अफगानिस्तान में फंसे 150 भारतीयों को लेकर हिंडन एयरबेस पहुंचा एयरफोर्स का सी-17 विमान

तालिबानी नेता जलालाबाद में स्ट्रैटेजी पर चर्चा कर रहे हैं। उधर दोहा में भी मीटिंग चल रही है। फोटो जलालाबाद की है।

अफगानिस्तान पर तालिबानी कब्जे के बाद काबुल से भारतीयों काे लाने का सिलसिला जारी है। इंडियन एयरफोर्स का सी-17 विमान मंगलवार शाम 5 बजे अफगानिस्तान में फंसे भारतीय नागरिकों को लेकर हिंडन एयरबेस पहुंचा। काबुल से यह विमान 150 लोगों को लेकर सबसे पहले जामनगर उतरा था। यहां घबराए लोगों को ब्रेकफास्ट कराया गया। इसके बाद इन्हे दिल्ली के हिंडन एयरबेस पर लाया गया है। यहां से सीाी लोगों को उनके घर भेजा जाएगा।

तालिबान आज बताएगा अफगानिस्तान में हुकूमत का रोडमैप
काबुल एयरपोर्ट और पंजशीर को छोड़ पूरा अफगानिस्तान अब तालिबान के कब्जे में है। इस बीच तालिबान की संस्कृति परिषद का प्रमुख जबीउल्लाह मुजाहिद आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा। जबीउल्लाह को दुनिया पहली बार देखेगी, क्योंकि अभी तक उसकी कोई तस्वीर सामने नहीं आई है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वह बताएगा कि तालिबान का शासन कैसा होगा, यानी वह अफगानिस्तान में तालिबानी संस्कृति लागू करने का रोडमैप बताएगा।

आशंका है कि जबीउल्लाह महिलाओं पर कई तरह की पाबंदियां लगाने का ऐलान कर सकता है। हालांकि तालिबान ने महिलाओं से सरकार में शामिल होने की अपील करते हुए कहा है कि वे महिलाओं को परेशान नहीं करना चाहते।

सरकार में भागीदारी को लेकर महिलाओं ने तालिबान के सामने किया प्रदर्शन
काबुल में राष्ट्रपति भवन के बाहर महिलाओं के एक छोटे समूह ने सरकार और प्रशासन में भागीदारी की मांग को लेकर प्रोटोस्ट किया। तालिबान के सामने ये प्रोटेस्ट हुआ, हालांकि तालिबान ने कुछ नहीं कहा। काबुल से एक महिला अधिकार कार्यकर्ता ने ये वीडियो भास्कर को भेजा है। अफगानिस्तान में एक महिला मामलों का मंत्रालय भी है। आज तालिबानी इसके बाहर भी सुरक्षा में खड़े थे।

काबुल में राश्ट्रपति भवन के बाहर तालिबान की मौजूदगी में प्रदर्शन करतीं महिलाएं।

मुल्ला बरादर और मुल्ला मोहम्मद फजल कंधार पहुंचे
मुल्ला बरादर तालिबान के दल के साथ कतर से कंधार पहुंचे हैं। उनके साथ मुल्ला मोहम्मद फजल भी है जो कभी ग्वाटेनामो बे जेल में कैद थे। मुल्ला फजल पहली तालिबान सरकार में रक्षा मंत्री थे।

काबुल में एक महिला पत्रकार भी फंसी हुई हैं। उनकी मां ने विदेश मंत्रालय से मदद मांगी है।

महिला पत्रकार की मां बोली-बेटी दिलेर है, कहा चिंता मत करो, जल्द लौटूंगी
अफगानिस्तान में काम करने वाली फ्रीलांस जर्नलिस्ट कनिका गुप्ता भी काबुल में फंसी हुई हैं। उनकी मां मधु गुप्ता ने भास्कर को बताया कि उन्होंने कनिका से बात की है। अफगानिस्तान के हालात पूछने पर बेटी दिलेरी से कहती है कि आप लोग फिजुल में डर जाओगे, मैं अभी सुरक्षित है। हमारी रोज बात होती है। उसने रविवार को कहा था कि मैं जल्दी ही वापस आऊंगी। विदेश मंत्रालय हमारी पूरी मदद कर रही है।

