महाकुंभ में सुरक्षा के लिए ऐसे की जा रही सुरक्षा व्यावथा
उत्तराखंड के हरिद्वार में इस वर्ष आयोजित होने वाले महाकुम्भ में सुरक्षा व्यवस्था के सम्बन्ध में दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने देहरादून में मंथन किया। इस मेला का आयोजन हर 12 वर्ष के अंतराल पर किया जाता है।
पुलिस मुख्यालय सभागार में शुक्रवार को आयोजित इस अंतरराज्यीय समन्वय बैठक में सुनिश्चित किया गया कि प्रत्येक राज्य एवं एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी को कुम्भ मेले में समन्वय हेतु नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। महाकुंभ के दौरान प्रत्येक राज्य द्वारा सोशल मीडिया मॉनिटरिंग की जाएगी और इससे प्राप्त सूचनाओं को तुरंत शेयर किया जाएगा।
राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय हुआ कि केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा कुम्भ मेले के लिए जारी एसओपी का पूर्णतः से पालन करेंगे और जारी दिशा-निर्देशों का अपने-अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म से भी प्रचार-प्रसार करेंगे। जो भी तीर्थयात्री एवं श्रद्धालु उनके राज्य से कुम्भ मेले में आएं, वे कोविड की गाइड लाइन्स का अनुपालन करें। तीर्थयात्रियों एवं श्रद्धालुओं को कुम्भ मेला के वेब पोर्टल में रजिस्ट्रेशन करने और कोविड नेगिटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता के सम्बन्ध में विस्तार से बताया और उसके प्रचार-प्रसार करने पर जोर दिया गया। सभी राज्यों द्वारा इस पर सहमति व्यक्त की गयी।
निश्चित किया गया कि शाही स्नानों के दिन वीआईपी मूवमेन्ट पर रोक रहेगी। वीआईपी यदि आना चाहते हैं तो वे एक साधारण श्रद्धालु की भांति ही आ सकते हैं।
राज्यों एवं एजेन्सियाें द्वारा पूर्व की घटनाओं एवं कुम्भ के दौरान घटित घटनाओं राष्ट्र विरोधी तत्वों के सम्बन्ध में अभिसूचना साझा की और भविष्य में भी अभिसूचना का आदान-प्रदान व्हाट्सएप एवं अन्य माध्यमों से करने का निर्णय लिया गया।
उत्तराखंड के डीजीपी ने कहा कि ट्रैफिक डायवर्जन में सीमावर्ती राज्यों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि सभी सीमावर्ती राज्यों के नोडल अधिकारियों में समन्वय एवं सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए उनका एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया जाएगा। प्रमुख स्नान वाले दिनों में यातायात का दबाव अधिक होने पर उत्तर प्रदेश की भूमिका महत्वपूर्ण होगी और डायवर्जन शुरू किया जाएगा। तय हुआ कि इस सम्बन्ध में जल्द ही सभी सीमावर्ती जनपदों के पुलिस उपाधीक्षकों एवं थाना प्रभारियों एक बैठक हरिद्वार में आयोजित की जाएगी।
आपसी समन्वय में निश्चित हुआ कि रेल में अधिक भीड़ होने पर सीमावर्ती नजीबाबाद और सहारनपुर के रेलवे स्टेशनों को भी एक्टिव किया जाएगा। मेले के मार्गों पर सीमावर्ती राज्यों द्वारा भी विभिन्न स्थानों पर एम्बूलेंस एवं क्रेन तैनात करने पर भी सहमति बनी। सम्पर्क एवं संचार के लिए वायरलेस का उपयोग किया जाएगा और एक काॅमन फ्रिक्वेन्सी की व्यवस्था कर ली जाएगी।
बैठक में अन्तरराज्यीय अपराधियों के सम्बन्ध में विवरण, डोजियर्स आदि का आदान-प्रदान किये जाने, मानव तस्करी, जेब कतरों, ईनामी एवं वांछित अपराधियों की कड़ी नगरानी करने और इनके सम्बन्ध में जानकारी तुरन्त साझा करने पर बल दिया गया। अन्तर्राज्यीय बैरियरों, चेक पोस्ट जैसे चिड़ियापुर बैरियर, नारसन चैक पोस्ट, लखनौता चैक पोस्ट, काली नदी बैरियर एवं गौवर्धन चैक पोस्ट पर संदिग्ध व्यक्तियों एवं वाहनों की सीमावर्ती प्रदेशों के साथ संयुक्त चेकिंग की जाएगी।
बैठक में आलोक मित्तल, अपर पुलिस महानिदेशक, सीआईडी, हरियाणा, राजीव सभरवाल, अपर पुलिस महानिदेशक, मेरठ जोन, उत्तर प्रदेश, पी वी के प्रसाद, अपर पुलिस महानिदेशक, सीआईडी, अमित सिन्हा, पुलिस महानिरीक्षक, पी/एम, वी मुरूगेशन, पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, रूपिन्दर सिंह, पुलिस महानिरीक्षक, अभिसूचना, राजस्थान, दिलजीत ठाकुर, पुलिस महानिरीक्षक, हिमाचल प्रदेश, एन एन सिंह, एडीआरएम, उत्तर रेलवे, मुरादाबाद, रविकान्त, एसीपी, दिल्ली पुलिस, कुल्दीप नारायण, पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ उत्तर प्रदेश सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे। संचालन निवेदिता कुकरेती, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, अभिसूचना ने किया।