इस वजह से लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस में शामिल थीं सुषमा स्वराज
पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन से पूरा देश शोक में डूबा है | उनके प्रशंसकों की सूची केवल भाजपा कार्यकर्ताओ या राजनैतिक हस्तियों तक ही सीमित नहीं थी | उनके निधन पर श्रद्धांजलि देने कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी और दूसरे कई बड़े दिग्गज नेताओं ने शिरकत की थी | पर सबसे इतनी मोहब्बत का कारण उनकी अनोखी शख्सियत थी| 14 फरवरी 1952 को हरयाणा के अम्बाला शहर में जन्मी सुषमा स्वराज महज 25 साल की उम्र में हरयाणा की पहली सबसे युवा कैबिनेट मंत्री बनी | इसके बाद अपने पूरे कार्यकाल में सुषमा ने कई सारी उपलब्धियां अपने नाम की है | वह दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री रहीं | इसके अलावा वह देश की पहली पूर्णकालिक विदेश मंत्री रहीं | इतना ही नहीं, उनके नाम पहली महिला सर्वश्रेष्ठ सांसद होने, किसी राष्ट्रीय राजनीतिक दल की पहली महिला प्रवक्ता, महज 25 साल में ही हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री बनने जैसे रिकॉर्ड हैं |
न सिर्फ उन्होंने बल्कि उनके जीवनसाथी स्वराज कौशल का जीवन भी उपलब्धियों से भरा है | वह सुप्रीम कोर्ट के वकील हैं | समाजवादी पार्टी के कैंप से जुड़े स्वराज के नाम देश में सबसे कम उम्र का राज्यपाल बनने का रिकॉर्ड दर्ज है | महज 38 साल की उम्र में ही वह मिजोरम के राज्यपाल बन गए थे | वह फ़रवरी 1990 से 1996 के बीच राज्यपाल रहे | दरअसल, स्वराज कौशल भारत में नॉर्थ ईस्ट मामलों के जानकार माने जाते हैं | 1979 में उन्होंने ही अंडरग्राउंड मिजो लीडर लालडेंगा की रिहाई मुमकिन कराई थी | इसके बाद सरकार से समझौता वार्ता के लिए वह अंडरग्राउंड मिजो नेशनल फ्रंट के संवैधानिक सलाहकार बनाए गए |
पति और पत्नी दोनों की इन नायाब उपलब्धियों के चलते दुनिया भर में रिकॉर्ड्स संजोने के लिए चर्चित लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने उनके नाम विशिष्ट दंपती के तौर पर शामिल किए और उन्हें इस सम्मान से नवाज़ा |