रणनीतिकार प्रशांत किशोर कांग्रेस में नहीं होंगे शामिल, बताई ऐसा करने के पीछे की बड़ी वजह
रणनीतिकार प्रशांत किशोर कांग्रेस में नहीं होंगे शामिल, जानें क्यों
नई दिल्ली: देश के फेमस व सफल रणनीतिकार प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों पर विराम लग गया है. प्रशांत किशोर ने कांग्रेस में शामिल होने से स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया है. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की तरफ से दिए गए ऑफर को ठुकरा दिया है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने खुद ट्वीट कर इस बात की पुष्टि की है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया, प्रशांत किशोर के साथ कई दौर की बातचीत एवं प्रजेंटेशन के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की तरफ से 2024 चुनाव के लिए एक अधिकार प्राप्त समूह का गठन किया गया है. प्रशांत किशोर को भी इसी समूह में शामिल होने व जिम्मेदारियां संभालने का प्रस्ताव दिया गया था. लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया. हम उनके प्रयास और पार्टी को दिए गए सुझावों का सम्मान करते हैं.
प्रशांत किशोर ने खुद की इसकी पुष्टि
रणदीप सिंह सुरजेवाला के बाद चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है, मैंने कांग्रेस में शामिल होने व चुनाव के लिए अधिकार प्राप्त समूह की जिम्मेदारी संभालने के कांग्रेस के दिलेर प्रस्ताव को विनम्रता से खारिज कर दिया है. मुझे लगता है बल्कि मेरी विनम्र राय है कि कांग्रेस पार्टी को मुझसे कहीं ज्यादा एक मजबूत नेतृत्व और सामूहिक इच्छा शक्ति की जरूरत है जो परिवर्तनकारी सुधारों के माध्यम से पार्टी कीजड़ों में घुस चुकी संरचनात्मक समस्याओं को दूर कर सकती है.
तेलंगाना में कांग्रेस के खिलाफ रणनीति बनाने में जुटे पीके
पिछले कई दिनों से चर्चा थी कि प्रशांत किशोर कांग्रेस में शामिल होंगे. हालांकि उनकी तरफ से इस संबंध में कभी कोई बयान नहीं दिया गया. इस बीच तेलंगाना के सीएम चंद्रशेखर राव की पार्टी टीआरएस की तेलंगाना राष्ट्र समिति से उनकी कंपनी आई-पैक का समझौता हो गया. तेलंगाना में फिलहाल टीआरएस के लिए कांग्रेस ही प्रमुख विपक्षी पार्टी है. यानी तेलंगाना में प्रशांत किशोर कांग्रेस के खिलाफ रणनीति तैयार करेंगे. बीते शनिवार व रविवार को प्रशांत किशोर हैदराबाद में 2 दिनों तक तेलेंगाना के सीएम केसीआर से इस संबंध में चर्चा करते रहे. ऐसे में यह अपने आप में विरोधाभाष था कि एक तरफ वह कांग्रेस के लिए पूरे देश में रणनीति बनाएं, वहीं दूसरी तरफ तेलंगाना में कांग्रेस के खिलाफ रणनीति बनाए.