150 भारतीयों को काबुल से एयरलिफ्ट किया गया
अफगानिस्तान के मौजूदा हालात को देखते हुए भारत सरकार ने काबुल में स्थित राजदूत रुदेंद्र टंडन और उनके भारतीय स्टाफ को वापस बुला लिया है। वायुसेना का ग्लोबमास्टर C-17 एयरक्राफ्ट काबुल से 150 लोगों को लेकर करीब 11.15 बजे गुजरात के जामनगर पहुंचा। भारतीय राजदूत भी इसी विमान से आए हैं। काबुल से आए इन लोगों के लिए जामनगर में लंच रखा गया था। इसके बाद इन्हें ग्लोबमास्टर C-17 से ही गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस रवाना कर दिया गया।

काबुल से लौटे लोगों का जामनगर एयरपोर्ट पर फूल मालाओं से स्वागत किया गया। यहां लोगों ने भारत माता की जय के नारे भी लगाए।

हिंडन एयरपोर्ट पर इंतजार करते ITBP के जवान तेजिंदर शर्मा के परिजन। तेजिंदर भी ग्लोबमास्टर C-17 से काबुल से लौटे हैं।

न्यूज एजेंसी ANI के सूत्रों के मुताबिक अफगानिस्तान में फंसे बाकी भारतीय भी सुरक्षित इलाके में हैं और एक-दो दिन में उन्हें भी एयरलिफ्ट कर लिया जाएगा। विदेश मंत्रालय भी सोमवार को कह चुका है कि अफगानिस्तान की घटना पर करीब से नजर बनाए हुए है और अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर कदम उठाए जाएंगे।

विदेश मंत्रालय का कहना है, ‘हम जानते हैं कि अफगानिस्तान में कुछ भारतीय नागरिक हैं जो वापस लौटना चाहते हैं और हम उनके संपर्क में हैं। हम हर भारतीय से अपील करते हैं कि वे फौरन भारत लौंटे। हम अफगान सिख, हिंदू समुदायों के प्रतिनिधियों से भी लगातार संपर्क में हैं, जो लोग अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं उन्हें भारत लाने की पूरी सुविधा दी जाएगी।’

गृह मंत्रालय ने इमरजेंसी वीजा शुरू किया
इस बीच गृह मंत्रालय ने अफगानिस्तान से भारत आने वाले लोगों के लिए वीजा नियमों में बदलाव किया है। मौजूदा हालात को देखते हुए इलेक्ट्रोनिक वीजा की एक नई कैटेग्री e-Emergency X-Misc Visa शुरू की गई है। अफगानिस्तान से भारत आने वाले लोगों को जल्द से जल्द वीजा मिल सके, इसके लिए यह सुविधा शुरू की गई है।

भारत ने कहा- अफगानिस्तान के लोगों से बातचीत जारी रखेंगे
काबुल से जामनगर पहुंचने पर भारतीय राजदूत रुदेंद्र टंडन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि काबुल पर पूरी तरह तालिबान का कब्जा है और वहां से भारतीयों को लाने की कोशिशें जारी हैं। टंडन ने एयरलिफ्ट के लिए वायुसेना का आभार जताते हुए कहा यह असामान्य परिस्थितियों में किया गया इवैक्यूशन था। साथ ही कहा कि भारत सरकार स्थिति पर नजर रखे हुए है। उन्होंने कहा है कि काबुल छोड़ने का मतलब ये नहीं कि हमने अफगानिस्तान के लोगों और उनकी भलाई को छोड़ दिया है। अफगानिस्तान के लोगों से रिश्ते हमारे जेहन में हैं। हम उनसे बातचीत जारी रखने की कोशिश करेंगे।

