बाराबंकी में 100 साल पुरानी मस्जिद विध्वंस को लेकर डीएम से मिला सपा का डेलीगेशन, बीजेपी को बताया सांप्रदायिक
बाराबंकी. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने बाराबंकी (Barabanki) के रामसनेही घाट में सौ साल पुरानी मस्जिद (Mosque Demolition Case) को तोड़े जाने की घटना की निंदा की है. साथ ही सपा मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने एक प्रतिनिधिमंडल भी बनाया है, जो गुरुवार को बाराबंकी के जिलाधिकारी डॉ आदर्श सिंह से मिला और इस घटना के बारे में बातचीत कर उन्हें राज्यपाल के नाम का ज्ञापन सौंपा. सपा के इस दल में पूर्व कैबिनेट मंत्री अरविंद सिंह गोप, पूर्व सांसद राम सागर रावत, पूर्व कैबिनेट मंत्री फरीद महफूज किदवई, पूर्व कैबिनेट मंत्री राकेश वर्मा, सपा विधायक सुरेश यादव, सपा एमएलसी राजेश यादव राजू के साथ सपा विधायक गौरव रावत शामिल थे.
जिलाधिकारी से मुलाकात के बाद प्रतिनिधिमंडल ने बाराबंकी के रामसनेही घाट में 100 साल पुरानी मस्जिद को ध्वस्त किए जाने की घटना को निंदनीय बताया. इस दौरान पूर्व कैबिनेट मंत्री अरविंद सिंह गोप ने कहा कि शासन-प्रशासन का यह कृत्य भारतीय संविधान के सामाजिक सद्भाव की अवधारणा के खिलाफ है. प्रदेश में चुनाव पास आता देख बीजेपी सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने में सक्रिय हो गई है. जनता को इससे सतर्क रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि देश की गंगा-जमुनी संस्कृति बिगाड़ कर बीजेपी अपनी राजनीति करती रही है. गोप न इस घटना की जांच उच्च न्यायालय के जज से कराने और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की है.
बीजेपी पर लगाया नफरत फैलाने का आरोप
वहीं पूर्व कैबिनेट मंत्री फरीद महफूज किदवई ने कहा कि चुनाव आते ही बीजेपी एक बार फिर इसी के बहाने नफरत की राजनीति से धार्मिक उन्माद फैलाना चाहती है. जनता को इससे सतर्क रहने की जरूरत है. 100 वर्ष पुरानी मस्जिद तोड़ना सत्ता का दुरुपयोग है. बीजेपी का ऐसे कृत्यों में संलिप्त रहने का इतिहास रहा है. लेकिन बीजेपी सरकार चाहे जो भी कर ले, इस बार समाजवादी पार्टी की ही सरकार बनकर रहेगी.