सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों की संवैधानिक वैधता बताकर केंद्र सरकार को भेजा नोटिस…
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने हालही में बनाए गए 3 कृषि कानूनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को केंद्र की मोदी सरकार को नोटिस जारी कर उस पर प्रतिक्रिया मांगी है।
सीजेआई एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र से चार हफ्तों के अंदर नोटिस पर जवाब मांगा है। पीठ में जस्टिस एएस बोपन्ना और वी. रामासुब्रमण्यन भी शामिल हैं। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबड़े, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से इन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुये केन्द्र को नोटिस जारी करा गया है। न्यायालय ने इन याचिकाओं पर जवाब देने के लिये केन्द्र को चार सप्ताह का समय दिया है।
पंजाब में किसानों की मांग है कि इन तीनों कानूनों को निरस्त किया जाए। प्रदर्शनकारी नए कानूनों को ‘किसान विरोधी’ बताते हुए इनके खिलाफ 24 सितंबर से राज्य के विभिन्न स्थानों पर रेलवे पटरियों पर ‘रेल रोको’ आंदोलन कर रहे हैं। इस बिल पर किसानों ने आशंका व्यक्त की है कि नए कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य तंत्र को नष्ट कर देंगे, कृषि उपज बाजार समितियों को समाप्त कर देंगे और यह क्षेत्र पूरा कॉरपोरेट के नियंत्रण में चला जाएगा। हालांकि इस पर सरकार कह रही है कि इन कानूनों से किसानों की आय बढ़ेगी, उन्हें बिचौलियों के चंगुल से मुक्ति मिलेगी और खेती में नई तकनीक की शुरुआत भी शुरू होगी।