम ने कहा, इस व्यवसाय में हर किसी के समर्पण भाव को देखकर मुझे काफी गर्व होता है। कठिन परिस्थितियों में भी हर कोई सफल होने के लिये प्रतिबद्ध दिखाई देता है। मैं इन प्रस्तावों को लेकर सहयोगियों की चिंताओं को समझता हूं।
उन्होंने कहा, बदलाव से अनिश्चितता पैदा होती है, लेकिन हम रुके नहीं रह सकते हैं- हमारे ईद-गिर्द पूरी दुनिया तेजी से बदल रही है और हमें इसके साथ चलना होगा। हमारी रणनीति एक मजबूत और निरंतर टिकाऊ बने रहने वाले यूरोपीय व्यावसाय को खड़ा करने की है जो कि भविष्य की सफलता के लिये जरूरी निवेश करने में सक्षम हो। गौरतलब है कि टाटा स्टील भारत की इस्पात क्षेत्र की प्रमुख कंपनी है। इसका मुख्यालय पश्चिम बंगाल के कोलकाता में स्थित है।