बहुत खास है सुहागिन औरतों की दुख दरिया पूजा, पूरी होती हैं मन्नतें
विशेष रुप से पूर्वी उत्तर प्रदेश में सुहागिन औरतों के द्वारा एक खास प्रकार की पूजा करने का प्रचलन है। इस पूजा का नाम दुखदुरिया है । इस दुखदुरिया में सुहागिन महिलाएं माता अवसान देवी की पूजा करती हैं और मन्नते मांगती हैं । जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि मां अवसान देवी के आशीर्वाद से जब भक्तों के दुख दूर हो जाते हैं । अर्थात उनकी मन्नतें पूरी हो जाती है । तब वह अपनी मान्यता तथा श्रद्धा के अनुसार गांव की महिलाओं को इकट्ठा करके उनके साथ यह विशेष पूजा का कार्यक्रम करती हैं। इस पूजा में लाई,चना के साथ मिष्ठान के रूप में पेड़ा अथवा बर्फी का प्रसाद गृहस्वामी अर्थात आयोजक के द्वारा उपलब्ध कराया जाता है और महिलाएं मां अवसान देवी की पूजा करती हैं । इस पूजन में माता रानी की कहानी कही एवं सुनाई जाती है। इसके बाद इस प्रसाद को सुहागिन महिलाएं आपस में एक दूसरे के आंचल में डालती हैं और भोग लगाती है।
इस विशेष पूजा को करने के लिए कम से कम 7 सुहागिन महिलाओं का होना आवश्यक है । इसके बाद 7 के ही गुणक में अपनी क्षमता, श्रद्धा तथा मन्नत के अनुसार यह पूजा संपन्न की जाती है । अभी तक अधिकतम 151 महिलाओं को एक साथ पूजा करते देखा है । किंतु आज अमेठी जनपद एवं तहसील क्षेत्र के संग्रामपुर ब्लॉक अंतर्गत हरिवंश का पुरवा गांव के रहने वाले एक साधारण परिवार के लालता प्रसाद मिश्र उर्फ गार्ड मिश्रा ने अवसान मैया की पूजन के लिए क्षेत्र की 2100 सुहागिन महिलाओं को मिश्रौली रेलवे स्टेशन के पास बने शिव मंदिर पर इकट्ठा करते हुए और पूजन का कार्यक्रम संपन्न किया। जिसमें 1 क्विंटल पेड़ा तथा 6 क्विंटल लाई और चने की व्यवस्था की गई थी । निश्चित रूप से आसान मैया की कृपा प्राप्त होने के उपरांत इस परिवार के द्वारा इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं को एकत्रित करके आज पूजन का कार्यक्रम किया गया । जो अपने आप में कहीं ना कहीं अद्भुत कार्यक्रम रहा है। इस पूजन में बहुत सारी बारीकियां होती है । जिनको निभाना पड़ता है। आयोजक ने बताया कि यह दुख दुरिया का कार्यक्रम था जिसमें महिलाओं का प्रोग्राम था हम लोगों ने 2100 महिलाओं के लिए या प्रोग्राम रखा था जिसमें उससे अधिक महिलाओं ने भाग लिया है यह कार्यक्रम सिर्फ धर्मार्थ के लिए किया गया था इसमें कोई निहित उद्देश्य नहीं था।
वहीँ इस कार्यक्रम में पहुंचे डेढ़ पसार के ग्राम प्रधान देव प्रकाश पांडे ने बताया कि आज यहां पर धर्मार्थ के उद्देश्य से जुड़ा हुआ दुख दुरिया का कार्यक्रम था | यह दुख दुनिया का कार्यक्रम मिश्रौली स्टेशन के शिव मंदिर प्रांगण में आयोजित किया गया इस कार्यक्रम को आयोजित करने में सभी क्षेत्रवासियों की पूरी भूमिका रही है लेकिन इसके मूल रूप से जो प्रेरणा स्रोत हैं वह गार्ड मिश्रा जी है जिनके नेतृत्व में यह कार्यक्रम किया गया है | आसपास के सभी सम्मानित लोगों ने इसमें भरपूर सहयोग किया है यह बहुत ही सुंदर और सराहनीय कार्यक्रम रहा है इसमें 2000 के आसपास महिलाओं ने प्रतिभाग किया है।
पूजन करने वाली वेदिका मिश्रा ने बताया कि यह अवसान माई का पूजन होता है जब किसी को संकट तथा दुख की घड़ी होती है । उसमें अवसान माई सहारा देती है इसीलिए इसका पूजन होता है । इसमें चना लाई और मीठे का पूजन किया जाता है तथा कलश स्थापना की जाती है। गौर, सुपारी तथा सिंदूर का भी पूजन होता है। निरंजन मिश्रा ने बताया कि यह सुहागिन औरतें ही इसका पूजन करती है और यह बहुत ही सुंदर कार्यक्रम हो रहा है।