अपडेट्स

विदेश मंत्रालय ने अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर +919717785379 और ईमेल [email protected] भी जारी किए हैं।भारतीयों के एयरलिफ्ट की कोशिशों के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने अपने अमेरिकी समकक्ष जेक सुलिवान से बात की है।फेसबुक ने तालिबान को बैन कर दिया है। साथ ही तालिबान की तारीफ या समर्थन करने वाले कंटेंट पर भी रोक लगा दी है। तालिबान से जुड़ा कंटेंट हटाने के लिए फेसबुक ने स्थानीय भाषाओं के एक्सपर्ट रखे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का कहना है कि अमेरिकी कानून के मुताबिक तालिबान एक आतंकी संगठन है।तालिबान ने काबुल में सभी सरकारी कर्मचारियों को अभयदान देने का ऐलान किया है। तालिबान ने कहा है कि सभी काम पर लौट आएं।तालिबान ने दावा किया है कि आज कहीं से भी मौत या हिंसा की खबर नहीं आई है। यानी, अफगानिस्तान में शांति लौट रही है। तालिबान की तरफ से ऐसी तस्वीरें भी जारी की जा रही हैं, जिनमें ये दिखाने की कोशिश हो रही है कि लोग खुश हैं और उनका स्वागत कर रहे हैं।

फोटो अफगानिस्तान के हेरात प्रांत की है जहां स्कूल खुल गए हैं।

तालिबान की नई सत्ता को लेकर दोहा में चर्चा हो रही है। माना जा रहा है कि तालिबान मुल्ला बरादर को अफगानिस्तान की कमान सौंप सकता है।

काबुल एयरपोर्ट फिर से खोला गया, अमेरिकी सैनिकों ने संभाला मोर्चा
काबुल एयरपोर्ट पर सोमवार को अमेरिकी प्लेन से लटककर भागने के दौरान 7 लोगों की गिरकर मौत हो गई। वहीं अमेरिकी सैनिकों ने काबुल एयरपोर्ट पर दो हथियारबंद लोगों को मार गिराया। इन हालातों को देखते हुए सभी सैन्य और कमर्शियल विमानों को रोका दिया गया था, लेकिन 1000 अमेरिकी सैनिकों के पहुंचने पर देर रात एयरपोर्ट फिर से खोल दिया गया। काबुल एयरपोर्ट अभी अमेरिका के ही कब्जे में है। यहां अमेरिकी सैनिक ही उड़ानों का मैनेजमेंट देख रहे हैं।

फोटो काबुल एयरपोर्ट की है। यहां से अमेरिकी एयरफोर्स के विमान से अफगानियों को कतर भेजा गया। इस विमान में 640 लोग सवार थे।

एयरपोर्ट पर 6 हजार सैनिक तैनात करेगा अमेरिका
अमेरिका ने कहा है कि वह एयरपोर्ट पर अपने 6 हजार सैनिक तैनात करेगा, ताकि नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके। अभी काबुल एयरपोर्ट पर भगदड़ जैसे हालात हैं। देश छोड़ने के लिए लोग हजारों की तादाद में वहां जमा हो गए हैं। कई ऐसे भी हैं जो बिना कोई सामान लिए एयरपोर्ट पर पहुंच गए हैं।

अमेरिका ने तालिबान को दी चेतावनी
अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बीती रात बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में हालात अचानक बदल गए। इसका असर दूसरे देशों पर भी पड़ा है। लेकिन, आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी। बाइडेन ने तालिबान को चेतावनी भी दी है कि अगर अमेरिकियों को नुकसान पहुंचाया तो तेजी से जवाब दिया जाएगा।

