सिंघु बॉर्डर पर लखबीर के परिजनों के साथ पहुंचे लोग:तनाव बढ़ने पर पुलिस का हल्का लाठीचार्ज,
किसान मोर्चा बोला-BJP माहौल खराब कर रही
सिंघु बॉर्डर पर बुधवार शाम को उस समय माहौल गरमा गया जब हिंद मजदूर किसान समिति के बैनर तले बड़ी संख्या में लोग किसान आंदोलन स्थल की ओर बढ़ने लगा। इन लोगों में लखबीर सिंह के परिजन भी थे, जिसे गत 15 अक्टूबर को निहंगो ने बेअदबी का आरोप लगा मौत के घाट उतार दिया था। हालांकि दिल्ली पुलिस ने इन लोगों पहले अलीपुर और फिर नरेला में रोक लिया।
इस बीच अफवाह उड़ी कि सिंघु बॉर्डर पर किसानों पर लाठीचार्ज हुआ है। हालात को बदलता देख किसान मोर्चा ने वीरवार को अधिक से अधिक संख्या में किसानों को सिंघु बॉर्डर पहुंचने की अपील की। पुलिस स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
बॉर्डर पर हंगामा करते लोगों को रोकती पुलिस।
बताया गया कि ये लोग ये लोग बॉर्डर पर स्थित गुरू तेग बहादुर स्मारक और जिस स्थान पर लखबीर सिंह की हत्या की गई थी, वहां जाना चाहते थे। कृषि कानूनों के विरोध में धरने पर बैठे किसान संगठनों और इन लोगों में कोई विवाद न हो, इसे देखते हुए दिल्ली पुलिस हरकत में आ गई। बॉर्डर की तरफ आ रहे लोगों को पहले अलीपुर के पास रोका गया। यहां पुलिस द्वारा इन पर हल्का लाठीचार्ज किया गया। इससे अफवाह उड़ गई कि बॉर्डर पर किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। बाद में किसान संयुक्त मोर्चा ने स्पष्ट किया कि किसानों पर कोई लाठीचार्ज नहीं हुआ है।
बॉर्डर से कूछ दूरी पर डटे
हिंद मजदूर किसान समिति के बैनर तले दिल्ली पहुंचे लोगों में लखबीर सिंह के परिजन भी है। उन्हें फिलहाल नरेला में राजा हरिशचंद्र अस्पताल के पास पुलिस ने रोका हुआ है। यह स्थान किसान आंदोलन स्थल से दो किलोमीटर दूर है। जिसे देखते हुए तनाव का माहौल है। इस बीच भाकियू नेता सौरभ उपाध्याय ने ट्वीट किया कि भाजपा अपने एक गुंडे को आगे करके सिंघु बॉर्डर पर हिंसा कराना चाहती है।
भाकियू नेता सौरभ उपाध्याय का ट्वीट।
बॉर्डर पर हिंसा करने आए : डा. दर्शनपाल
बॉर्डर पर हंगामे के आसार को देखते हुए संयुक्त किसान मोर्चा भी सचेत हो गया है। मोर्चा के सदस्य और वरिष्ठ किसान नेता डा. दर्शनपाल ने देर सायं एक वीडियो जारी कर सिंघु बॉर्डर पर चल रहे हालात पर जानकारी दी। वीडियो में किसान नेता ने पूरे प्रकरण को भाजपा-आरएसएस का एजेंडा बताते हुए किसानों ने वीरवार को भारी संख्या में सिंघु बॉर्डर पर पहुंचने की अपील की। उन्होंने कहा कि किसानों पर कोई लाठीचार्ज नहीं हुआ। इन लोगों का किसानों से कोई संबंध नहीं है।
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