तालिबानी हुकूमत: अब सामने आएगा तालिबानी नेता
तालिबान का नया फरमान- लड़के-लड़कियों के साथ पढ़ने पर रोक, लड़कियों को नहीं पढ़ा सकेंगे पुरुष टीचर
इससे पहले अफगानिस्तान के पूर्वी हेरात शहर में यह आदेश जारी किया गया था कि लड़कियों और लड़कों को एक ही क्लास में नहीं पढ़ाया जा सकता है। -फाइल फोटो
कुछ दिनों पहले तक महिलाओं को अधिकार देने की बात कह रहे तालिबान ने पुराने ढर्रे पर लौटना शुरू कर दिया है। तालिबान ने रविवार को लड़के और लड़कियों के साथ पढ़ाई करने पर बैन लगा दिया है। इतना ही नहीं नए तालिबानी फरमान के मुताबिक अब अफगानिस्तान में कोई भी पुरुष शिक्षक लड़कियों को नहीं पढ़ा सकेगा।
एक दिन पहले ही शेख अब्दुल बाकी हक्कानी को तालिबान ने उच्च शिक्षा मंत्री नियुक्त किया था। इससे पहले अफगानिस्तान के पूर्वी हेरात शहर में यह आदेश जारी किया गया था कि लड़कियों और लड़कों को एक ही क्लास में नहीं पढ़ाया जा सकता है।
जल्द सामने आएगा तालिबान का सुप्रीम लीडर
तालिबान का सुप्रीम लीडर अखुंदजादा इस समय कंधार में है। अब तक वह कभी दुनिया के सामने नहीं आया है। तालिबान के डिप्टी स्पोक्समैन बिलाल करीमी ने AFP को बताया कि हिबतुल्ला अखुंदजादा के बारे में मैं पुष्टि कर सकता हूं कि वह कंधार में हैं। वह जल्द ही सार्वजनिक रूप से दिखाई देंगे।
मीडिया हाउस के दफ्तर पहुंचे तालिबानी लड़ाके
तालिबान के लड़ाके अफगानिस्तान के मीडिया ग्रुप इतिलात रोज के दफ्तर पहुंचे। इस दखलंदाजी पर संस्थान का कहना है कि अगर ऐसा होगा तो वे काम नहीं कर पाएंगे। यह मीडिया संस्थान खोजी रिपोर्ट के लिए जाना जाता है।
अफगानिस्तान बॉर्डर पर फायरिंग, 2 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत
पाकिस्तान-अफगानिस्तान बॉर्डर पर रविवार रात हुई फायरिंग में पाकिस्तान के 2 सैनिकों की मौत हो गई। मुठभेड़ खैबर पख्तूनख्वा बाजौर जिले में हुई। बाजौर में स्थित पाकिस्तान के मीलिट्री पोस्ट पर अफगानिस्तान की तरफ से फायरिंग की गई। इस दौरान पाकिस्तान के सैनिकों ने भी फायरिंग की।
अमेरिका पहुंचे काबुल हमले में मारे गए सैनिकों के शव
काबुल एयरपोर्ट पर गुरुवार को हुए ब्लास्ट में मारे गए अमेरिकी सैनिकों के शव रविवार रात अमेरिका पहुंचे हैं। इन्हें C-17 ग्लोबमास्टर से अमेरिका लाया गया है। शवों को रिसीव करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी डेलवेयर में स्थित डोवर एयरफोर्स बेस पर मौजूद हैं। काबुल में हुए 2 ब्लास्ट में अमेरिका के 13 जवान मारे गए थे।
बगलान प्रांत में सिंगर की गोली मारकर हत्या की
अफगानिस्तान में तालिबानी लड़ाकों की हिंसा का मामला सामने आया था। लोकल मीडिया अश्वका न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान के लड़ाकों ने काबुल से 100 किलोमीटर दूर बगलान प्रांत के अंद्राब इलाके में सिंगर (लोकगायक) फवाद अंद्राबी की गोली मारकर हत्या कर दी। गोली मारने से पहले तालिबानियों ने उन्हें घर से घसीटते हुए बाहर निकाला। अफगानिस्तान के पूर्व गृहमंत्री मसूद अंद्राबी ने इस घटना को कंफर्म किया है।
