तालिबान का फरमान-
अफगान में केवल हिजाब पहनने वाली महिलाओं को मिलेगी नौकरी, पढ़ाई के लिए भी पर्दा जरूरी
अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाले आतंकवादी संगठन तालिबान ने कहा है कि देश में केवल हिजाब पहनने वाली महिलाओं को ही शिक्षा और काम (रोजगार) का अधिकार मिलेगा तथा अमेरिका को देश की संस्कृति बदलने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने शुक्रवार देर रात ‘फॉक्स न्यूज’ से कहा, “महिलाओं के अधिकारों के बारे में कोई समस्या नहीं होगी, उनकी शिक्षा और काम के बारे में भी कोई समस्या नहीं होगी … हमारी संस्कृति है कि वे हिजाब के साथ शिक्षा प्राप्त कर सकती हैं। वे हिजाब के साथ काम कर सकती हैं।”
उन्होंने कहा कि अमेरिका ने अफगानिस्तान से महिलाओं के बिना हिजाब के काम करने और शिक्षा प्राप्त करने के अधिकार को सुनिश्चित करने का आह्वान किया था, जो अफगानी संस्कृति को बदलने का एक प्रयास था। संगठन के दृष्टिकोण से यह अस्वीकार्य है।
गौरतलब है कि तालिबान ने एक सप्ताह तक अफगानिस्तान के विभिन्न प्रांतों पर हमलों और कब्जे के बाद 15 अगस्त को काबुल में प्रवेश किया जिसके कारण राष्ट्रपति अशरफ गनी को पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा और अमेरिका समर्थित सरकार गिर गयी।
बुर्का पहनने को तैयार, मिले पढ़ने का अधिकार…
अफगानिस्तान में तालिबान शासन के आने के बाद से महिलाओं में डर पैदा हो गया है कि अब उनसे उनके अधिकार छीनी लिए जाएंगे। अफगानिस्तान की कुछ महिलाओं ने अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने का फैसला करत हुए गुरुवार को एक विरोध प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन के जरिए उन्होंने तालिबान से कहा है कि वे बुर्का पहनने के लिए तैयार हैं लेकिन उन्हें पढ़ने और काम करने का अधिकार दिया जाए। विद्रोही अफगान महिलाओं ने हाल ही में एक दुर्लभ विरोध प्रदर्शन करते हुए कहा कि वे बुर्का पहनने को तैयार हैं यदि उनकी बेटियां अभी भी तालिबान शासन के तहत स्कूल जा सकती हैं।