ऐसे एग्जिट पोल्स विपक्ष पर मानसिक दबाव बनाने का हथकंडा- जयंत चौधरी
जब तक ईवीएम खुल नहीं जाती, किसी को भी नतीजे का पता नहीं चल पाता है
उत्तर प्रदेश में चुनाव खत्म होने के बाद सामने आए एग्जिट पोल्स में भाजपा की दोबारा वापसी के अनुमानों ने भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को गदगद कर दिया है, वहीं विपक्ष को इन एग्जिट पोल्स के अनुमानों से सहमत नहीं हैं। समाजवादी पार्टी (सपा) संग गठबंधन कर चुनाव लड़ने वाले राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) अध्यक्ष जयंत चौधरी इसे विपक्ष पर मानसिक दबाव बनाने का हथकंडा बता रहे हैं।
एग्जिट पोल पर RLD प्रमुख जयंत चौधरी ने मंगलवार को कहा कि जब तक ईवीएम खुल नहीं जाती, किसी को भी नतीजे का पता नहीं चल पाता है। उन्होंने कहा कि एग्जिट पोल की एक प्रक्रिया होती है। मैंने पोलिंग बूथों पर किसी एक्जिट पोल के व्यक्ति को नहीं देखा, पता नहीं उन्हें अपना डेटा कहां से मिलता है। यह एक नजरिया है और मैं इससे सहमत नहीं हूं। मानसिक दबाव बनाने की युक्ति है। जो उत्साह हमने देखा, लोगों में परिवर्तन लाने के लिए एक निश्चय था।
असल नतीजे एग्जिट पोल से अलग होंगे
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है असल नतीजे एग्जिट पोल से अलग होंगे। इसमें कोई संदेह नहीं है कि गठबंधन की सरकार बनेगी। यूपी में डर का माहौल है, जो किसी मतदाता की पसंद के बारे में पूछे जाने पर उसके जवाब को प्रभावित कर सकता है। अगर किसी ने हमें (सपा-रालोद) वोट दिया है, तो वो डर के कारण बीजेपी कह सकते हैं।
2017 में भाजपा को मिला था प्रचंड बहुमत
गौरतलब है कि वर्ष 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में भाजपा को शानदार सफलता मिली थी। भाजपा ने यहां विधानसभा की 403 में से 312 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी। उत्तर प्रदेश में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 14 मई 2022 तक है। 2012 से 2017 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी को 2017 के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश विधानसभा की 403 सीटों में सिर्फ 47 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि भाजपा ने अकेले 312 और उसके सहयोगियों ने 13 सीटें जीती थीं। वहीं, BSP को 19, कांग्रेस को 07 सीट और अन्य को 5 सीटें मिली थीं। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को भारी जीत मिली थी।