ओलंपियन से इनामी बने सुशील कुमार, सागर हत्याकांड में ऐसे हुई गिरफ्तारी, जानिए पूरी कहानी
पहलवान सुशील कुमार के अखाड़े की उपलब्धियों पर अब शायद पानी फिर जाए. इसका कारण कोई और नहीं खुद सुशील कुमार ही हैं. हत्या के मामले में फरार चल रहे सुशील कुमार को दिल्ली पुलिस ने उनके साथी अजय कुमार के साथ मुंडका इलाके से गिरफ्तार कर लिया. सुशील इकलौते हिंदुस्तानी हैं जिन्होंने दो ओलंपिक मेडल जीते हैं. उनके नाम वर्ल्ड टाइटल है, वह कॉमनवेल्थ गेम्स में 3 बार गोल्ड मेडल का खिताब अपने नाम कर चुके हैं. इसके अलावा उन्हें पद्मश्री पुरस्कार, अर्जुन अवार्ड, राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड भी मिल चुका है.
इन उपलब्धियों की बखान अब फीकी हो गई है. वक़्त का पहिया ऐसा घूमा कि ये सारी की सारी उपलब्धियां धरी रह गईं. कामयाबी की चकाचौंध में की गई सिर्फ़ एक ग़लती से शोहरत का तिलिस्म कुछ इस तरह टूटा कि सालों की इज़्ज़त एक ही झटके में मिट्टी में मिल गई. और सुशील की तलाश में दिल्ली पुलिस ने ना सिर्फ़ गैर ज़मानती वारंट लेकर देश का कोना-कोना छाना बल्कि गिरफ्तारी से नाकाम रहने के बाद पुलिस ने सुशील के नाम एक लाख रुपये का इनाम भी रखा था.
सुशील के लिए 4 मई को बदल गए हालात
हरियाणा के एक छोटे से गांव से निकल कर अपनी मेहनत और टैलेंट की बदौलत कुश्ती के अंतर्राष्ट्रीय फलक पर छा गए सुशील कुमार अब पुलिस की गिरफ्त में हैं. सुशील कुमार की ज़िंदगी में तब तक सबकुछ ठीक चल रहा था, जब तक 4 मई 2021 की तारीख़ नहीं आई थी क्योंकि यही वो दिन था जिस रोज़ सुशील कुमार की तक़दीर के पहिए ने ऐसी करवट ली कि एकाएक सबकुछ बदल गया.
पुलिस की मानें तो इस रोज़ सुशील कुमार अपने कुछ साथियों के साथ मॉडल टाउन के एम ब्लॉक इलाक़े में मौजूद एक फ्लैट में पहुंचे और उनके साथियों ने फ्लैट में रहनेवाले सागर धनखड़ नाम के एक लड़के को उसके तीन साथियों समेत किडनैप कर लिया. सागर खुद भी सुशील कुमार का बड़ा फैन और कुश्ती का नेशनल जूनियर चैंपियन भी था.
चूंकि सुशील कुमार की गिनती देश के सबसे नामी और बड़े पहलवानों में होती है, तो उनके गुर्गों ने जब सागर और उसके दोस्तों को बताया कि सुशील कुमार खुद उसके फ्लैट के बाहर उससे मिलने आए हैं, तो सागर उसके साथी खुद ही चलकर फ़ौरन उनकी कार के पास आ गए. फ्लैट के बाहर सुशील एक होंडा सिटी कार में अपने कुछ और साथियों के साथ बैठे हुए थे और यहां उन्होंने गन प्वाइंट पर सागर और उसके साथियों को गाड़ी में बिठा लिया.
