SP विधायक का महा विकास आघाड़ी को 12 सीटों की मांग का ‘याद दिलाना’
SP के विधायक अबू आज़मी ने महा विकास आघाड़ी (MVA) से 12 सीटों की मांग की है। उनका यह बयान राजनीतिक हलचलों का संकेत है और यह स्पष्ट करता है कि वे गठबंधन में अपनी स्थिति को मजबूत करना चाहते हैं।
SP चुनावी पृष्ठभूमि
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए तैयारियां तेज हो चुकी हैं, जो 20 नवंबर को होंगे और परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। इस संदर्भ में, समाजवादी पार्टी (SP) के विधायक अबू आज़मी ने महा विकास आघाड़ी (MVA) से 12 सीटों की मांग की है। उनका यह बयान राजनीतिक हलचलों का संकेत है और यह स्पष्ट करता है कि वे गठबंधन में अपनी स्थिति को मजबूत करना चाहते हैं।
अबू आज़मी का ट्वीट
अबू आज़मी ने हाल ही में एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव से आग्रह किया कि आगामी विधानसभा चुनावों में संभवतः अधिकतम सीटों पर चुनाव लड़ा जाए। उनका यह ट्वीट तेजी से वायरल हुआ, जिसके बाद आज़मी ने यह स्पष्ट किया कि यह एक ‘याद दिलाने’ वाला पोस्ट था, न कि कोई चेतावनी।
-
Maharahstra : अनील देशमुख की कार पर नागपुर के पास हुआ पत्थर हमला, पूर्व मंत्री घायलNovember 19, 2024- 3:38 PM
-
Titan स्टॉक में 2 महीने में 17% की गिरावट, क्या शादी सीजन से मिलेगा पुनरुद्धार?November 19, 2024- 3:31 PM
गठबंधन की स्थिति
आज़मी ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि NCP (शिवसेना, कांग्रेस) को याद दिलाया जाए कि समय तेजी से बीत रहा है। उन्होंने कहा, “अब हमें मिलकर यह तय करना होगा कि गठबंधन के दल किन सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।” उनके अनुसार, महा विकास आघाड़ी के भीतर केवल कांग्रेस और NCP के बीच ही बैठकें हो रही हैं, जबकि छोटे दलों के साथ चर्चा अब तक लंबित है।
कांग्रेस की भूमिका
आज़मी ने यह भी कहा कि उनके ट्वीट का समय इस बात के मद्देनजर था कि कांग्रेस जल्द ही अपनी उम्मीदवारों की सूची की घोषणा करने वाली है। ऐसे में यह आवश्यक हो गया है कि सभी गठबंधन पार्टियां अपने प्रत्याशियों के बारे में स्पष्टता स्थापित करें।
Satyendar Jain को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 18 महीने बाद मिली जमानत
अबू आज़मी की 12 सीटों की मांग और उनके द्वारा महा विकास आघाड़ी को दी गई याददिहानी इस बात का संकेत है कि चुनावी राजनीति में एकजुटता की आवश्यकता कितनी महत्वपूर्ण है। सपा का यह प्रयास गठबंधन में अपनी स्थिति को मजबूत करने और चुनावी तैयारी को एक नया मोड़ देने का एक प्रयास है। अब यह देखना होगा कि महा विकास आघाड़ी इस मुद्दे पर कैसे प्रतिक्रिया देती है और क्या वे सहयोगात्मक रूप से चुनावी रणनीति बनाने में सफल हो पाते हैं।