राम मंदिर ट्रस्ट को जमीन बेचने वाले सुल्तान अंसारी ने किया बड़ा खुलासा
श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से संबंधित एक जमीन सौदे में भ्रष्टाचार के आरोप लगे है. सपा और आम आदमी पार्टी का आरोप है कि दो करोड़ रुपये में खरीदी गई जमीन को महज कुछ मिनटों बाद ही 18.5 करोड़ रुपये में ट्रस्ट ने खरीदी है. इस मामले में अयोध्या में दो करोड़ की जमीन पर साढ़े 16 करोड़ का मुनाफा कमाने वाले शख्स का नाम सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी है. सुल्तान अंसारी इस विवाद के बाद पहली बार न्यूज 18 के कैमरे में सामने आए हैं और उन्होंने इस पूरे सौदे की जानकारी साझा की है. ट्रस्ट को जमीन बेचने वाले सुल्तान अंसारी ने सभी आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि यह डील 2 या 10 मिनट में नहीं हुई थी और इसमें सभी नियमों का पालन किया गया है. उन्होंने कहा है डील के बाद चंपत राय जी से कोई बात नहीं हुई थी.
जानें क्या बोले सुल्तान अंसारी
सुल्तान अंसारी ने कहा कि वर्ष 2011 में पहली बार एग्रीमेंट हुआ था और उस एग्रीमेंट में हमारे पिताजी और हरीश कुमार पाठक थे, लेकिन जब 2021 में बैनामा हुआ तो हमने तिवारी जी को भी उसमें शामिल कर लिया. दूसरा एग्रीमेंट 2014 में हुआ है. 4 मार्च 2014 ट्रस्ट के माध्यम से हमसे चंपत राय जी और दो-चार मेंबर ने जमीन लेने के लिए संपर्क किया और फिर हमारी उनके साथ डील हुई. हमारा उनका रेट जो है साढ़े 18 करोड़ रुपए में तय हुआ और वहीं हमने एग्रीमेंट किया. अभी तक ₹17,00,00,000 दिया है. उन्होंने कहा था कि जब बैमाना कराएंगे तो बचा हुआ डेढ़ करोड़ भी दे देंगे. जमीन के रेट में तो इतना फैसला हुआ है यह 2 मिनट या 10 मिनट में नहीं हुआ है और जो आरोप लगाए जा रहे हैं वह झूठे हैं.
कब हुआ था पहला एंग्रीमेंट
जब हमने 2011 में जमीन का एग्रीमेंट 1,00,00,000 रुपए (एक करोड़) में हुआ था और 10,00,000 रुपए (दस लाख) हमने पेशगी दी और 2014 में उसका रिनुअल हुआ, लेकिन जब 2019 में हमने उसका एग्रीमेंट कराया तो उसकी कीमत ₹2,00,00,000 (दो करोड़) हो गई. हमने उनको तब ₹50,00,000 पेशगी में दिए थे. इसके बाद 2 लोगों के नाम पर हमारा बैनामा हुआ और 8.30 करोड़ पर हमारे खाते में आए और 8.30 करोड़ रुपये रवि मोहन के खाते में आए.
श्रीराम जन्म तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बयान जारी कर कहा कि आरोप की भाषा में वक्तव्य देने वाले व्यक्तियों ने आरोप लगाने से पहले तीर्थ क्षेत्र के किसी भी पदाधिकारी से तथ्यों की जानकारी नहीं ली गई. इससे समाज में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई है. समस्त श्री राम भक्तों से निवेदन है कि वे ऐसे किसी दुष्प्रचार में विश्वास न करें, ताकि श्री राम जन्म-भूमि मन्दिर का पूर्ण पारदर्शिता के साथ चल रहा निर्माण कार्य शीघ्र निर्विघ्न सम्पन्न हो.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करके कहा कि जनता ने आस्था के साथ राम मंदिर निर्माण में देशभर में सर्वाधिक योगदान दिया था, लेकिन निर्माण कार्य की शुरुआत में ही चन्दे के गबन की खबरों से आमजन की आस्था डिग गई है. कोई विश्वास नहीं कर पा रहा है कि मिनटों में कैसे जमीन का दाम 2 करोड़ रुपये से 18 करोड़ रुपये हो गया. प्रदेश के बंशी पहाड़पुर से अवैध खनन कर गुलाबी पत्थर राम मन्दिर के लिए भेजा जा रहा था. हमने प्रयास किया कि इस पावन कार्य में अवैध तरीके से निकाला गया पत्थर ना जाए इसलिए हमने प्रयास कर यहां हो रहे पत्थर खनन के कार्य को भारत सरकार से लीगल तरीके से वैधता दिलवाई जिसका हमें संतोष है.
इस पावन कार्य में मंदिर निर्माण के लिए बने ट्रस्ट द्वारा ही आर्थिक हेर-फेर की अनैतिक गतिविधियां करने से देशभर के श्रद्धालु बेहद आहत हैं. कोई सोच नहीं सकता था कि मन्दिर निर्माण जैसे पवित्र काम में भी लोग घोटाले करने लगेंगे. केन्द्र सरकार को अविलंब इस मामले की जांच करवानी चाहिए जिससे लोगों की आस्था एवं विश्वास बना रहे एवं देशवासियों की आस्था के साथ खिलवाड़ के दोषियों को सजा मिल सके.
क्या है संजय सिंह के आरोप
आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए उसकी जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कराने की मांग की थी. सिंह ने लखनऊ में दावा किया था कि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने संस्था के सदस्य अनिल मिश्रा की मदद से दो करोड़ रुपए कीमत की जमीन 18 करोड़ रुपए में खरीदी. उन्होंने कहा था कि यह सीधे-सीधे धन शोधन का मामला है और सरकार इसकी सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से जांच कराये. समाजवादी पार्टी की पूर्ववर्ती सरकार में मंत्री रहे एवं अयोध्या के पूर्व विधायक पवन पांडे ने भी अयोध्या में राय पर भ्रष्टाचार के ऐसे ही आरोप लगाए और मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की.