अब दुनिया के सबसे बड़े घोटाले में फंसे चिदम्बरम! सुब्रमण्यम स्वामी का सनसनीखेज आरोप
पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम(P. Chidambaram) पर एक केस ख़त्म होने से पहले दूसरे केस की तलवार लटक गई है। INX मीडिया केस के चलते तिहाड़ जेल में कैद चिदंबरम पर बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी(Subramanian Swamy) ने एक और घोटाले का आरोप लगाया है। सुब्रमण्यम स्वामी ने चिदंबरम पर आरोप लगाया है कि 98 हजार करोड़ के इंडियाबुल्स स्कैम में पी चिदंबरम को भी फायदा पहुंचा है। इसके साथ ही उन्होंने इसे दुनिया का सबसे बड़ा वित्तीय घोटाला करार दिया है।
इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस और उसके सहयोगियों पर वित्तीय घोटाले मामले को लेकर सुब्रमण्यम स्वामी लंबे समय से मुखर हैं। बीते दिनों सुब्रमण्यम स्वामी ने सोशल मीडिया पर एक लेटर शेयर किया था। इस लेटर में दावा किया गया कि इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस जानबूझ कर वित्तीय पतन और दिवालियापन की तरफ बढ़ रही है, जो रियल एस्टेट, बैंकिंग, शेयर बाजार आदि में भ्रष्टाचार का मसला है। इसमें 1 लाख करोड़ रुपये की चपत निवेशकों को और राष्ट्रीय हाउसिंग फाइनेंस बोर्ड को लगी है। स्वामी के अनुसार इंडियाबुल्स(Indiabulls) ने 100 से अधिक शेल कंपनियां बनाई, जिन्होंने NHB से कर्ज लिया। इस कर्ज को इंडियाबुल्स ने महाराष्ट्र, दिल्ली, गुरुग्राम, बेंगलुरु और चेन्नई की कई रीयल एस्टेट कंपनियों को दे दिया था। इस कर्ज का दायरा 30 करोड़ रुपये से 1,000 करोड़ रुपये का था।
The biggest scam of the financial world is of NSE & India Bulls-TDK and PC as beneficiary. I can strike now if Namo clears the obstacles created by Ministries of Finance and Corporate Affairs, & by SEBI. Remember NSE subsidiary was in GSTN till Namo nationalised it on my urging.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) September 10, 2019
हज़ारों करोड़ के कर्ज में डूबी कंपनी का सच
गौरतलब है कि कुछ महीनों पहले इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (IHFL) के चेयरमैन और निदेशकों पर जनता के 98 हजार करोड़ रुपये के फंड में हेराफेरी के आरोप लगे थे। यह आरोप कानूनी फर्म मानाजियम जुरिस ने लगाया था। हालांकि बीते दिनों इस फर्म ने झूठे आरोप के लिए सार्वजनिक रूप से माफी भी मांग ली। मानाजियम जुरिस ने अपने माफीनामे में लिखा था कि ‘सभी झूठी और तथ्यात्मक रूप से गलत शिकायतों को वापस ले लिया गया है, जो कि मेरे कार्यालय की ओर से तैयार की गई थी और दाखिल की गई थी।’ माफीनामे में आगे लिखा था,’हम भविष्य में कभी भी इस तरह की गतिविधियों में लिप्त नहीं होने का आश्वासन देते हैं। हम वादा करते हैं कि ना तो मैं और ना ही मेरी फर्म इंडियाबुल्स समूह या उसकी कंपनियों के खिलाफ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भविष्य में कोई मुकदमा दाखिल करेगी।’ हालांकि इसके बावजूद एक बार फिर इंडियाबुल्स के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में नई याचिका दायर की गई। इस याचिका में भी कंपनी पर वित्तीय अनियमितता के आरोप लगे हैं। इंडियाबुल्स समूह रियल एस्टेट, शेयर बाजार, बैंकिंग और हाउसिंग लोन के कारोबार में सक्रिय है। इस समय आंकड़न-जानकारी के अनुसार इंडियाबुल्स 80 हजार करोड़ से अधिक के कर्ज में डूबी हुई है।