“LEELA RAM के ‘काले सांड’ पर सुरजेवाला का पलटवार: ‘गुंडे शासन नहीं चला सकते'”
LEELA RAM ने कांग्रेस प्रत्याशी रणदीप सुरजेवाला के बेटे आदित्य सुरजेवाला को लेकर एक विवादास्पद बयान दिया था, जिससे राजनीतिक माहौल में तनाव बढ़ गया है।
LEELA RAM के बयान पर सुरजेवाला का तीखा पलटवार
हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक वातावरण गरमाया हुआ है। सभी 90 सीटों पर 5 अक्टूबर को मतदान होगा, और इस दौरान नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया है। हाल ही में भाजपा प्रत्याशी LEELA RAM ने कांग्रेस प्रत्याशी रणदीप सुरजेवाला के बेटे आदित्य सुरजेवाला को लेकर एक विवादास्पद बयान दिया था, जिससे राजनीतिक माहौल में तनाव बढ़ गया है।
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लीला राम का विवादास्पद बयान
लीला राम के बयान ने राजनीतिक हलकों में काफी विवाद उत्पन्न किया है। उन्होंने आदित्य सुरजेवाला को लेकर ऐसी बातें कहीं, जिन्हें कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अस्वीकार्य मानते हुए निंदा की है। उनके इस बयान के बाद कांग्रेस ने एकजुट होकर लीला राम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
सुरजेवाला का जवाब
रणदीप सुरजेवाला ने लीला राम के बयान का तीखा जवाब देते हुए कहा कि भाजपा गुंडों की पार्टी है और गुंडे शासन नहीं चला सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा नेताओं का यह व्यवहार दर्शाता है कि वे चुनाव में हार के डर से बौखलाए हुए हैं। सुरजेवाला ने यह भी कहा कि हरियाणा की जनता अब भाजपा के झूठे वादों से जागरूक हो चुकी है और वे इस बार उन्हें सबक सिखाने के लिए तैयार हैं।
कांग्रेस का आक्रामक रुख
सुरजेवाला ने आगे कहा कि कांग्रेस हमेशा जनता की आवाज रही है और वे आदित्य सुरजेवाला के खिलाफ व्यक्तिगत हमलों को नहीं सहेंगे। उनका कहना है कि इस तरह के बयान केवल भाजपा की बौखलाहट को दर्शाते हैं। कांग्रेस ने यह भी घोषणा की है कि वे हर स्तर पर भाजपा के इस प्रकार के व्यवहार का विरोध करेंगे और जनता को इसके प्रति जागरूक करेंगे।
राजनीतिक तनाव
इस विवाद ने हरियाणा में राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया है, और यह देखने वाली बात होगी कि चुनावों में इसके क्या परिणाम निकलते हैं। हरियाणा की राजनीति में इस तरह के व्यक्तिगत हमले आम होते जा रहे हैं, लेकिन इस बार सुरजेवाला ने लीला राम के बयान का करारा जवाब देकर इसे और भड़काने का काम किया है।
जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, इस तरह के विवादित बयानों और आरोपों के बीच नेताओं की रणनीतियाँ भी स्पष्ट हो रही हैं। हरियाणा की जनता इस बार सोच-समझकर मतदान करने का निर्णय लेगी, जिससे यह तय होगा कि कौन सी पार्टी सरकार बनाएगी।