सुहास यथिराज के संघर्ष की कहानी
टोक्यो पैरालिंपिक में नोएडा के DM का धमाल, गोल्ड मेडल जीतने से एक कदम दूर
टोक्यो पैरालिंपिक में 11 वें दिन भारत के लिए अच्छी शुरुआत रही। बैडमिंटन में एसएल-4 में नोएडा के DM सुहास यथिराज ने फाइनल में पहुंच कर भारत के लिए आज का दूसरा मेडल पक्का कर दिया है। पुरुष सिंगल्स बैडमिंटन SL-4 स्पर्धा के ग्रुप मैच में अपना दबदबा कायम रखते हुए सुहास ने आसान जीत दर्ज की। सुहास देश के पहले IAS ऑफिसर हैं जो टोक्यो पैरालिंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधितिव कर रहे हैं।
आसान नहीं रहा यहां तक पहुंचने का सफर
सुहास के लिए एक IAS अफसर से लेकर पैरालिंपिक खेलों तक पहुंचने का सफर आसान नहीं रहा। सुहास का जन्म कर्नाटक के शिगोमा में हुआ था। पैर खराब होने के बाद भी बचपन से ही उनके अंदर खेलों को लेकर काफी दिलचस्पी थी। सुहास की शुरुआती पढ़ाई गांव में हुई, तो वहीं सुरतकर शहर में उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी से कम्प्यूटर साइंस में इंजिनियरिंग पूरी की। इंजिनियरिंग पूरी करने के बाद सुहास ने बैंगलोर की एक कंपनी में नौकरी कर ली।
2007 में बने IAS अधिकारी
सुहास ने भले ही बैंगलोर में नौकरी शुरू कर ली हो, लेकिन बार-बार उनके दिल में यही मलाल रहा कि उन्होंने अपने जीवन में समाज के लिए कुछ नहीं किया तो क्या फायदा। उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू की। 2005 में पिता की मौत के बाद सुहास टूट गए, लेकिन फिर भी उन्होंने खुद को संभाला और मन लगाकर UPSC की तैयारी की। साल 2007 में सुहास UP कैडर से IAS अधिकारी बने।
ड्यूटी के बाद समय निकालकर खेला बैडमिंटन
UPSC परीक्षा पास करने के बाद उनकी पोस्टिंग आगरा में हुई। आगरा के बाद जौनपुर, सोनभद्र, आजमगढ़. हाथरस, महाराजगंज, प्रयागराज और गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी बने। अपनी ड्यूटी खत्म होने के बाद सुहास टाइम निकालकर बैडमिंडन खेलने जाया करते थे। धीरे-धीरे उन्होंने प्रोफेशनल तरीके से बैडमिंटन खेलना शुरू किया। 2016 में सुहास ने इंटरनेशनल मैच खेलना शुरू किया।
2016 में रचा था इतिहास
हास यथिराज बीजिंग में हुई एशियाई पैरा-बैडमिंटन चैंपियनशिप में एक पेशेवर अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन टूर्नामेंट जीतने वाले पहले भारतीय नौकरशाह बने थे। उस समय वह आजमगढ़ के जिलाधिकारी के रूप में कार्यरत थे। उन्होंने इस चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर पूरी दुनिया में भारत और अपना नाम किया था।
नोएडा के हैं DM
फिलहास सुहास नोएडा DM के पद पर कार्यरत हैं। सुहास 2018 वाराणसी में आयोजित दूसरी राष्ट्रीय पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में मेंस सिंग्ल्स कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीतने के बाद राष्ट्रीय चैंपियन बने थे।