CAA को लेकर सोनिया गाँधी पर भड़की स्मृति ईरानी, कांग्रेस को बताया हिन्दू और सिख विरोधी
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है। स्मृति ईरानी वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विवि में आयोजित जनसभा में बतौर मुख्य अतिथि पहुंची थी। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर पाकिस्तानी अल्पसंख्यकों की कोई खैर-खबर न लेने का आरोप लगाया। इसके साथ ही ईरानी ने कांग्रेस पर हिन्दू और सिख विरोधी होने का आरोप लगाया।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अपने सम्बोधन में कहा कि “हिन्दुस्तान की जनता ने जो वचन दिया, उस पर खरा उतरी। लेकिन पाकिस्तान में वर्ष 1947(23 प्रतिशत अल्पसंख्यक) के मुक़ाबले अब सिर्फ तीन प्रतिशत अल्पसंख्यक रह गए हैं। इसके बावजूद कांग्रेस के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। पाकिस्तान में कितनी ही बेटियों को अगवा किया गया। उनके साथ बलात्कार किया गया। उनकी जबरन शादी कराई गई और धर्म परिवर्तन कराया गया। लेकिन कांग्रेस कुछ नहीं बोली।”
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि “बीजेपी कार्यकर्ता को मालूम है कि कांग्रेस में हिन्दू और सिख विरोधी आत्माएं लगी हुई हैं। लेकिन हम यह नहीं जानते थे कि कांग्रेस ईसाइयों के भी विरोध में खड़ी होगी। पाकिस्तान में जब ईसाइयों के धार्मिक स्थलों पर धमाके हुए, तब सोनिया गांधी नहीं रोईं, लेकिन जब बाटला हाउस में आतंकवादी मरे तो रोई थीं।” इसके आगे उन्होंने भारत-पाकिस्तान का धर्म के नाम पर हुए बंटवारे का आरोप राष्ट्रहित नहीं बल्कि कांग्रेस के परिवार हित पर लगाया। कश्मीरी पंडितों के पलायन और नरसंहार का जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि साल 1990 में पाकिस्तान के इशारे पर काला इतिहास हमारे देश का अंग बन गया था।
स्मृति ईरानी ने आगे कहा कि अंग्रेज़ों की सीख को कांग्रेस ने अपना संस्कार मान लिया और धर्म के नाम पर राजनीती की। उन्होंने कहा कि ‘विभाजन के समय गांधीजी चाहते थे कि जो हिन्दू परिवार पाकिस्तान में छूट रहे हैं, उनका संरक्षण हो। बापू के इस कथन को अब नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने साकार किया है।’ केंद्रीय मंत्री ने साल 1950 में नेहरू-लियाकत पैक्ट का जिक्र करते हुए कहा कि इस पैक्ट के तहत दोनों देशों में अल्पसंख्यकों का संरक्षण तय हुआ था। भारत ने इस जिम्मेदारी को स्वीकार किया और निभाया।