फवाद के परिवार के मुताबिक कुछ दिन पहले भी तालिबान के लड़ाके उनके घर आए थे और तलाशी ली थी। तब लड़ाकों ने घर पर चाय पी थी और परिवार में से किसी को भी नुकसान न पहुंचाने का वादा कर चले गए थे। इससे पहले भी तालिबान वहां के कलाकारों पर हमला करता रहा है।
इस बीच तालिबान की बर्बरता का एक वीडियो सामने आया है। तालिबान ने दाद मोहम्मद नाम के शख्स को बुरी तरह पीटा। दाद मोहम्मद तखर प्रांत के पूर्व डिप्टी चीफ इंटेलिजेंस कादिर फितरत का साला है। दाद को पीटने का आरोप फरखर जिले के तालिबान प्रमुख मुल्ला नजीब पर है।
काबुल एयरपोर्ट के पास अमेरिका ने रविवार शाम एयरस्ट्राइक की। इसमें बच्चे सहित 2 लोगों की मौत हुई है। अमेरिका ने बयान जारी कर बताया कि ISIS-K का एक सुसाइड बॉम्बर काबुल एयरपोर्ट पर हमला करने वाला था। इससे पहले ड्रोन की मदद से एयरस्ट्राइक कर कार को उड़ा दिया गया। तालिबान ने भी बयान जारी कर घटना की पुष्टि की है। हालांकि, कहा यह भी जा रहा है कि आत्मघाती हमलावर गाड़ी में नहीं था।
तालिबान ने कहा था- काबुल एयरपोर्ट पर ISIS के हमले का खतरा
अमेरिका के बाद तालिबान ने भी काबुल एयरपोर्ट पर हमले का खतरा बताया था। न्यूज चैनल अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान ने कहा था कि काबुल एयरपोर्ट पर ISIS के हमले की आशंका बहुत ज्यादा है। साथ ही लोगों से कहा था कि वे एयरपोर्ट पर नहीं जाएं।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चेतावनी दी थी कि अगले 24 से 36 घंटे में काबुल एयरपोर्ट पर आतंकी हमला हो सकता है। बाइडेन ने कहा था कि स्थिति बेहद खतरनाक है और एयरपोर्ट पर खतरा काफी बढ़ गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने शनिवार को वॉशिंगटन में अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के अधिकारियों से चर्चा के बाद ये बयान दिया था।
इसके बाद अमेरिकी दूतावास ने लगातार तीसरे दिन काबुल एयरपोर्ट पर हमले के खतरे का अलर्ट जारी किया था। अमेरिका ने चेतावनी में अपने नागरिकों से कहा था कि वे काबुल एयरपोर्ट और उसके आस-पास के इलाकों से तुरंत हट जाएं। बता दें काबुल एयरपोर्ट पर खतरे को लेकर अमेरिका ने पहला अलर्ट गुरुवार को जारी किया था और उसी दिन शाम को आतंकी संगठन ISIS-खुरासान (ISIS-K) ने एयरपोर्ट पर हमला कर दिया था। इस हमले में 13 अमेरिकी सैनिकों समेत 170 लोगों की जान गई थी। वहीं तालिबान ने एक वीडियो जारी कर ये दावा भी किया था कि पंजशीर के लड़ाके तालिबान के प्रति वफादारी की शपथ ले रहे हैं और जल्द ही पूरे पंजशीर को तालिबान के दायरे में ले लिया जाएगा।
काबुल एयरपोर्ट ब्लास्ट: 2 पत्रकार और 2 एथलीट भी मारे गए थे
ब्लास्ट के वक्त दोनों ही पत्रकार काबुल एयरपोर्ट पर ही मौजूद थे। फोटो में अली रेजा अहमदी (बाएं) और एंकर नजमा सिद्धीकी (दाएं)।