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सागर और उसके दोस्तों को किया था अगवा
पुलिस की मानें तो सुशील और उनके साथी सागर को अगवा कर अपने साथ दिल्ली के मॉडल टाउन इलाक़े में मौजूद छत्रसाल स्टेडियम में लेकर गए. छत्रसाल स्टेडियम यानी वो जगह जिसे देश में कुश्ती का सबसे बड़ा केंद्र कहें तो ये गलत नहीं होगा. खुद सुशील कुमार ने ना सिर्फ़ इसी छत्रसाल स्टेडियम में साल दर साल कुश्ती की प्रैक्टिस की, बल्कि एक के बाद एक कई खिताब जीतने के बाद वो इसी छत्रसाल स्टेडियम में ओएसडी के तौर पर भी तैनात रहे. लेकिन 4 मई की रात इसी छत्रसाल स्टेडियम में उनसे अनहोनी हो गई.
असल में इन दिनों सुशील कुमार सागर धनखड़ से किसी बात पर कुछ ज़्यादा ही नाराज़ थे और इसी गुस्से में उन्होंने सागर और उसके साथियों को अगवा कर कुछ इतनी बुरी तरह से पीटा कि सागर समेत उसके दो दोस्तों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. सागर के बाकी दोस्तों की तो जैसे-तैसे जान बच गई, लेकिन बदकिस्मती से इस पिटाई में सागर धनखड़ को कुछ इतनी चोटें आईं थी कि उसकी जान ही चली गई. सागर की हालत कुछ इतनी नाज़ुक थी कि मारपीट की इस भयानक वारदात के बाद मौके पर पहुंची पुलिस सागर धनखड़ का बयान तक नहीं ले सकी और इससे पहले ही वो मौत की नींद सो गया.
सागर और सुशील के बीच मामूली विवाद
सागर की मौत के साथ ही पूरे खेल जगत और खासकर कुश्ती की दुनिया में हड़कंप मच गया. इसकी दो वजहें थी. एक तो खुद सागर का जूनियर कुश्ती चैंपियन होना और दूसरा क़त्ल में सुशील कुमार की भूमिका सामने आना. असल में सुशील कुमार और सागर धनखड़ के बीच रुपयों के लेन-देन का एक मामूली विवाद था. कभी सुशील को फैन मानने वाले सागर अब से पहले तक जिस फ्लैट में किराये पर रहता था, वो फ्लैट किसी और का नहीं, बल्कि खुद सुशील कुमार की पत्नी का था. यानी सुशील कुमार का ही था. लेकिन सागर ने दो महीनों का किराया दिए बग़ैर ही उस फ्लैट को छोड़ दिया. सूत्रों की मानें तो इसके बाद सुशील ने कई बार सागर से अपने बकाया किराए की मांग की लेकिन सागर रुपये देने में टाल-मोटल करता रहा. और फिर इसी के बाद सुशील ने अपने साथियों के साथ मिलकर एक ऐसा फ़ैसला किया, जो बेहद गलत साबित हुआ.
विश्वोई और काला जठेड़ी गैंग के गुर्गे भी थे मौजूद
पुलिस की मानें तो छात्रसाल स्टेडियम में वारदात के दिन सुशील कुमार के साथियों ने सागर और बाकी लड़कों को डराने के लिए फायरिंग शुरू कर दी. सुशील के साथ उस रात सीधे-साधे खिलाड़ियों के साथ-साथ दो छंटे हुए बदमाश लॉरेंस विश्वोई और काला जठेड़ी गैंग के गुर्गे भी मौजूद थे और उनकी मौजूदगी में बात लगातार बिगड़ती चली गई. इस बवाल से किसी तरह जान छुड़ा कर एक लड़के ने पुलिस को फ़ोन कर दिया और आनन-फानन में मॉडल टाउन थाने की पुलिस भी मौके पर आ गई. हालांकि पुलिस के आने की खबर स्टेडियम के सिक्योरिटी गार्डस ने सुशील कुमार को पहले ही दे दी और सुशील कुमार अपने साथियों के साथ मौके से फ़रार हो गया. इस दौरान सुशील का एक साथी पकड़ा गया.
