Sports : दुनिया के सबसे युवा विश्व शतरंज चैंपियन बने D.Gukesh
D.Gukesh ने इस ऐतिहासिक जीत के साथ रूस के महान शतरंज खिलाड़ी गैरी कास्पारोव का लगभग चार दशकों पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया।
D.Gukesh ; सिंगापुर के सेंटोसा द्वीप पर गुरुवार, 12 दिसंबर 2024 को इतिहास रच दिया गया। चेन्नई के 18 वर्षीय D.Gukesh ने चीन के डिंग लिरेन को हराकर सबसे युवा विश्व शतरंज चैंपियन बनने का गौरव प्राप्त किया। गुकेश ने 58 चालों के संघर्षपूर्ण मुकाबले में यह जीत हासिल की और 7.5 अंकों के साथ खिताब पर कब्जा जमाया।
गैरी कास्पारोव का रिकॉर्ड टूटा
D.Gukesh ने इस ऐतिहासिक जीत के साथ रूस के महान शतरंज खिलाड़ी गैरी कास्पारोव का लगभग चार दशकों पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। कास्पारोव ने 1985 में मात्र 22 वर्ष की उम्र में यह खिताब जीता था, जबकि गुकेश ने महज 18 वर्ष की उम्र में यह उपलब्धि हासिल की।
14वें गेम में निर्णायक जीत
यह मुकाबला कुल 14 खेलों की श्रृंखला का हिस्सा था। अगर 14वां खेल ड्रॉ पर समाप्त होता, तो शुक्रवार को टाई-ब्रेकर के लिए रैपिड शतरंज के मुकाबले खेले जाते। लेकिन गुकेश ने गुरुवार को ही अपनी शानदार रणनीति और दबदबे से खिताबी मुकाबला खत्म कर दिया।
D.Gukesh की यात्रा: मेहनत और समर्पण की मिसाल
D.Gukesh की यह सफलता केवल उनके खेल कौशल का ही प्रमाण नहीं है, बल्कि उनके अथक परिश्रम और समर्पण की भी कहानी है। चेन्नई के इस युवा खिलाड़ी ने बचपन से ही शतरंज को अपना जुनून बनाया। उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया और धीरे-धीरे शतरंज की दुनिया में अपना नाम स्थापित किया।
डिंग लिरेन का प्रदर्शन
डिंग लिरेन, जो वर्तमान विश्व चैंपियन थे, ने भी कड़ा मुकाबला दिया। उन्होंने अपने खिताब को बचाने के लिए पूरा प्रयास किया, लेकिन D.Gukesh के खिलाफ अंततः हार माननी पड़ी।
भारतीय शतरंज को नया सितारा
D.Gukesh की इस उपलब्धि ने भारतीय शतरंज में नई उम्मीदें जगाई हैं। विश्वनाथन आनंद के बाद, भारत को गुकेश के रूप में नया शतरंज का सितारा मिला है। उनके इस कारनामे से भारतीय शतरंज के युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी और देश में इस खेल की लोकप्रियता और भी बढ़ेगी।
शतरंज की दुनिया में भारत का बढ़ता दबदबा
D.Gukesh की इस जीत से यह साबित होता है कि भारत अब शतरंज की दुनिया में एक प्रमुख ताकत बन चुका है। आने वाले समय में और भी भारतीय खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी छाप छोड़ सकते हैं।
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D.Gukesh ने न केवल भारत का नाम रोशन किया, बल्कि विश्व शतरंज इतिहास में भी एक नया अध्याय जोड़ा। उनकी इस ऐतिहासिक जीत ने पूरे देश को गर्व का अवसर दिया है और शतरंज की दुनिया में भारत का दबदबा और मजबूत किया है।