रिटेल मार्केट में नई जंग, Just Dial में रिलायंस के दांव से बढ़ेगी टाटा की टेंशन!
जाने-माने उद्योगपति मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के रिटेल वेंचर्स ने एक अहम डील की है। दरअसल, रिलायंस रिटेल वेंचर्स (आरआरवीएल) ने जस्ट डायल में 40.95 फीसदी हिस्सेदरी 3,497 करोड़ रुपये में अधिग्रहण करने का ऐलान किया है। इसके अलावा कंपनी 26 फीसदी हिस्सेदारी के लिए ओपन ऑफर लेकर आएगी, जिसके बाद जस्ट डायल में कुल हिस्सेदारी 66.95 फीसदी होगी। रिटेल मार्केट में रिलायंस के इस कदम को टाटा ग्रुप के लिए नई चुनौती माना जा रहा है।
क्यों है नई चुनौती: रिलायंस ने जस्ट डायल का अधिग्रहण ऐसे समय में किया है जब इस साल के अंत तक टाटा ग्रुप अपने डिजिटल कारोबार को बढ़ाने के लिए सुपर ऐप की लॉन्चिंग करने वाला है। इसी विस्तार योजना के तहत टाटा डिजिटल ने भी जस्ट डायल के अधिग्रहण की कोशिश की थी लेकिन बात नहीं बन पाई। हालांकि, इसके बाद टाटा ने एक के बाद एक कई स्टार्टअप में निवेश कर रिटेल कारोबार को मजबूत करने की दिशा में कदम उठाया है।
जस्ट डायल में निवेश का फायदा: रिलायंस ने जस्ट डायल में निवेश कर अपनी डेटाबेस को मजबूत किया है। जस्ट डायल अपने प्लेटफॉर्म पर लाखों उत्पादों और सेवाओं के विस्तार पर काम करेगी जिससे लेनदेन को बढ़ावा मिलेगा। यह निवेश जस्ट डायल के मौजूदा डेटाबेस को भी मदद पहुंचाएगा। 31 मार्च 2021 तक जस्ट डायल के डेटाबेस में 30.4 मिलियन लिस्टिंग थी और तिमाही के दौरान 129.1 मिलियन यूनिक यूजर्स जस्ट डायल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे थे।
फ्यूचर समूह की डील का क्या होगा: रिलायंस और फ्यूचर समूह के बीच की डील पर भी सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (एसआईएसी) का फैसला आने वाला है। दरअसल, फ्यूचर समूह और रिलायंस इंडस्ट्रीज के बीच 24,713 करोड़ रुपये के सौदे के खिलाफ ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन द्वारा दायर याचिका पर अंतिम सुनवाई पूरी कर ली है। इस मामले में अगस्त तक फैसला सुनाया जा सकता है। अगर फैसला फ्यूचर समूह के पक्ष में आता है तो रिटेल मार्केट में रिलायंस का दबदबा बढ़ जाएगा।
क्यों हुआ है विवाद: आपको बता दें कि यह विवाद अगस्त 2020 में फ्यूचर समूह द्वारा करीब 24,000 करोड़ रुपये में अपने खुदरा, भंडारण और लॉजिस्टिक कारोबार को रिलायंस इंडस्ट्रीज को बेचने के समझौते की घोषणा के साथ शुरू हुआ था। इस डील पर ई कॉमर्स कंपनी अमेजन को आपत्ति है। अमेजन का कहना है कि वह फ्यूचर समूह की कंपनी फ्यूचर कूपन्स लिमिटेड में हिस्सेदार है। इसलिए अमेजन रिलायंस और फ्यूचर समूह की डील के विरोध में है।