काबुल एयरपोर्ट के बाहर गुरुवार को हुए ब्लास्ट में अफगानिस्तान के 2 पत्रकारों और 2 एथलीट की भी मौत हुई थी। अफगानिस्तान जर्नलिस्ट सेंटर (AFJC) ने यह दावा किया है।
इसके मुताबिक राहा न्यूज एजेंसी के लिए काम करने वाले अली रेजा अहमदी और जहां ए सिहात टीवी चैनल की एंकर नजमा सिद्धीकी भी हमले में मारी गईं। इसके अलावा अफगानिस्तान के नेशनल ताइक्वांडो खिलाड़ी मोहम्मद जन सुल्तानी और वुशु खिलाड़ी इदरीश भी हमले का शिकार हो गए।
अमेरिकी सैनिक काबुल एयरपोर्ट से लोगों को निकालने में जुटे हैं। अमेरिका को ये मिशन 31 अगस्त को खत्म करना है।
अमेरिका ने काबुल के हमलावरों को फिर चेताया
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हालात बेहद चिंताजनक हैं। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने काबुल एयरपोर्ट पर हमला करने वाले ISIS-खुरासान (ISIS-K) संगठन को एक बार फिर से कड़ी चेतावनी दी है। बाइडेन ने कहा है कि हाल ही में हमने ISIS-K के खिलाफ जो ड्रोन स्ट्राइक की है, उसे आखिरी न समझें। बाइडेन ने कहा है कि काबुल के घिनौने हमले में जो भी शामिल हैं उन्हें छोड़ेंगे नहीं। अमेरिका को जब भी कोई नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा या हमारी सेना पर हमला करेगा तो हम करारा जवाब देंगे, इसमें कोई शक नहीं होना चाहिए।
अमरुल्लाह सालेह बोले- तालिबान ज्यादा दिन टिक नहीं पाएगा
अफगानिस्तान के पंजशीर में तालिबान से जंग लड़ रहे पूर्व उप-राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने कहा है कि तालिबानी हुकूमत ज्यादा दिन टिक नहीं पाएगी। सालेह का कहना है कि तालिबान के कायदे-कानून अफगानिस्तान के लोगों को मंजूर नहीं है। अफगानी ये भी मंजूर नहीं करेंगे कि कोई एक ग्रुप देश का नेता चुने, इसलिए तालिबान लंबा नहीं टिक नहीं पाएगा। सालेह का कहना है कि तालिबान न तो अफगानिस्तान में और न ही बाहर वैध। उसे जल्द गहरे सैन्य संकट का सामना करना पड़ेगा। पंजशीर के अलावा दूसरे इलाकों में भी उसका विरोध बढ़ रहा है।
अफगानिस्तान के हालात पर भारत और अमेरिकी विदेश मंत्री ने चर्चा की
अफगानिस्तान के हालात पर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की है। इस दौरान अफगानिस्तान में आपसी सहयोग जारी रखने पर सहमति बनी है। बता दें कि काबुल एयरपोर्ट 31 अगस्त तक अमेरिकी सेना के कब्जे में है, 1 सितंबर से यह तालिबान के कंट्रोल में चला जाएगा। अमेरिका और भारत समेत कई देश काबुल से अपने नागरिकों को निकालने में जुटे हैं। भारत ने बीते शुक्रवार को कहा था कि अफगानिस्तान से अपने ज्यादातर लोगों को निकाल लिया है, लेकिन कुछ अभी भी अटके हुए हैं।
काबुल एयरपोर्ट के 3 प्रमुख गेट से अमेरिकी सैनिक हटे, तालिबान ने संभाला मोर्चा
अमेरिकी सैनिकों ने काबुल हवाई अड्डे के तीन गेट और कुछ अन्य हिस्सों को शनिवार को खाली कर दिया। इसके बाद तालिबान लड़ाकों ने इन इलाकों का कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया है। टोलो न्यूज ने इसकी पुष्टि की है। दूसरी तरफ एक वरिष्ठ अमेरिकी सैन्य अफसर ने बताया कि शनिवार को अमेरिका के ड्रोन हमले में आतंकी संगठन ISIS-K के 2 बड़े आतंकी मारे गए हैं, जबकि एक घायल हुआ है।