पुलिस तफ्तीश में सुशील का नाम आया सामने
पुलिस की जांच में सामने आया कि सागर को अगवा करने से लेकर उसका क़त्ल करने तक हर करतूत में सुशील कुमार का हाथ था. इसके बाद एक-एक कर इस मामले में कई मुल्ज़िम पुलिस की गिरफ्त में आए, लेकिन यहां तो कुश्ती का चैंपियन फरारी का भी चैंपियन साबित हुआ. पुलिस ने उनकी बीवी और दूसरे घरवालों से पूछताछ की, लेकिन सुशील का सुराग़ हाथ नहीं लगा. हार कर पुलिस ने सुशील का पासपोर्ट ज़ब्त कर लिया, ताकि वो देश से बाहर ना भाग सकें और तो और पुलिस ने सुशील कुमार का सुराग़ देनेवाले के लिए एक लाख रुपये इनाम का भी ऐलान कर दिया.
सुशील के वकील ने कोर्ट में क्या कहा
बीते 18 मई को सुशील कुमार की ओर से रोहिणी कोर्ट में अग्रिम ज़मानत की याचिका दाखिल की गई. सुशील के वकील ने अदालत के सामने तर्क दिया कि सुशील कुमार इतने बड़े खिलाड़ी और ओलंपियन हैं .उन्होंने इतने बड़े-बड़े खिताब अपने नाम किए हैं. उन्हें साज़िशन इस मामले में फंसाया गया है. पुलिस ने साज़िश बुनने के लिए ही छह घंटे देर से एफआईआर दर्ज की है. और तो और सागर धनखड़ के क़त्ल का सुशील कुमार के पास कोई मोटिव ही नहीं है. पुलिस ने ग़लत तरीक़े से उनका पासपोर्ट ज़ब्त कर लिया है. इन दलीलों पर पुलिस यानी अभियोजन पक्ष ने भी इस अर्ज़ी के खिलाफ़ मजबूती से अपने तर्क पेश किए.
दिल्ली पुलिस के वकील की दलील
पब्लिक प्रोसिक्यूटर ने अदालत से कहा कि सुशील कुमार के खिलाफ़ दर्ज मामला बेहद संगीन किस्म का है. सुशील कुमार उस रात सागर और उसके साथियों को खुद ही अगवा कर अपने साथ छत्रसाल स्टेडियम ले गए थे. सुशील के खिलाफ़ जांच में क़त्ल का मोटिव भी साफ हो चुका है. मृतक सागर सुशील की पत्नी के एक फ्लैट में किराये पर रहता था और उसने दो महीने का किराया नहीं चुकाया था.और तो और पुलिस के इस मामले के सीसीटीवी फुटेज मौजूद हैं. सीसीटीवी पर एफएसएल की रिपोर्ट आ चुकी है, जो बताती है फुटेज बिल्कुल जेनुइन है. फुटेज में सुशील कुमार डंडा लेकर सागर और उसके साथियों को पीटते दिख रहे हैं.
सुशील की गिरफ्तारी और हत्या के आरोप के बाद सवाल यह उठता है कि देश की इतनी बड़ी शख्सियत, जिसकी अपनी ही एक फैन फॉलोइंग है, आख़िर वो इतने दिनों तक पुलिस को चकमा कैसे दे रहे थे. पुलिस की मानें तो फरारी के शुरुआती दिनों में वो उत्तराखंड के एक बाबा के आश्रम में अपना ठिकाना तलाशने पहुंचे थे. बाद में पता चला कि सुशील अपने साथियों के साथ नजफगढ़-बहादुरगढ़-झज्जर के बीच छिपते फिर रहे हैं. इन इलाकों में फार्म हाउस एवं फ्लैट वगैरह में उनके ठिकाने हैं. इस काम में दिल्ली नगर निगम में पार्षद का बेटा सुशील कुमार की मदद कर रहा है. जाहिर है आनेवाले दिनों में सुशील के इन मददगारों की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं.