आतंकवाद और जिहाद का ऐसा केस भारत में पहली बार हुआ
घटना की सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि पाकिस्तान के हैंडलर्स ने इन दोनों से कहा था कि हमें भरोसा कैसे होगा कि तुम दोनों हत्या कर सकते हो ।
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने भारत में आतंकवाद के इतिहास और क्राइम की हिस्ट्री में पहली बार एक अद्वितीय केस का खुलासा किया है लेकिन दुर्भाग्य से इस केस को मुख्यधारा के मीडिया में वो स्थान नहीं मिल पाया जो जनता की जागरूकता के लिए दिया जाना चाहिए था ।
आपको याद होगा पिछले साल जहांगीरपुरी में एक शोभायात्रा के दौरान दंगा फसाद हुआ था । इस जगह का नाम दिल्ली दंगों के वक्त भी उछला था जब ट्रंप ने भारत में दौरा किया था । यहीं दिल्ली के जहांगीरपुरी में एक जगह है जिसे भलस्वा डेयरी थाना कहा जाता है ।
यहां भलस्वा डेयरी थाना में एक कॉलोनी है जिसका नाम है श्रद्धानंद कॉलोनी यहीं पर एक तालाब है जहां से बीते शनिवार यानी 14 जनवरी को एक शव के टुकड़े मिले थे । पुलिस को जानकारी हुई और पुलिस ने पूछताछ कि तो उसी कॉलोनी के एक मकान पर पहुंची जहां पर उसको हैंड ग्रिनेड बरामद हुआ । यहीं से ये मामला एक सामान्य क्राइम नहीं बल्कि एक इंटरनेशनल साजिश नजर आने लगा ।
दरअसल इस हत्या का आरोप लगा है कि जहांगीरपुरी के भलस्वा डेयरी थाना में ही रहने वाले नौशाद और जगजीत सिंह जग्गा पर लगा है । नौशाद का हैंडलर पाकिस्तान में बैठा लश्कर का आतंकी सोहैल था और जगजीत सिंह का हैंडलर पाकिस्तान में बैठा खालिस्तान समर्थक आतंकी अर्शदीप ढल्ला था । यानी ये देश में पहली बार हुआ जब खालिस्तानी आतंक और इस्लामी आतंक का स्लीपर सेल मिलकर आतंक की घटना को अंजाम देता है और दोनों के हैंडलर भी पाकिस्तान में same page पर ही होते हैं ।
घटना की सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि पाकिस्तान के हैंडलर्स ने इन दोनों से कहा था कि हमें भरोसा कैसे होगा कि तुम दोनों हत्या कर सकते हो । तो इन दोनों ने कूड़ा बिनने वाले एक गरीब और नशे के आदी राज कुमार नाम के शख्स को बहला फुसलाकर अपने किराये के कमरे में बुलाया और फिर इस्लामिक स्टेट की शैली में गर्दन काटकर या यूं कहें कि डेढ मिनट तक गर्दन रेतकर राज कुमार की हत्या कर दी । इस हत्या का विडियो बनाकर पाकिस्तान और कनाडा भेजा गया जहां से ईनाम के बदले में 2 लाख रुपए की राशि भी आई जो हवाला के जरिए नौशाद और जगजीत सिंह तक पहुंची ।
इस घटना के पीछे आईएसआई का भी पूरा हाथ बताया जा रहा है । दरअसल आईएसआई ने इन दोनों के जरिए भारत के प्रभावशाली हिंदू नेताओं की हत्या का जबरदस्त प्लैन तैयार किया था । हिंदू नेताओं को खालिस्तानियों के द्वारा बेरहमी से कत्ल करवाकर हिंदू और सिखों में मतभेद पैदा करने का गहरा षड़यंत्र रचा गया था ।
15 दिसंबर 2022 को नौशाद और जगजीत सिंह ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया और 37 सेकेंड की विडियो बनाकर अपने पाकिस्तानी हैंडलर्स को भेजी थी । कमरे में ही कूड़ा बिनने वाले राजकुमार के शव के तीन टुकड़े किए गए थे । इसके बाद लगभग 8 टुकड़े करके शव को तालाब में फेंक दिया गया था । घटना वाली रात नौशाद और जगजीत ने राजकुमार से दोस्ती की थी । बहला फुसलाकर राजकुमार को किराए के मकान पर लाया गया फिर उसका हाथ पांव बांधकर उसकी गर्दन हलाल कर दी गई ।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दोनों आतंकियों को यूएपीए यानी अन लॉफुल एक्टिवीटज प्रिवेंसन एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया है । दोनों की मोबाइल की जांच से पता चला है कि दोनों हल्द्वानी की जेल में मिले थे । नौशाद हरकत उल अंसार से जुडा था और डबल मर्डर में उम्र कैद की सजा काट रहा था । उसे विसफोटक अधिनियम के मामले में भी 10 साल की सजा हो चुकी है । लेकिन नौशाद फिलहाल जेल से बाहर चल रहा था । वहीं जगजीत सिंह कुख्यात बंबीहा गैंग से जुडा था और वो हत्या के मामले में परोल पर बाहर आया था । यानी एक और बात ये भी सामने आती है कि आतंकवादी घटना के लिए पाकिस्तान से ही हैंडलर्स ने क्रिमिनल्स को तलाश लिया । ये कैसे हुआ ? कौन लोग भारत में पाकिस्तान से मिले हुए हैं ? इसकी जांच भी खुफिया एजेंसियों को जरूर करनी चाहिए ।