तीस्ता सीतलवाड़ को राहत: तुरंत सरेंडर करने के आदेश पर रोक लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट
अहमदाबाद: सुप्रीम कोर्ट ने एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड को अंतरिम संरक्षण प्रदान किया।2002 के गुजरात दंगों के संबंध में कथित रूप से साक्ष्य गढ़ने के मामले में गुजरात उच्च न्यायालय ने आज तीस्ता की नियमित ज़मानत खारिज कर दी थी।हाई कोर्ट ने उन्हें तुरंत सरेंडर करने को कहा था।
हाईकोर्ट ने उन्हें तुरंत सरेंडर करने को कहा था। इसके बाद सीतलवाड़ ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की पीठ ने 2002 के गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के मामलों में निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए कथित तौर पर सबूत गढ़ने के मामले में गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा की मांग करने वाली सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की याचिका पर शनिवार देर रात सुनवाई शुरू की।2022 को उच्चतम न्यायालय ने अंतरिम जमानत दी थी।फैसले में अदालत ने टिप्पणी की कि प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि सीतलवाड ने अपने करीबी सहयोगियों और दंगा पीड़ितों का इस्तेमाल ‘उच्चतम न्यायालय में तत्कालीन सरकार को अपदस्थ करने और संस्थान एवं उस समय के मुख्यमंत्री (मोदी) की छवि धूमिल करने के मकसद से झूठा और मनगढ़ंत हलफनामा दाखिल करने में किया।
अदालत ने कहा कि अगर आज किसी राजनीतिक दल ने उन्हें कथित तौर पर (तत्कालीन) सरकार को अस्थिर करने का कार्य दिया था तो कल कोई बाहरी ताकत भी इसी तरह का कार्य करने के लिए किसी अन्य व्यक्ति का इस्तेमाल कर सकती है जो देश और किसी खास राज्य के लिए खतरा पैदा कर सकती है।