तालिबान हुकूमत
तालिबान बोला- किसी से बदला नहीं लेंगे, हमने सबको माफ किया; अफगानिस्तान में इस्लामी राज कायम करेंगे
अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद मंगलवार को पहली बार दुनिया के सामने आया। मुजाहिद तालिबान की संस्कृति परिषद का प्रमुख भी है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में जबीउल्लाह ने कहा- हम किसी के प्रति नफरत की भावना नहीं रखेंगे। हमें बाहरी या अंदरूनी दुश्मन नहीं चाहिए। तालिबानी नेता जलालाबाद में स्ट्रैटजी पर चर्चा कर रहे हैं। दोहा में भी मीटिंग चल रही है। हमें अफगानिस्तान को आजाद कराने का गर्व है।
अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ नहीं होने दिया जाएगा
जबीउल्लाह ने कहा, अपने नेता के आदेश पर हमने सभी को माफ कर दिया है। हम सभी की सुरक्षा की गारंटी लेते हैं। सभी दूतावास सुरक्षित हैं। मौजूदा परिस्थितियों में मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय और संयुक्त राष्ट्र को ये भरोसा देना चाहता हूं कि अफगानिस्तान में सब सुरक्षित हैं। अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ नहीं होने दिया जाएगा। हम दुनिया को ये भरोसा देते हैं कि हमारी जमीन से आपको नुकसान पहुंचने नहीं दिया जाएगा।
हमारे नियमों और सिद्धांतों से किसी को चिंता नहीं होनी चाहिए
जबीउल्लाह ने कहा, हमें अफगानिस्तान को आजाद कराने का गर्व है। हम अंतरराष्ट्रीय सीमाओं का सम्मान करते हैं। हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय को परेशान नहीं करना चाहते हैं। हमने बहुत बलिदान दिए हैं। हमें अपने धर्म के हिसाब से चलने का अधिकार है। दूसरे देशों में अलग नीतियां हैं, अलग धर्म हैं, अलग विदेशी नियम हैं। हम सभी के नियमों का सम्मान करते हैं। हम भी उसी तरह अपने मूल्यों के हिसाब से अपनी नीतियां बनाना चाहते हैं। किसी को हमारे नियमों और सिद्धांतों से चिंता नहीं होनी चाहिए।
महिलाओं को शरीयत के हिसाब से अधिकार देगा इस्लामी अमीरात
तालिबान प्रवक्ता ने कहा, इस्लामी अमीरात महिलाओं को शरीयत के हिसाब से अधिकार देगा। हमारी औरतों को वो अधिकार मिलेंगे, जो हमारे धर्म ने उन्हें दिए हैं। वो शिक्षा, स्वास्थ्य और अलग-अलग क्षेत्रों में काम करेंगी। अंतरराष्ट्रीय समुदायों को महिला अधिकारों को लेकर चिंता है, हम ये भरोसा देते हैं कि किसी के अधिकारों का उल्लंघन नहीं होगा। हमारी औरतें मुसलमान हैं, उन्हें शरीयत के हिसाब से रहना होगा।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान में निवेश की अपील की
जबीउल्लाह ने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि जब युद्ध समाप्त हो जाएगा तो हम अर्थव्यवस्था और इन्फ्रास्ट्रक्चर को विकसित करेंगे। हम अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगे। इस्लामी अमीरात को समृद्ध करेंगे। हम समूचे अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान में निवेश की अपील करते हैं। अफगान के लोग बेहतर जीवन चाहते हैं। हम कारोबार को चलने देंगे और सुरक्षा देंगे।
हम मीडिया को स्वतंत्र रूप से चलने देंगे, वे हमारे मूल्यों का सम्मान करें
जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा, एक बार फिर मैं मीडिया को ये भरोसा देना चाहता हूं कि हम मीडिया को स्वतंत्र रूप से चलने देंगे। प्राइवेट मीडिया भी हमारे फ्रेमवर्क के हिसाब से काम करे। इस्लाम हमारे देश का सबसे अहम मूल्य है। मीडिया अपनी गतिविधियों में इस्लाम के मूल्यों को भी जगह दे। वो अपने कार्यक्रमों में इस्लाम के मूल्यों को भी दिखाए। मीडिया स्वतंत्र रहे।
मीडिया हमारी आलोचना भी करे, ताकि हम और बेहतर काम कर सकें। हम अफगानिस्तान की बेहतर तरीके से सेवा करना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि अफगानिस्तान के लोग राष्ट्रीय एकता और राष्ट्रीय मूल्यों को महत्व दें। मीडिया भी इन मूल्यों के खिलाफ काम न करे। जो युवा अफगानिस्तान में पैदा हुए हैं, जिनमें टेलेंट है, हम चाहते हैं वो यहीं रहें, देश की सेवा करें।
