Kumari Selja और भूपेंद्र हुड्डा: कांग्रेस की हार की कहानी
Kumari Selja को कांग्रेस में एक सशक्त नेता माना जाता है, जो लंबे समय से दलित समुदाय की आवाज उठाती आ रही हैं। उनकी पहचान एक प्रमुख दलित नेता के रूप में है.
हरियाणा की राजनीति में कांग्रेस की हालिया हार के पीछे की एक बड़ी वजह पार्टी के भीतर की आंतरिक कलह और व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाएं हैं। Kumari Selja और भूपेंद्र हुड्डा, जो पार्टी के दो प्रमुख नेता हैं, अगर मिलकर चुनाव लड़े होते, तो कांग्रेस की स्थिति अलग हो सकती थी। लेकिन उनके बीच की खींचतान ने पार्टी को गंभीर नुकसान पहुंचाया है।
Kumari Selja की महत्वाकांक्षाएं
Kumari Selja को कांग्रेस में एक सशक्त नेता माना जाता है, जो लंबे समय से दलित समुदाय की आवाज उठाती आ रही हैं। उनकी पहचान एक प्रमुख दलित नेता के रूप में है, लेकिन जब हरियाणा में कांग्रेस की कमान भूपेंद्र हुड्डा को सौंपी गई, तो शैलजा ने इसे अपनी राजनीतिक पहचान पर एक सीधा हमला समझा। इस भावना ने उन्हें पार्टी के व्यापक हितों से अलग कर दिया।
भूपेंद्र हुड्डा का प्रभाव
भूपेंद्र हुड्डा को हरियाणा में जाट समुदाय के बीच अपनी मजबूत पकड़ के लिए जाना जाता है। उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने पहले कई चुनावों में सफलता पाई है। हालांकि, जब हुड्डा और शैलजा के बीच की यह खींचतान बढ़ी, तो इसका नकारात्मक प्रभाव पार्टी के प्रदर्शन पर पड़ा। हुड्डा ने चुनावी अभियान में शैलजा के समर्थन के बिना चलने का प्रयास किया, जिससे पार्टी में एकता की कमी आई।
दलित वोट बैंक की अनदेखी
Kumari Selja ने अपनी नाराजगी को दर्शाने के लिए दलित वोट बैंक पर काम करने में कोई विशेष दिलचस्पी नहीं दिखाई। दलित समुदाय हमेशा से कांग्रेस का एक महत्वपूर्ण वोट बैंक रहा है, लेकिन शैलजा ने इस बार इस वर्ग को जोड़ने के लिए प्रयास नहीं किए। इसने पार्टी को इस महत्वपूर्ण वोट बैंक को खोने का खतरा बढ़ा दिया।
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कुल मिलाकर, कुमारी शैलजा और भूपेंद्र हुड्डा के बीच की खींचतान ने कांग्रेस को एक गंभीर राजनीतिक संकट में डाल दिया है। यदि ये दोनों नेता एकजुट होकर चुनाव लड़े होते, तो कांग्रेस की स्थिति बेहतर हो सकती थी। व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाएं और राजनीतिक प्रतिशोध ने पार्टी के आंतरिक ढांचे को कमजोर कर दिया, जिससे चुनावी नतीजों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। अब यह देखना होगा कि कांग्रेस इन चुनौतियों से कैसे निपटती है और क्या वह अपनी खोई हुई जमीन वापस पा सकेगी।