यहां आधा घंटा पहले पता चल जाता है गिरने वाली है बिजली, मोबाइल बचाता है किसानों की जान
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान पुणे ने दामिनी नाम का एक एप तैयार किया है। यह एप लोगों आधे घंटे पूर्व ही जानकारी देता है कि मोबाइल धारक से कितनी दूरी पर और किस दिशा में बिजली गिरने वाली है।
भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान का एप किसानों को आकाशीय बिजली से बचा रहा है। – प्रतीकात्मक तस्वीर।
मतौर पर बिजली कड़कने के दौरान लोगों से यही कहा जाता है कि वह अपने मोबाइल से दूर रहे हैं, लेकिन जिले के हजारों किसानों को मोबाइल आकाशीय बिजली से बचा रहा है। उन्हें आधे घंटे पूर्व ही जानकारी हो जाती है कि कहां आकाशीय बिजली गिरने वाली है। इससे किसान उस क्षेत्र से दूर हटकर अपनी जान बचाते हैं। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान, पुणे ने दामिनी नाम का एक एप तैयार किया है। यह एप लोगों आधे घंटे पूर्व ही जानकारी देता है कि मोबाइल धारक से कितनी दूरी पर और किस दिशा में बिजली गिरने वाली है। बिजली गिरने से पूर्व ही एप के जरिये अलार्म बजेगाऔर लोग अपनी जान बचा सकते हैं। जिले के 4500 हजार किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र बेलीपार यह एप डाउनलोड करा चुका है।
4500 किसान अपने मोबाइल में डाउनलोड कर चुके हैं एप
किसान इस एप के जरिये आकाशीय बिजली व मौसम की जानकारी मिल जाती है। सेंसर तकनीकि पर आधारित यह एप आधा घंटा पूर्व बता देता है कि यहां बिजली गिरने वाली है। खजनी विकास खंड के झरकठा निवासी राजीव कहते हैं कि उन्होंने भी अपने मोबाइल में इस एप को डाउनलोड किया है। उनके क्षेत्र में जब बिजली कड़कने वाली होती है तो आधा घंटा पूर्व इसकी जानकारी हो जाती है। उन्होंने कहा कि अभी उनके क्षेत्र में बिजली गिरी नहीं है, लेकिन एप के माध्यम से वह सावधान हो जाते हैं। खजनी क्षेत्र की ही लीलावती कहती हैं कि उनके मोबाइल में भी दामिनी एप डाउनलोड हैं। उनके बच्चे देखकर उन्हें जानकारी देते हैं कि कब बादल गरजेंगे और कब बारिश होगी, कहां बिजली गिरेगी।
किसानों को आधा घंटा पहले बिजली की सूचना देता है दामिनी
बता दें इस वित्तीय वर्ष में आकाशीय बिजली से हो रही मौतों की संख्या में कमी आई है। इस वित्तीय वर्ष में अब तक चार मौतें हो चुकी हैं, जबकि बीते वर्ष कुल 13 मौतें हुई थीं। कृषि विज्ञान केंद्र बेलीपार का कहना है कि एप की देन है जो आकाशीय बिजली से लोगों को बचाया जा रहा है। मानसूनी सीजन में अधिकांश आकाशीय बिजली गिरती है। इस बार मानसूनी सीजन में सिर्फ एक माह शेष हैं और मौतों का संख्या अभी तक चार है। इससे साफ है कि किसान दामिनी एप को लेकर जागरूक हुए हैं।
क्षेत्र के 4500 किसानों को यह एप स्टाल करा दिया गया है। एप को आन रखने पर मोबाइल धारक को करीब घंटे पूर्व सेंसर के माध्यम से जानकारी हो जाएगी कि बिजली उनसे कितनी दूरी पर और किस दिशा में गिरने वाली है। मोबाइल मोबाइल धारक अपना व परिवार के लोगों का बचाव कर सकता है। – डा. एसके तोमर, प्रभारी कृषि विज्ञान केंद्र बेलीपार।