बुंदेलखंड में इस तरह से मनाई गई सुहेलदेव की जयंती
उत्तर प्रदेश , बुंदेलखंड के बाँदा में आज इतिहास के वीर सम्राट सुहेलदेव की जयंती मनाने का काम किया गया है आज यह पूरा कार्यक्रम शहर के भूरागढ़ स्थित शहीद स्मारक में मनाया गया है कार्यक्रम में पहुंच कर बांदा जिला अधिकारी के द्वारा महाराजा सुहेलदेव के चित्र में फूल माला चढ़ाकर कार्यक्रम की शुरुआत की पूरे कार्यक्रम की शुरुआत सांस्कृतिक कार्यक्रमों से लेकर महाराजा सुहेलदेव की गाथाओं को लोगों को बताते हुए जानकारी दी गई की वास्तव में महाराजा सुहेलदेव का इतिहास में कितना और कैसा योगदान था।
आपको बता दें कि पूरा मामला बांदा जनपद के मटौंध थाना क्षेत्र अंतर्गत भूरा गढ़ दुर्ग में बने शहीद स्मारक मैं आज महाराजा सुहेलदेव की जयंती मनाने का काम किया गया है इस कार्यक्रम में जिला अधिकारी सहित तमाम आला अधिकारियों ने पहुंचकर शिरकत की और कार्यक्रम में चल रहे सांस्कृतिक नाटकों का आनंद लिया बताते चलें कि 11 वीं सदी के प्रारंभिक काल में भारत में एक घटना घटी जिसके नायक श्रावस्ती सम्राट वीर सुहेलदेव थे श्रावस्ती सम्राट वीर सुहेलदेव का जन्म बसंत पंचमी सन 1009 ईसवी में हुआ था सुहेलदेव मैं राष्ट्रभक्ति का जज्बा कूट-कूट कर भरा हुआ था|
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इसलिए राष्ट्र में प्रचलित भारतीय धर्म समाज सभ्यता एवं संस्कृति की रक्षा को अपना परम कर्तव्य माना राष्ट्र की अस्मिता से सुहेलदेव ने कभी समझौता नहीं की इन सबके बावजूद सुहेलदेव 100 वर्षों तक इतिहास के पन्नों में दब कर रह गए 19वीं सदी के अंतिम चरण में अंग्रेज साहित्यकारों ने जब सुहेलदेव पर कलम चलाई तब उनका महत्व भारतीय जनों को समझ में आया और तब से लेकर आज तक भारत की जनता के द्वारा सुहेलदेव का जन्मदिन बड़े ही धूमधाम से मनाया जाने लगा।