सुप्रीम कोर्ट ने CM केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी, ये हैं 5 शर्तें ;

सुप्रीम कोर्ट से CM केजरीवाल को अंतरिम जमानत तो मिली, लेकिन इन 5 शर्तों का करना होगा पालन ,

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिली है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने 50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर प्राप्त करने के लिए मान्यता दी है। इस घटना में कई राजनीतिक और समाजसेवी विवाद और उठाने पर बात की जा रही है।

केजरीवाल को इस मामले में वकील द्वारा प्रतिनिधित्व किया गया, जहां उन्होंने जमानत की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुनाते हुए यह निर्णय लिया कि वे निजी मुचलके पर जमानत प्रदान करते हुए 50 हजार रुपये की जमानत मान्यता देंगे।

इस मामले में पूरे मामले की जाँच के लिए इस प्रकार की विस्तार से सुनवाई हुई, जिसमें केजरीवाल के वकीलों और विरोधी पक्ष के वकीलों ने अपने-अपने तर्क प्रस्तुत किए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, केजरीवाल के पक्ष से खुशी की खुशखबरी की गई और उनके समर्थक उनके निर्णय का स्वागत कर रहे हैं।

इसके बावजूद, इस मुचलके की शर्तों का अनुसरण करना केजरीवाल के लिए महत्वपूर्ण होगा। जमानत के शर्तों में उन्हें किसी भी अपराध की पुनः आरोपित नहीं किया जाना चाहिए, समय पर कोर्ट में पेश होना चाहिए, और किसी भी तरह की सर्विलेंस में सहयोग करना होगा।

इस अंतरिम जमानत का फैसला आम जनता में विभाजन और विवाद का कारण बना है, जिसे सामाजिक मीडिया और समाचार पत्रों ने व्यापक रूप से छाया दिया है। इस मामले में आगामी दिनों में और भी नयी घटनाएँ उभर सकती हैं।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में एक अहम निर्णय लिया है कि वे अब अपने और दिल्ली सरकार के नए कार्यालय का दौरा नहीं करेंगे। यह निर्णय उनके निजी स्टाफ और सरकारी अधिकारियों के बीच गहरे विवादों के बाद लिया गया है।

केजरीवाल ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि उन्हें दिल्ली सरकार के कामकाज में ध्यान केंद्रित रखने के लिए समय बिताना चाहिए, और इसके लिए वे अब अपने कार्यालय के बाहर से ही काम करेंगे। इस निर्णय के पीछे उनके अनेक कारण हैं, जिनमें उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा और कामकाज में निर्भरता को बढ़ावा देना मुख्य है।

इस बदलाव के बाद, केजरीवाल के निजी स्टाफ और सरकारी अधिकारियों के बीच समझौते की कवायद हो रही है, ताकि कामकाज में किसी भी प्रकार की अड़चन ना आए। उन्होंने अपने ट्वीट में यह भी बताया कि दिल्ली सरकार के दौरान उनके आधिकारिक कामकाज में किसी भी तरह की समस्या का समाधान उन्हें उसके बाहर के संसाधनों से करना होगा।

इस बदलाव के बाद, दिल्ली में राजनीतिक माहौल में भी गहराई आ सकती है, क्योंकि इसे देखते हुए अन्य राजनीतिक दलों और विपक्षी ताकतों के बीच भी रिएक्शन आ सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने इन 5 शर्तों पर केजरीवाल की जमानत मंजूर की:

1. केजरीवाल को 50,000 रुपये की राशि के जमानत बांड और इतनी ही राशि की एक श्योरटी देनी होगी।

2. केजरीवाल सीएम दफ्तर और दिल्ली सचिवालय का दौरा नहीं कर सकेंगे।

3. केजरीवाल आधिकारिक फाइलों पर तब तक हस्ताक्षर नहीं करेंगे, जब तक कि यह आवश्यक न हो और दिल्ली के उपराज्यपाल की मंजूरी/अनुमोदन प्राप्त करने के लिए आवश्यक न हो।

4. वह केस में अपनी भूमिका के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे; और

5. वह किसी भी गवाह के साथ बातचीत नहीं करेंगे और/या मामले से जुड़ी किसी भी आधिकारिक फाइल तक उनकी पहुंच नहीं होगी।

10 मई को भी कोर्ट ने लगाई थी ऐसी शर्तें

बता दें, सीएम केजरीवाल जब लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए 10 मई को अंतरिम जमानत पर बाहर आए थे, तब भी केजरीवाल पर कोर्ट ने ऐसी ही शर्तें लगाई थी। इसका मतलब है कि अगर सीबीआई केस में भी दिल्ली हाईकोर्ट से उन्हें राहत मिलती है तो वह सीएम के तौर पर कामकाज नहीं संभाल पाएंगे।

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