अफगानी कर्मचारियों, सुरक्षाबलों को घर-घर तलाश रहे तालिबानी
तालिबान ने मंगलवार को भले ही सरकारी कर्मचारियों को अभयदान देने की बात कही हो, लेकिन देश छोड़ने के लिए एयरपोर्ट से लेकर हर जगह भगदड़ मची है। तालिबान के खौफ से पुलिस और सुरक्षाबलों के जवानों ने वर्दी उतार दी है। वे अपने घर छोड़कर अंडरग्राउंड हो गए हैं। खबरें आ रही हैं कि तालिबान ने कर्मचारियों, पुलिस-सैन्य अफसरों, पत्रकारों और विदेशी NGO से जुड़े लोगों की तलाश में डोर-टु-डोर सर्च शुरू किया है।

संयुक्त राष्ट्र की बैठक में आज अफगानिस्तान पर होगी चर्चा
अफगानिस्तान के मौजूदा हालात पर आज अमेरिका में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में भी चर्चा होगी। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर भी इस मीटिंग में शामिल होंगे। उन्होंने कहा है कि सुरक्षा परिषद की बैठक में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंताओं को लेकर चर्चा की उम्मीद है। इस बैठक से पहले जयशंकर की अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी जे ब्लिंकन से भी बात हुई है।

तालिबानी फरमान नहीं मानने वालों को कड़ी सजा
काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद से अफगानिस्तान में भारी तबाही और औरतों पर बंदिशों का दौर फिर से लौटता नजर आ रहा है। तालिबान ने महिलाओं पर पाबंदियां लगानी शुरू कर दी हैं। लड़कियों के पढ़ने-लिखे, स्कूल-कॉलेज जाने और महिलाओं के दफ्तर जाने पर रोक लगा दी है। बिना पुरुष के घर से निकलने पर पाबंदी लगा दी गई है। औरतों का बुर्का पहनना जरूरी कर दिया गया है। तालिबान का फरमान नहीं मानने पर कड़ी सजा भी दी जा रही है।

काबुल एयरपोर्ट पर सोमवार को एक चौंकाने वाली खबर सामने आई। भास्कर को सूत्रों ने बताया कि एयरपोर्ट के नजदीक कई ऐसी महिलाओं को गोली मार दी गई जिन्होंने हिजाब नहीं पहना था। हालांकि, तालिबान के एक सूत्र ने इस खबर को गलत बताया है। उसने कहा कि ये अफवाहें तालिबान को बदनाम करने के लिए उड़ाई जा रही हैं।

फोटो काबुल की है, जहां महिलाओं ने बुर्का पहनना शुरू कर दिया है। उनके चेहरे पर तालिबान का खौफ साफ देखा जा सकता है।

दुनिया की सबसे स्टाइलिश औरतें बुर्का पहनने को मजबूर
अफगानिस्तान की महिलाएं आजादी मांग रही हैं और अपना दर्द साझा कर रही हैं। अफगानिस्तान की फैशन फोटोग्राफर फातिमा कहती हैं कि अफगानी महिलाएं दुनिया की सबसे स्टाइलिश औरतों में से मानी जाती हैं, लेकिन तालिबान के लौटने से उन्हें फिर से बुर्के में लौटना पड़ रहा है। 22 साल की आयशा काबुल यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल रिलेशंस का कोर्स कर रही हैं। वे कहती हैं, ‘मेरे फाइनल सेमेस्टर पूरा होने में महज दो महीने ही बाकी रह गए हैं, लेकिन अब शायद मैं कभी ग्रेजुएट नहीं हो पाऊंगी।’

तालिबानी शासन किसी भी महिला को नौकरी या बिजनेस करने की इजाजत नहीं देता। इसलिए फैशन और कॉस्मेटिक इंडस्ट्री से जुड़ी महिलाएं खुद ही दुकानें बंद कर रही हैं। फोटो काबुल की है।

यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली 26 साल की हबीबा कहती हैं, “तालिबान ने स्कूल-कॉलेज बंद करवा दिए हैं, लेकिन बुर्के की दुकानें खुल रही हैं।

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