अफ़ग़ानिस्तान तालिबान काबुल से कुछ ही मील दूर, राजनयिक प्रयास तेज़
शनिवार को तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान सरकार के गढ़ कहे जाने वाले मज़ार-ए-शरीफ़ पर क़ब्ज़ा कर लिया. अफ़ग़ानिस्तान के कुल 34 प्रांतों में से 19 प्रांतों की राजधानी पर तालिबान लड़ाकों का क़ब्ज़ा हो चुका है.
अख़बार दुनिया के अनुसार अमेरिकी की एक ख़ुफ़िया रिपोर्ट के अनुसार तालिबान अगले 72 घंटे में राजधानी काबुल पर क़ब्ज़ा कर सकता हैं. अख़बार के अनुसार अमेरिका ने अपने दूतावास के अधिकारी को सभी संवेदनशील काग़ज़ात नष्ट करने के आदेश दे दिए हैं.
अख़बार लिखता है कि काबुल तालिबान के हाथों में जाने के लिए तैयार है. अख़बार के अनुसार कई पुलिसकर्मी थाना छोड़कर चले गए हैं जिससे कई पुलिस थाने ख़ाली हो गए हैं.
अख़बार के अनुसार तालिबान के काबुल पहुँचने के कुछ ही घंटे बाद अफ़ग़ानिस्तान प्रशासन को काबुल हवाईअड्डे शिफ़्ट कर दिया जाएगा. अमेरिकी दूतावास के अधिकारियों को भी काबुल हवाईअड्डे शिफ़्ट करने पर विचार किया जा रहा है,.
दूसरी तरफ़ समस्या के राजनयिक हल के लिए गतिविधियां तेज़ हो गईं हैं.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने चीनी राजदूत से मुलाक़ात की और सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा ने पाकिस्तान में अमेरिकी की वरिष्ठ राजनयिक एंजेला एग्लर से मुलाक़ात की.
एंजेला एग्लर से मुलाक़ात के बाद जनरल बाजवा ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान शांति प्रक्रिया के लिए पाकिस्तान प्रतिबद्ध है. जनरल बाजवा ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में शांति बहाली के लिए पाकिस्तान तमाम स्टेक होल्डर्स के साथ मिलकर काम करता रहेगा.
एंजेला एग्लर ने क्षेत्र में शांति और स्थायित्व के लिए पाकिस्तान के लगातार समर्थन को स्वीकार किया.
अख़बार जंग के अनुसार इससे पहले ब्रिटेन के रक्षा मंत्री बेन वैलेस ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान गृहयुद्ध की तरफ़ बढ़ रहा है.
बेन वैलेस का कहना था,”मेरे ख़याल में हम अफ़ग़ानिस्तान में गृहयुद्ध की तरफ़ बढ़ रहे हैं. प्रांतीय सरकारें नाकाम हो रही हैं. देश में ग़रीबी और दहशतगर्दी बढ़ रही है.”
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा है कि काबुल में स्थित अमेरिकी दूतावास अभी खुला रहेगा लेकिन काबुल में बदलते सुरक्षा हालात के कारण वहां मौजूद आम लोगों की संख्या में कमी की जा रही है. दूसरी तरफ़ स्विटज़रलैंड, डेनमार्क और नॉर्वे ने काबुल में अपने दूतावास बंद करने की घोषणा की है. जर्मनी और फ़्रांस ने दूतावास ने अपने स्टाफ़ में भारी कटौती कर दी है.
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि अफ़ग़ानिस्तान में मानव त्रासदी जन्म लेने वाला है. संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफ़ेन डोजार्क ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र अफ़ग़ानिस्तान में बदलते हालात का हर घंटे जायज़ा ले रहा है लेकिन फ़िलहाल संयुक्त राष्ट्र के किसी भी स्टाफ़ को वहां से नहीं निकाला जाएगा. उन्होंने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान के अन्य इलाक़ों में रह रहे संयुक्त राष्ट्र के स्टाफ़ को राजधानी काबुल लाया जा रहा है.