18 महीनों की बातचीत युद्ध चाहने वालों ने पटरी से उतारी
हमारे लिए देश को कब्जाधारियों से आजाद कराना एक महान काम है। इसके बिना हम अपनी सरकार नहीं बना सकते थे। हम कतर में 18 महीने से वार्ता कर रहे थे, लेकिन युद्ध चाहने वालों ने इसे पटरी से उतारने की कोशिश की। पिछली सरकार ने हमारे खिलाफ छह महीने के युद्ध की घोषणा की थी, अगले छह महीने हम अफगान लोगों को मारे जाते हुए देखते।
देश का कानून नई सरकार तय करेगी
हमारा संघर्ष देश में इस्लामी सरकार स्थापित करने के लिए था। हमारे लड़ाकों ने, हमारे लोगों ने, जो इस संघर्ष में हमारे साथ रहे। हम सब ये सुनिश्चित कर रहे हैं कि हम देश के हर वर्ग को सरकार में शामिल कर सकें। जो लोग दुश्मन की तरफ से लड़ते हुए मारे गए हैं, ये उनकी अपनी गलती थी।
आप देखिए, हमने कुछ ही दिन में पूरे देश को नियंत्रित कर लिया है। हम किसी के घर में दाखिल नहीं हुए हैं। चाहे वो सेना से हों या आम नागरिक हों। जब सरकार बन जाएगी तब वो तय करेगी कि देश के लिए क्या कानून बनाए जाएं। कानून बनाना भविष्य की सरकार की जिम्मेदारी होगी।
अमरुल्ला सालेह ने अपने आप को अफगानिस्तान का राष्ट्रपति घोषित किया
इस बीच, उप राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने अपने आप को अफगानिस्तान का राष्ट्रपति घोषित कर दिया है। उन्होंने कहा है कि राष्ट्रपति अशरफ गनी देश के बाहर हैं। इसलिए संविधान के अनुसार अब मैं राष्ट्रपति हूं। मैं सभी से समर्थन की अपील करता हूं।
तालिबान के राजधानी काबुल पर कब्जे के बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी ने दो दिन पहले देश छोड़ दिया था। तब ये अटकलें लग रही थीं कि उनके साथ उप राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने भी अफगानिस्तान छोड़ दिया है। हालांकि, सालेह के बारे में बताया जा रहा है कि वे अभी पंजशीर में हैं, जहां तालिबान के खिलाफ आगे की रणनीति बनाई जा रही है।
अपडेट्स
अफगानिस्तान में फंसे 150 भारतीयों को लेकर शाम 4 बजे एयरफोर्स का विमान दिल्ली के हिंडन एयरबेस पहुंचा। लोगों को बसों और अन्य वाहनों के जरिए उनके घर भेजा गया। एयरबेस के बाहर मौजूद लोगों ने जय श्रीराम के नारे लगाए। ANI के सूत्रों के मुताबिक अफगानिस्तान में फंसे बाकी भारतीय भी सुरक्षित इलाके में हैं और एक-दो दिन में उन्हें भी एयरलिफ्ट कर लिया जाएगा।नाटो ने मंगलवार को अफगानिस्तान सरकार को नाकाम बताया। नाटो ने कहा कि सरकार की नाकामी की वजह से तालिबान ने पूरे देश पर कब्जा कर लिया। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी एक ट्वीट में लिखा, ‘मैं कहता था फोकस आतंकवाद से मुकाबले पर हो। राष्ट्र निर्माण या जवाबी कार्रवाई पर न हो।’काबुल एयरपोर्ट पर भारी गोलीबारी सुनी गई है। मौके पर मौजूद अल जजीरा रिपोर्टर का कहना है कि तालिबान ने एयरपोर्ट से चैनल का लाइव ब्रॉडकास्ट रुकवा दिया।मुल्ला बरादर तालिबान के दल के साथ कतर से कंधार पहुंचे हैं। उनके साथ मुल्ला मोहम्मद फजल भी है जो कभी ग्वाटेनामो बे जेल में कैद थे। मुल्ला फजल पहली तालिबान सरकार में रक्षा मंत्री थे।काबुल में राष्ट्रपति भवन के बाहर महिलाओं के एक छोटे समूह ने सरकार और प्रशासन में भागीदारी की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। तालिबान के सामने ये प्रोटेस्ट हुआ, हालांकि उन्होंने कुछ नहीं कहा। काबुल से एक महिला अधिकार कार्यकर्ता ने ये वीडियो भास्कर को भेजा है। अफगानिस्तान में एक महिला मामलों का मंत्रालय भी है। आज तालिबानी इसके बाहर भी सुरक्षा में खड़े थे।काबुल से जामनगर पहुंचने पर भारतीय राजदूत रुदेंद्र टंडन ने बताया कि काबुल पर पूरी तरह तालिबान का कब्जा है और वहां से भारतीयों को लाने की कोशिशें जारी हैं। उन्होंने कहा है कि काबुल छोड़ने का मतलब ये नहीं कि हमने अफगानिस्तान के लोगों और उनकी भलाई को छोड़ दिया है। अफगानिस्तान के लोगों से रिश्ते हमारे जेहन में हैं। हम उनसे बातचीत जारी रखने की कोशिश करेंगे।
गृह मंत्रालय ने इमरजेंसी वीजा शुरू किया
