सोनिया गांधी के विश्वासपात्रों को मिला इनाम, शक्ति सिंह गोहिल फिर बने बिहार प्रभारी
बिहार के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल (Shakti Singh Gohil) इस्तीफे को नामंज़ूर करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने उन्हें एक बार फिर बिहार का प्रभारी बना दिया है। इसके साथ ही उन्होंने गोहिल को पार्टी मज़बूत करने की भी ज़िम्मेदारी सौंपी है। इसके बाद पार्टी के कई सदस्यों ने उन्हें पार्टी में वापसी के लिए बधाई दी।
2019 के लोकसभा चुनाव में कड़ी हार के बाद बिहार(Bihar) प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने ज़िम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया था। हालाँकि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने उनका इस्तीफा नामंज़ूर कर दिया। उन्होंने गोहिल को बिहार प्रभारी के रूप में एक बार फिर अपना काम जारी रखने का निर्देश दिया। इसके बाद कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा, राजेश राठौर, जया झा, एचके वर्मा समेत कई पार्टी नेताओं ने उन्हें बधाई दी और कहा कि उनके अनुभवों का लाभ बिहार को मिलेगा। वहीँ बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी ज़िम्मेदारी बढ़ गई है। लोकसभा चुनाव में महागंठन के तौर पर बड़ी हार के बाद सालों से आरजेडी(RJD) के भरोसे राजनीति करने वाली कांग्रेस को आगे ले जाने की ज़िम्मेदारी अब गोहिल के कंधों पर है। जानकारी के अनुसार गोहिल इस सप्ताह के अंत तक बिहार पहुंचकर अपना पद संभाल सकते हैं।
महागठबंधन के सहारे कांग्रेस
बीते वर्षों में कांग्रेस(Congress) का संगठन उत्तरोत्तर कमजोर होता दिखाई दे रहा है। गुटबाजी और खेमेबाजी ने पार्टी को पतन की तरफ धकेल दिया है। जिस तरीके से विपरीत हालात में भी कांग्रेस ने राजस्थान और मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने एकजुटता दिखाई और सत्ता में वापसी की, कुछ ऐसा ही उन्हें बिहार में भी करने की जरूरत है। वहीँ पार्टी के कई नेता समय समय पर कांग्रेस से बिहार में अकेले चुनाव लड़ने की इच्छा ज़ाहिर की है। हालाँकि हमेशा से महागठबंधन के सहारे बिहार में टिकी कांग्रेस अभी तक इस गठबंधन को तोड़ने का कोई संकेत नहीं दे रही है।