कोरोना वापस आ रहा है, पहले से और कहीं ज्यादा खतरनाक रूप में?

भारत में अगले महीने चौथी वेव की आशंका:स्टील्थ ओमिक्रॉन से चीन में 4 दिन में 5 हजार से 17 हजार तक पहुंचे डेली एक्टिव केस

 

दुनिया का पहला कोरोना केस चीन में 17 नवंबर 2019 में सामने आया था। इससे ठीक 75 दिन बाद यानी 30 जनवरी 2020 को भारत में कोरोना ने दस्तक दे दी थी। एक बार फिर चीन में ओमिक्रॉन के BA.2 वैरिएंट के कारण 19 राज्यों में लॉकडाउन लगा दिया गया है। यहां बीते 4 दिनों में एक्टिव केस 5280 से बढ़कर 16974 हो गए हैं। कोरोना के BA.2 वैरिएंट को Stealth Omicron बताया जा रहा है।

कोविड को लेकर पहले भी 3 बार सटीक दावे कर चुके शंघाई फुडान विश्वविद्यालय ने 15 मार्च को रिपोर्ट जारी की। इसमें बताया गया कि चीन में अचानक बढ़ रहे मामलों के पीछे ‘स्टील्थ ओमिक्रॉन’ जिम्मेदार है। मामले इसी रफ्तार से बढ़ते गए तो चीन कोरोना की चौथी लहर से गुजर सकता है।

‘स्टील्थ ओमिक्रॉन’ क्या है और भारत में इसका कितना असर हो सकता है? क्या देश में थर्ड वेव खत्म होने के बाद कोरोना को भूल चुके लोगों को अब अलर्ट हो जाना चाहिए? लखनऊ के SGPGI में इम्यूनोलॉजिस्ट और इंडियन एसोसिएशन ऑफ पेथालॉजी के सदस्य डॉ. मृदुल मेहरोत्रा ने हमारे सवालों का जवाब दिया है।

सवाल 1: स्टील्थ ओमिक्रॉन क्या है, ये कितना घातक हो सकता है ?
जवाब: कोरोना एक RNA वायरस है। इसमें एंटिजेनिक शिफ्ट और एंटिजेनिक ड्रिफ्ट की प्रॉपर्टी होती है। एंटिजेनिक शिफ्ट मतलब म्यूटेशन होने पर कम समय में वायरस में बहुत ज्यादा बदलाव होना। एंटिजेनिक ड्रिफ्ट का मतलब है म्यूटेशन के बाद वायरस में कम चेंजेज आना। ओमिक्रॉन वायरस ने देश में दिसंबर-जनवरी के बीच तीसरी वेव लाई थी। अब ओमिक्रॉन में म्यूटेशन हुआ तो स्टील्थ ओमिक्रॉन पैदा हो गया।

कोरोना वायरस में एक प्रॉपर्टी होती है कि ये हर 6 महीने में एक नया म्यूटेंट वायरस बनाता है। इसलिए इसे लेकर ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्क रहना भी जरूरी है। क्योंकि जिन लोगों को दोनों वैक्सीन नहीं लगी हैं। वे इसकी गिरफ्त में जल्दी आ सकते हैं। ऐसे में समय रहते दोनों शॉट्स लगवा लें।

सवाल 2: क्या डेल्टा वैरिएंट की तरह, स्टील्थ ओमिक्रॉन भी तेजी से फैलता है?
जवाब: जी हां, डेल्टा वैरिएंट की तरह स्टील्थ ओमिक्रॉन भी तेजी से फैलता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि डेल्टा की तरह ही स्टील्थ ओमिक्रॉन वायरस के स्पाइक प्रोटीन में तेजी से बदलाव होता है। इसलिए इसके फैलने की क्षमता दूसरे वैरिएंट की तुलना में ज्यादा होती है।

इसका असर ऐसे देखा जा सकता है कि चीन में फरवरी के आखिर तक हर दिन 200 से कम कोविड केस सामने आ रहे थे, लेकिन एक से 15 मार्च के बीच डेली एक्टिव केस की संख्या 200 से बढ़कर 5 हजार के पार पहुंच गई है।

डॉक्टर मृदुल ने बताया कि हाई ब्लडप्रेशर और डायबिटीज के मरीजों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत।
डॉक्टर मृदुल ने बताया कि हाई ब्लडप्रेशर और डायबिटीज के मरीजों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत।
सवाल 3: क्या टीकाकरण से स्टील्थ ओमिक्रॉन के असर को कम किया जा सकता है?
जवाब: ज्यादा स्पाइक प्रोटीन वाला वायरस मानव शरीर पर अधिक असर डालता है। वैक्सीन लगने के बाद शरीर इन स्पाइक प्रोटीन के अगेंस्ट एंटीबॉडी डेवलप करता है। इससे वायरस का असर कम होता है। इसलिए वैक्सिनेटेट बॉडी स्टील्थ ओमिक्रॉन के असर को कम कर सकती है।

नेचुरल इम्यूनिटी भी स्टील्थ ओमिक्रॉन के असर को कम करने में कारगर है। इसके लिए अच्छा खाना, प्रॉपर सोना, 45 मिनट तक सूरज की रोशनी में बैठना और रोजाना एक्सरसाइज करने की आदत डालना जरूरी है।

सवाल 4: क्या भारत में स्टील्थ ओमिक्रॉन से चौथी लहर आ सकती है?
जवाब: हांगकांग और चीन में लगातार बढ़ रहे मामलों के बाद चौथी लहर आने की बातें हो रही हैं, लेकिन भारत में बड़ी आबादी को टीका लग चुका है। ऐसे में यहां अब किसी भी लहर का बड़ा असर देखने को नहीं मिलेगा। हां ये बात अलग है कि देश में स्टील्थ ओमिक्रॉन के मामले अप्रैल के अंत से जून तक सामने आते रहेंगे।

सवाल 5: कैसे लोगों को स्टील्थ ओमिक्रॉन से खतरा ज्यादा है?
जवाब: कोरोना का स्टील्थ ओमिक्रॉन वैरिएंट बुजुर्गों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। हाई ब्लडप्रेशर और डायबिटीज के मरीजों को ज्यादा सतर्क रहना होगा। क्योंकि इम्यूनिटी वीक होने पर ये वैरिएंट तेजी से फैलता है। ज्यादा वजन वाले लोगों पर इस स्ट्रेन का लंबा असर दिखता है। इसलिए अपने वेट को कंट्रोल करें। जिन लोगों को पहली डोज ही लगी है, वो दूसरी लगवा लें। सबसे बड़ी बात है…हमें मन से स्वस्थ्य रहना होगा।

Related Articles

Back to top button