आपराधिक छवि वाले नेताओं पर सख्ती
सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों से कहा- उम्मीदवार चुनने के 48 घंटे में क्रिमिनल रिकॉर्ड बताना होगा
एडवोकेट ब्रजेश सिंह ने इस मामले में याचिका दायर की थी। उन्होंने बिहार विधानसभा चुनावों के दौरान उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड का ब्योरा नहीं देने वाले दलों के खिलाफ मानहानि का दावा किया था।- फाइल फोटो
राजनीति में आपराधिक छवि वाले लोगों की हिस्सेदारी कम करने की दिशा में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक बड़ा फैसला दिया। कोर्ट ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों को अपने उम्मीदवारों का चयन करने के 48 घंटे के अंदर उनका क्रिमिनल रिकॉर्ड पब्लिश करना होगा।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, सभी पार्टियों को अपने सभी उम्मीदवारों की जानकारी अपनी वेबसाइट पर बतानी होगी और दो अखबारों में भी पब्लिश करनी होगी। उम्मीदवार के चयन के 72 घंटे के अंदर इस आदेश की पालना रिपोर्ट चुनाव आयोग को भी सौंपनी होगी।
फरवरी 2020 के आदेश में किया बदलाव
नए आदेश के साथ ही कोर्ट ने अपने पिछले फैसले में बदलाव किया है। फरवरी 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि उम्मीदवार के चयन के 48 घंटे के अंदर या फिर नामांकन दाखिल करने की पहली तारीख से दो हफ्ते पहले (इन दोनों में से जो भी पहले हो) उम्मीदवारों की पूरी जानकारी देनी होगी। वहीं पिछले महीने कोर्ट ने कहा था कि इसकी संभावना कम है कि अपराधियों को राजनीति में आने और चुनाव लड़ने से रोकने के लिए विधानमंडल कुछ करेगा।
नवंबर में दाखिल की गई थी याचिका
इस मामले में नवंबर 2020 में एडवोकेट ब्रजेश सिंह ने याचिका दायर की थी। उन्होंने बिहार विधानसभा चुनावों के दौरान उन पार्टियों के खिलाफ मानहानि की अर्जी दाखिल की थी, जिन्होंने अपने उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड का ब्योरा नहीं दिया था।