अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने असंतुष्टि जताई !
अयोध्या केस में सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को बड़ा फैसला सुनाया | सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की पीठ ने फैसले में कहा कि विवादित जमीन रामलला विराजमान को दी जाए | साथ ही उन्होंने सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में कहीं भी पांच एकड़ जमीन देने का फैसला दिया | इस पर सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने असंतुष्टि जताई | उन्होंने कहा, ‘हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं | लेकिन हम इससे संतुष्ट नहीं है | इसे लेकर हम विचार करेंगे |’
अयोध्या पर फैसले की बड़ी बाते
- एएसआई की रिपोर्ट में जमीन के नीचे मंदिर के सबूत मिले: सुप्रीम कोर्ट
- विवादित जमीन रामलला विराजमान को दी गई- CJI
- रामलला को जमीन के लिए ट्रस्ट बनाया जाए- CJI
- मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाया जाए- CJI
- सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि केंद्र सरकार 3 महीने में योजना बनाए |
- सुन्नी वक्फ को 5 एकड़ वैकल्पिक जमीन देने का आदेश
- पक्षकार गोपाल विशारद को पूजा अधिकार
- निर्मोही अखाड़े और शिया वक्फ बोर्ड का दावा खारिज
- रामलाल विराजमान को जमीन का मालिकाना हक
- मंदिर बनाने के लिए ट्रस्ट बनाने का केंद्र सरकार को आदेश
- राम मंदिर निर्माण की रूपरेखा तैयार करेगी ट्रस्ट
- मुस्लिम पक्ष जमीन पर दावा साबित करने में नाकाम
- आस्था और विश्वास के आधार पर मालिकाना हक का फैसला नहीं: CJI
- हिन्दुओं की आस्था पर कोई विवाद नहीं: CJI
- जमीन पर मालिकाना हक कानूनी नजरिये से तय होगा: CJI
- खुदाई में जो मिला वो इस्लामिक ढांचा नहीं है: CJI
- खाली जमीन पर नहीं बनाई गई थी बाबरी मस्जिद: CJI