सपा ने सिराथू से केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ पल्लवी पटेल को दिया टिकट, अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद हुई तैयार
गठबंधन उम्मीदवार पल्लवी पटेल सिराथू सीट से केशव प्रसाद मौर्य को चुनाव में देंगी कड़ी टक्कर
लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से पहले सियासी पारा चढ़ चुका है. इस बार के यूपी चुनाव में सपा और भाजपा में कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है. इसी कड़ी में अपना दल (कमेरावादी) की नेता पल्लवी पटेल कौशांबी की सिराथू विधानसभा सीट से उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरी हैं. पल्लवी पटेल सिराथू से सपा के चुनाव निशान पर चुनाव लड़ेंगी. राजधानी लखनऊ में सोमवार को सपा मुख्यालय पहुंचकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की है. बताया जा रहा है कि वह मंगलवार यानी 8 फरवरी को अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगी.
दरअसल, पल्लवी पटेल ने पहले इस सीट पर चुनाव लड़ने से मना कर दिया था. उनकी उम्मीदवारी का ऐलान सपा ने 2 फरवरी को किया था पर वह अपनी सीट पर सहमत नहीं थीं. हालांकि, सपा नेतृत्व से बातचीत पर वह सिराथू सीट से चुनाव लड़ने को अब तैयार हो चुकी हैं. वहीं सिराथू से सपा गठबंधन उम्मीदवार पल्लवी पटेल के नामांकन में अखिलेश यादव की पत्नी पूर्व सांसद डिंपल यादव के आने की संभावना है.
2014 के उपचुनाव में सपा दर्ज कर चुकी है जीत
सिराथू सीट के इतिहास की बात करें तो आज यह तक यहां से सपा ने सिर्फ साल 2014 के उपचुनाव में जीत दर्ज की थी. साल 1993 से लेकर साल 2007 तक यह क्षेत्र आरक्षित था और बसपा विधायक ने ही जीत हासिल की, लेकिन साल 2012 में जब सीट सामान्य हुई तो भाजपा नेता केशव प्रसाद मौर्य ने यहां से जीत दर्ज की थी. सिराथू सीट से साल 2012 में केशव प्रसाद मौर्य ने ना सिर्फ जीत दर्ज की बल्कि इसके बाद उनके राजनीतिक करियर का ग्राफ उपर ही चढ़ता गया.
Dr Pallavi Patel to be the joint candidate of Samajwadi Party (SP)-Apna Dal (Kamerawadi) alliance, from Sirathu assembly constituency.#UttarPradeshElections2022 pic.twitter.com/aI5Ch0Kn3l
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 7, 2022
क्या है सिराथू का जातीय समीकरण
सिराथू के जातीय समीकरण की बात की जाए तो यहां 3 लाख 80 हजार 839 वोटर हैं. दावा किया जाता है कि इसमें से 19% सामान्य जाति के, 33% दलित, 13% मुस्लिम और लगभग 34% पिछड़े वर्ग से हैं. पिछड़ों में पटेल मतदाताओं की भूमिका यहां बड़ी अहम मानी जाती है.सपा यहां जातीय समीकरण के आधार पर जीत दर्ज करने का प्रयास कर रही है. इस सीट पर दलितों की संख्या सबसे ज्यादा है. ऐसे में बसपा भी जीत की उम्मीद लगाए बैठी है. बीएसपी ने यहां से संतोष त्रिपाठी को टिकट दिया है.