ODISHA सरकार की नई पहल: स्कूली बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य सुधार की योजना शुरू
ODISHA के मयूरभंज जिले के रायरंगपुर क्षेत्र में बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य सुधार के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण पायलट परियोजना शुरू की गई है।
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ODISHA के मयूरभंज जिले के रायरंगपुर क्षेत्र में बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य सुधार के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण पायलट परियोजना शुरू की गई है। इस परियोजना के तहत 29 स्कूलों के 1,184 छात्रों को प्रतिदिन 200 मिलीलीटर दूध उपलब्ध कराया जा रहा है।
राज्य सरकार और विभिन्न संस्थाओं के सहयोग से चल रही इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य बच्चों में कुपोषण की समस्या को दूर करना है। इसके अलावा, यह पहल बच्चों के संपूर्ण विकास में सहायक सिद्ध होगी।
दुग्ध वितरण का महत्व
पोषण विशेषज्ञों के अनुसार, दूध में कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं, जो बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में सहायक होते हैं।
दूध में मौजूद कैल्शियम, विटामिन डी, प्रोटीन और पोटैशियम बच्चों की हड्डियों को मजबूत बनाने, मांसपेशियों के विकास, और संज्ञानात्मक क्षमता को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
इस पहल से न केवल बच्चों का स्वास्थ्य सुधरेगा, बल्कि उनकी शिक्षा में भी सकारात्मक सुधार देखने को मिलेगा, क्योंकि स्वस्थ शरीर और मस्तिष्क ही बेहतर शिक्षा का आधार बनते हैं।
परियोजना का विस्तार
रायरंगपुर क्षेत्र में इस पायलट परियोजना की सफलता के बाद इसे जिले के अन्य क्षेत्रों में भी लागू करने की योजना है। सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले कुछ महीनों में इस परियोजना को पूरे मयूरभंज जिले के सभी सरकारी स्कूलों में लागू किया जाए।
इसके अलावा, परियोजना के सफल क्रियान्वयन के लिए एक विशेष निगरानी टीम बनाई गई है, जो यह सुनिश्चित करेगी कि बच्चों को सही समय पर और सही मात्रा में दूध मिल सके।
ODISHA बच्चों और अभिभावकों की प्रतिक्रिया
ODISHA पहल से बच्चों और उनके अभिभावकों में उत्साह देखा जा रहा है। बच्चों को जहां दूध मिलने से उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है, वहीं अभिभावकों ने सरकार की इस पहल की सराहना की है।
एक स्थानीय अभिभावक ने कहा,
“हमारे बच्चे अब स्कूल जाने के लिए और अधिक उत्साहित रहते हैं। यह योजना बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी साबित हो रही है।”
स्थानीय दुग्ध उत्पादकों को लाभ
ODISHA परियोजना से न केवल बच्चों को पोषण मिलेगा, बल्कि स्थानीय दुग्ध उत्पादकों को भी आर्थिक लाभ होगा। सरकार ने स्थानीय किसानों से दूध की आपूर्ति सुनिश्चित की है, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी और दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहन मिलेगा।
सरकार की अगली योजनाएं
राज्य सरकार का मानना है कि इस परियोजना से बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार होगा और उनकी शिक्षा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
सरकार इस पहल के अलावा स्कूलों में पोषण संबंधी अन्य कार्यक्रमों को भी लागू करने की योजना बना रही है, जिसमें मिड-डे मील में पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ाने और पौष्टिक आहार वितरण शामिल है।
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ODISHA मयूरभंज जिले के रायरंगपुर क्षेत्र में शुरू की गई यह दुग्ध वितरण परियोजना बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सरकार और स्थानीय समुदाय के सहयोग से यह परियोजना सफल हो रही है, जिससे भविष्य में बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में बड़े पैमाने पर सुधार देखने को मिलेगा।
इस प्रकार की योजनाएं न केवल बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए आवश्यक हैं, बल्कि एक स्वस्थ और शिक्षित समाज के निर्माण में भी सहायक हैं।