15 जनवरी से 27 फ़रवरी तक चलेगा श्रीराम मंदिर निधि समर्पण अभियान
नई दिल्ली। दिसंबर16। अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर बनने वाले भव्य मंदिर के लिए देश भर के प्रत्येक राम भक्त का सहयोग लिया जाएगा। इसके लिए विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ता पूज्य संतों व शेष समाज के लोगों के साथ घर-घर जाएंगे। श्री राम जन्मभूमि मंदिर निधि समर्पण अभियान की घोषणा करते हुए विश्व हिन्दू परिषद के उपाध्यक्ष व श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महा-सचिव चंपत राय ने कहा कि आगामी मकर संक्रांति (15 जनवरी) से माघ-पूर्णिमा(27 फ़रवरी) 2021 तक चलाने वाले इस सघन अभियान में विहिप कार्यकर्ता देश के चार लाख गांवों के 11 करोड़ परिवारों से संपर्क कर श्री राम जन्मभूमि से सीधे जोड़कर रामत्व का प्रसार करेंगे। देश की हर जाति, मत, पंथ, संप्रदाय, क्षेत्र, भाषा के लोगों के सहयोग के साथ राम मंदिर वास्तव में एक राष्ट्र मंदिर का रूप लेगा। असंख्य रामभक्तों के संघर्ष व बलिदान को नमन् करते हुए उन्होंने प्रत्येक राम भक्त से इस राम काज के लिए बढ़-चढ़ कर आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें सिर्फ निधि-दानी ही नहीं अपितु, समय-दानी भी चाहिए।
आज एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम की जन्मभूमि को पुन: प्राप्त कर देश के सम्मान की रक्षा के लिए हिन्दू समाज ने पाँच सदियों तक संघर्ष किया। अंततः समाज की भावनाओं तथा मंदिर से जुड़ी इतिहास की सच्चाइयों को सर्वोच्च अदालत ने स्वीकार कर भारत सरकार को एक न्यास बनाने का निर्देश दिया। सरकार ने “श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र” के नाम से न्यास की घोषणा की। प्रधान मंत्री महोदय ने 5 अगस्त को अयोध्या में पूजन करके मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया को गति प्रदान की।
राय ने बताया कि मंदिर के निर्माण की तैयारी चल रही है। मुंबई, दिल्ली, चेन्नई तथा गुवाहाटी के आईआईटी, सीबीआरआई रुड़की, लार्सन एंड टूब्रो तथा टाटा के विशेषज्ञ इंजीनियर मंदिर की मजबूत नींव की ड्राइंग पर परामर्श कर रहे हैं। बहुत शीघ्र नींव का प्रारूप सामने आ जाएगा। संपूर्ण मंदिर पत्थरों का है। प्रत्येक मंज़िल की ऊँचाई 20 फ़ीट, लंबाई 360 फ़ीट तथा चौड़ाई 235 फ़ीट है।