सपा ने जारी की 18 MLC प्रत्याशियों की लिस्ट, देखें किसे कहा से बना उम्मीदवार
सपा ने जारी की 18 MLC प्रत्याशियों की लिस्ट, जानें कौन कहा से लड़ेगा चुनाव
लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद सपा ने विधान परिषद की तैयारियों में जुटी हुई है. सपा ने निकाय चुनाव के अपने 18 उम्मीदवारों का ऐलान किया है. अखिलेश यादव ने संगठन के साथ बैठक करके आगामी निकाय चुनाव के विधान परिषद प्रत्याशी का ऐलान किया है. जानकारी के मुताबिक स्थानीय निकाय कोटे की 36 सीटों पर 9 अप्रैल को चुनाव होंगे. इसके लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. वहीं, 6 जुलाई के पहले विधायक कोटे की 15 सीटों पर भी चुनाव होना है.
अब तक घोषित किए गए एमएलसी उम्मीदवार की सूची
बाराबंकी: राजेश कुमार यादव-इलाहाबाद: बासुदेव यादव-खीरी: अनुराग वर्मा
जौनपुर: मनोज कुमार-बस्ती, सिद्धार्थनगर: संतोष यादव-गोरखपुर, महाराजगंज: रजनीश यादव
झांसी, जालौन, ललितपुर: श्यामसुंदर सिंह
लखनऊ, उन्नाव: सुनील कुमार सिंह
रामपुर, बरेली: मशकूर अहमद
रायबरेली: वीरेंद्र शंकर सिंह-फैजाबाद: हीरालाल यादव
आजमगढ़, मऊ: राकेश कुमार यादव
मथुरा, एटा, मैनपुरी: उदयवीर सिंह-बहराइच: अमर यादव
वाराणसी: उमेश-पीलीभीत, शाहजहांपुर: अमित यादव
प्रतापगढ़: विजय बहादुर यादव
आगरा, फिरोजाबाद: दिलीप सिंह यादव
36 सीटो पर होंगे चुनाव
विधान परिषद चुनाव की 36 सीटों पर 9 अप्रैल को चुनाव होंगे. इसके लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. वहीं, 6 जुलाई के पहले विधायक कोटे की 15 सीटों पर भी चुनाव होना है. इसके बाद परिषद में कांग्रेस शून्य पर पहुंच जाएगी, जबकि बसपा के पास विधानसभा के बाद विधान परिषद में भी एक ही सदस्य रह जाएगा. वहीं, निकाय चुनाव से लेकर मनोनयन व विधायक कोटे की सीटों के नतीजे पक्ष में कर बीजेपी के पास सहयोगियों समेत संख्या दो-तिहाई पहुंचाने का मौका होगा.
प्रदेश में विधान परिषद की 100 सीटें होती हैं. चयन की प्रक्रिया इस तरह बनाई गई है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था के सभी घटकों व समाज के प्रबुद्ध वर्ग के अलग-अलग हिस्सों का प्रतिनिधित्व हो सके. इसलिए सदन की 38 सीटें विधानसभा के सदस्यों के जरिए चुनी जाती हैं. 36 सीटें स्थानीय निकाय के प्रतिनिधि चुनते हैं, इसमें पंचायत से लेकर शहरी निकाय तक के निर्वाचित प्रतिनिधि वोटर होते हैं. 8 सीटें शिक्षक निर्वाचन के कोटे की होती हैं. इसमें शिक्षक ही वोटर होते हैं. 8 सीटों पर ग्रैजुएट मतदाता अपना प्रतिनिधि चुनते हैं. इन सीटों का क्षेत्राधिकार इस तरह तय किया जाता है कि प्रदेश के सभी हिस्से इसमें आ जाएं. 10 सीटों पर राज्यपाल सरकार की संस्तुति पर सदस्य नामित करते हैं. इसमें कला, साहित्य, समाजसेवा सहित विभिन्न क्षेत्रों से नाम तय किए जाते हैं.