हर 21 साल पर लौटता है अमेठी का वो शाप, इस बार हारे राहुल गांधी!
21 साल के अंतराल पर अपने गढ़ अमेठी मे कांग्रेस फिर औंधे मुंह गिर गई है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी डेढ़ दशक बाद आज यहां चुनाव हार गए हैं। उन्हें बीजेपी उम्मीदवार स्मृति ईरानी ने 45,453 वोटो से हार का मज़ा चखाया है। राहुल ने अपनी हार स्वीकार कर स्मृति को बधाई दी है। अपनी नेता की जीत से ख़ुश भाजपाईयों ने राहुल पर तंज कसते हुए ‘भाग गया भाई भाग गया राहुल गांधी भाग गया’ के नारे लगाए।
अमेठी के लोकसभा चुनाव के इतिहास मे 2019 मे तीसरी बार कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा है।
स्मृति की जीत पर अमेठी के भाजपा कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई है लोग एक दूसरे को मिठाइयां खिलाकर खुशी का इजहार कर रहे हैं। भाजपा कार्यालय में जश्न का माहौल है तो वहीं कांग्रेस कार्यालय में सन्नाटा पसरा हुआ है। बीजेपी कार्यकर्ता जीत की ख़बर पाकर स्मृति के गौरीगंज स्थित घर पर पहुंच गए जहां सभी ने जमकर नारे लगाए। स्मृति ने बाहर निकलकर सबका अभिवादन किया और फिर मतगणना स्थल के लिए निकली।
गौरतलब है कि राहुल गांधी की हार में 21 के अंक का दिलचस्प नाता जुड़ गया है। दरअसल हर 21 साल बाद कांग्रेस का अमेठी मे हारने का इतिहास रहा है जो इस बार भी चरितार्थ हुआ है। पहली बार 1977 में इंदिरा गांधी की ओर से आपातकाल लगाए जाने के विरोध में देश भर में कांग्रेस विरोध लहर के दौरान संजय गांधी इस सीट से परास्त हुए थे। यह पहला मौका था जब अमेठी सीट कांग्रेस के हाथ से छिनी थी। उन्हें जनता पार्टी के रविंद्र प्रताप सिंह ने परास्त किया था। ठीक 21 साल बाद 1998 में कैप्टन सतीश शर्मा को पराजय झेलनी पड़ी थी। उन्हें बीजेपी कैंडिडेट संजय सिंह ने परास्त किया था। 1998 के बाद अब फिर 21 साल पूरे हुए हैं और कांग्रेस के लिए नतीजा पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की हार के तौर पर सामने आया है।
उल्लेखनीय है कि अपनी हार को राहुल ने स्वीकार करते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमेठी की जनता के निर्णय को स्वीकार किया है वही स्मृति ईरानी को हार की बधाई भी दिया है। उधर स्मृति समर्थको ने राहुल पर तंज कसते हुए नारे लगाए भाग गया भाई भाग गया राहुल गांधी भाग गया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अमेठी में अपनी हार स्वीकार कर ली है।उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अमेठी की जनता का निर्णय स्वीकार है।