इस बीच गृह मंत्रालय ने अफगानिस्तान से भारत आने वाले लोगों के लिए वीजा नियमों में बदलाव किया है। मौजूदा हालात को देखते हुए इलेक्ट्रोनिक वीजा की एक नई कैटेगरी e-Emergency X-Misc Visa शुरू की गई है। अफगानिस्तान से भारत आने वाले लोगों को जल्द से जल्द वीजा मिल सके, इसके लिए यह सुविधा शुरू की गई है।
अपडेट्स
विदेश मंत्रालय ने अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर +919717785379 और ईमेल [email protected] भी जारी किए हैं।भारतीयों के एयरलिफ्ट की कोशिशों के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने अपने अमेरिकी समकक्ष जेक सुलिवान से बात की है।फेसबुक ने तालिबान को बैन कर दिया है। साथ ही तालिबान की तारीफ या समर्थन करने वाले कंटेंट पर भी रोक लगा दी है। तालिबान से जुड़ा कंटेंट हटाने के लिए फेसबुक ने स्थानीय भाषाओं के एक्सपर्ट रखे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का कहना है कि अमेरिकी कानून के मुताबिक तालिबान एक आतंकी संगठन है।तालिबान ने काबुल में सभी सरकारी कर्मचारियों को अभयदान देने का ऐलान किया है। तालिबान ने कहा है कि सभी काम पर लौट आएं।तालिबान ने दावा किया है कि आज कहीं से भी मौत या हिंसा की खबर नहीं आई है। यानी, अफगानिस्तान में शांति लौट रही है। तालिबान की तरफ से ऐसी तस्वीरें भी जारी की जा रही हैं, जिनमें ये दिखाने की कोशिश हो रही है कि लोग खुश हैं और उनका स्वागत कर रहे हैं।
फोटो अफगानिस्तान के हेरात प्रांत की है जहां स्कूल खुल गए हैं।
तालिबान की नई सत्ता को लेकर दोहा में चर्चा हो रही है। माना जा रहा है कि तालिबान मुल्ला बरादर को अफगानिस्तान की कमान सौंप सकता है।
काबुल एयरपोर्ट फिर से खोला गया, अमेरिकी सैनिकों ने संभाला मोर्चा
काबुल एयरपोर्ट पर सोमवार को अमेरिकी प्लेन से लटककर भागने के दौरान 7 लोगों की गिरकर मौत हो गई। वहीं अमेरिकी सैनिकों ने काबुल एयरपोर्ट पर दो हथियारबंद लोगों को मार गिराया। इन हालातों को देखते हुए सभी सैन्य और कमर्शियल विमानों को रोका दिया गया था, लेकिन 1000 अमेरिकी सैनिकों के पहुंचने पर देर रात एयरपोर्ट फिर से खोल दिया गया। काबुल एयरपोर्ट अभी अमेरिका के ही कब्जे में है। यहां अमेरिकी सैनिक ही उड़ानों का मैनेजमेंट देख रहे हैं।
अपडेट
अमेरिका ने कहा है कि वह एयरपोर्ट पर अपने 6 हजार सैनिक तैनात करेगा, ताकि नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके। अभी काबुल एयरपोर्ट पर भगदड़ जैसे हालात हैं। देश छोड़ने के लिए लोग हजारों की तादाद में वहां जमा हो गए हैं। कई ऐसे भी हैं जो बिना कोई सामान लिए एयरपोर्ट पर पहुंच गए हैं।अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बीती रात बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में हालात अचानक बदल गए। इसका असर दूसरे देशों पर भी पड़ा है। लेकिन, आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी। बाइडेन ने तालिबान को चेतावनी भी दी है कि अगर अमेरिकियों को नुकसान पहुंचाया तो तेजी से जवाब दिया जाएगा।तालिबान के खौफ से पुलिस और सुरक्षाबलों के जवानों ने वर्दी उतार दी है। वे अपने घर छोड़कर अंडरग्राउंड हो गए हैं। खबरें आ रही हैं कि तालिबान ने कर्मचारियों, पुलिस-सैन्य अफसरों, पत्रकारों और विदेशी NGO से जुड़े लोगों की तलाश में डोर-टु-डोर सर्च शुरू किया है।अफगानिस्तान के मौजूदा हालात पर आज अमेरिका में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक हुई। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर भी इस मीटिंग में शामिल हुए। इस बैठक से पहले जयशंकर की अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी जे ब्लिंकन से भी बात हुई है।
फोटो काबुल एयरपोर्ट की है। यहां से अमेरिकी एयरफोर्स के विमान से अफगानियों को कतर भेजा गया। इस विमान में 640 लोग सवार थे।
तालिबानी फरमान नहीं मानने वालों को कड़ी सजा
काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद से अफगानिस्तान में भारी तबाही और औरतों पर बंदिशों का दौर फिर से लौटता नजर आ रहा है। तालिबान ने महिलाओं पर पाबंदियां लगानी शुरू कर दी हैं।