तालिबान ने पंजशीर में दाखिल होने का दावा किया
तालिबान ने अपने कब्जे से बचे अफगानिस्तान के एक मात्र पंजशीर प्रांत में दाखिल होने का दावा किया है। तालिबान के सांस्कृतिक आयोग के सदस्य अनामुल्ला समांगानी ने कहा, ‘इस्लामिक अमीरात की सेना ने शनिवार को बिना किसी विरोध और खून-खराबे के पंजशीर में एंट्री कर ली है। इस दौरान विरोधी पक्ष से उनकी कोई लड़ाई नहीं हुई।’ हालांकि, समांगानी ने ये भी कहा कि बातचीत के लिए अभी भी दरवाजे खुले हैं।
वहीं पंजशीर के लड़ाकों ने तालिबान के दावों को खोखला बताया है। नॉर्दर्न अलायंस के प्रमुख अहमद मसूद के समर्थकों ने तालिबान के दावों को खारिज किया है। रेजिस्टेंस फोर्स के प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख मोहम्मद अलमास जाहिद ने कहा, ‘पंजशीर में कोई लड़ाई नहीं हुई है। यहां तालिबान की एंट्री की खबरें बेबुनियाद हैं।’
पंजशीर के पहाड़ों पर रेजिस्टेंस फोर्स ने कमान संभाल रखी है। रेजिस्टेंस फोर्स ने कहा है कि तालिबान सपने कम देखा करे, पंजशीर में घुसना उसके लिए नामुमकिन है।
सालेह की सेना ने कपिसा प्रांत में तालिबान को खदेड़ा
अफगानिस्तान पर कब्जा जमा चुके तालिबान को कपिसा प्रांत में बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है। यहां अफगानिस्तान के कार्यवाहक राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह के नेतृत्व में मुकाबला कर रहे नेशनल रेजिस्टेंस फोर्स ने तालिबान को मुंहतोड़ जवाब दिया है। दोनों गुटों के बीच ये जंग कपिसा प्रांत के संजन और बगलान के खोस्त वा फेरेंग जिले में हो रही है। पंजशीर में सीजफायर के उल्लंघन की वजह से सालेह के लड़ाकों ने तालिबान पर पलटवार किया है।
दोनों पक्षों के बीच सीजफायर पर समझौता हुआ था
तालिबान और अहमद मसूद के प्रतिनिधिमंडल के बीच पहले दौर की वार्ता 25 अगस्त को हुई थी। इस दौरान दोनों पक्ष दूसरे दौर की वार्ता तक एक-दूसरे पर हमला नहीं करने पर सहमत हुए थे। उस वक्त रेजिस्टेंस फोर्स के मोहम्मद अलमास जाहिद ने कहा था कि दूसरे दौर की वार्ता दो दिनों में होगी। उन्होंने बातचीत विफल होने पर तालिबान को नतीजे भुगतने की चेतावनी भी दी थी।
पंजशीर के लड़ाकों के पास भारी संख्या में हथियार उपलब्ध हैं।
अमेरिकी सांसदों ने पंजशीर को मान्यता देने की मांग की
इस बीच, दो अमेरिकी सीनेटर्स ने कहा है कि पंजशीर को एक सुरक्षित क्षेत्र के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए। अमेरिका को रेजिस्टेंस फोर्स के कुछ नेताओं को भी मान्यता देनी चाहिए। कुछ रिपोर्टों से संकेत मिले हैं कि पंजशीर की ओर जाने वाले रास्ते को तालिबान ने गुलबहार-जबल सराज इलाके में ब्लॉक कर रखा है। हालांकि तालिबान ने अभी तक इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।