हिंदू अल्पसंख्यक नहीं-सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने देश के आठ राज्यों में हिन्दुओं को अल्पसंख्यक मानने से इंकार कर दिया है। इस मामले में हिन्दुओं की तरफ से दायर की गई अर्ज़ी को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है। इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट इस अर्ज़ी को खारिज कर चुकी है।
दरअसल, हिन्दुओं की तरफ से सर्वोच्च न्यायलय में अर्ज़ी दायर की गई थी, जिसमे देश के आठ राज्यों में हिन्दुओ को अल्पसंख्यक दर्जा देने की मांग की गई थी। इस अर्ज़ी में जम्मू और कश्मीर, मिजोरम, नागालैंड, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, पंजाब, लक्षद्वीप और मणिपुर में हिंदुओं को अल्पमत का दर्जा मांगा गया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस अर्ज़ी को एक बार फिर खारिज कर दिया है।
गौरतलब है कि इससे पहले नवंबर 2017 में भी सुप्रीम कोर्ट ने इस अर्ज़ी को खारिज कर दिया था। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था कि इस मुद्दे को अल्पसंख्यकों के लिए राष्ट्रीय आयोग तय कर सकता है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय को आयोग से संपर्क करने के लिए कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जनहित याचिका के जरिए राज्य स्तर पर अल्पसंख्यकों की गैर-पहचान और गैर-सूचना के चलते उनके वैध लाभों में हस्तक्षेप किया जा रहा है।