सिद्धू ने सिर्फ सोशल मीडिया पर दिया इस्तीफा!:पंजाब कांग्रेस इंचार्ज हरीश रावत बोल
मैंने तो नहीं देखा इस्तीफा, सिर्फ खबरों में ही पढ़ा; सिद्धू कर रहे प्रधान की तरह काम
क्या नवजोत सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस के प्रधान पद से सिर्फ सोशल मीडिया पर इस्तीफा दिया है? अब यह सवाल पंजाब की सियासत में उठने लगा है। सिद्धू ने अभी तक अपने अकाउंट से पंजाब कांग्रेस प्रधान का पद नहीं हटाया है। इस बात को और जोर तब मिला, जब पंजाब कांग्रेस इंचार्ज हरीश रावत ने कहा कि कौन-सा इस्तीफा? मैंने तो नहीं देखा। सिर्फ खबरों में पढ़ा कि सिद्धू ने इस्तीफा दिया। रावत पंजाब कांग्रेस और हाईकमान के बीच की कड़ी हैं। ऐसे में हरीश रावत का सिद्धू के इस्तीफे की बात से इन्कार करना कई सियासी कयास पैदा कर रहा है। सिद्धू भी इस्तीफे के मंजूर या नामंजूर होने का इंतजार किए बिना ही प्रधान के तौर पर काम कर रहे हैं।
पंजाब कांग्रेस इंचार्ज हरीश रावत
सिद्धू ने ट्वीट किया था इस्तीफा
कैप्टन अमरिंदर सिंह को CM की कुर्सी से हटाने के बाद सिद्धू खुद सीएम बनना चाहते थे। ऐसा नहीं हुआ और चरणजीत चन्नी सीएम बन गए। शुरू में दो दिन सिद्धू चन्नी के हाथ पकड़े साथ में रहे, फिर उनके सुपर CM बनने की आलोचना होने लगी तो हाईकमान ने खिंचाई कर दी। जिसके बाद सिद्धू पीछे हटे और अचानक इस्तीफा ट्वीट कर दिया। इसके बाद सिद्धू ने वजह बताई कि वे डीजीपी इकबालप्रीत सहोता और एडवोकेट जनरल एपीएस देयोल की नियुक्ति से नाखुश हैं। मनाने का दौर भी चला, लेकिन सिद्धू ने इस्तीफा वापस लेने की औपचारिक घोषणा नहीं की।
सिद्धू का ट्वीट किया इस्तीफा
नए प्रधान की रणनीति भी तैयार
कांग्रेसी सूत्रों का कहना है कि हाईकमान ने सिद्धू का इस्तीफा उन्हीं पर छोड़ दिया है। सिद्धू ने इसके बाद लखीमपुर खीरी मामले में पंजाब से यूपी तक मार्च निकाला। हालांकि चंडीगढ़ स्थित कांग्रेस भवन में बिस्तरा लगाने की बात कहने वाले सिद्धू इस्तीफे के बाद वहां नहीं गए, लेकिन मार्च की तैयारियों की मीटिंग पंजाब भवन में ही हुई। सिद्धू के तेवर देख कांग्रेस हाईकमान भी तैयारी कर चुका है। सिद्धू नहीं माने तो नया प्रधान बनाया जा सकता है। इस दौड़ में लुधियाना से सांसद रवनीत बिट्टू और वर्किंग प्रधान कुलजीत नागरा का नाम शामिल है।
सिद्धू ने अगले दिन वीडियो ट्वीट कर इस्तीफे की वजह बताई
संगठन तक नहीं बना पाए सिद्धू
जुलाई महीने में सिद्धू की पंजाब कांग्रेस के प्रधान पद पर ताजपोशी हुई। करीब 3 महीने का वक्त होने वाला है, अभी तक सिद्धू ने संगठन नहीं बनाए हैं। उलटा जो महासचिव और कैशियर नियुक्त करवाए थे, उनसे भी इस्तीफा दिलवा दिया। पंजाब में कांग्रेस संगठन जनवरी 2020 से भंग हैं। पंजाब चुनाव की घोषणा में 3 महीने बचे हैं। ऐसे में जिला और ब्लॉक स्तर तक संगठन के बगैर कांग्रेस की मुश्किलें बढ़नी तय हैं। इसके बावजूद सिद्धू सिर्फ अपने चेहरे पर ही पूरे संगठन को आश्रित रखना चाहते हैं।
रजिया सुल्ताना वापस ले चुकी इस्तीफा
सिद्धू के समर्थन में रजिया सुल्ताना ने मंत्रीपद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि सोमवार को वह कैबिनेट की मीटिंग में शामिल हो गई। उन्होंने इस्तीफा वापस ले लिया लेकिन सिद्धू के बार में अभी तक कुछ भी स्पष्ट नहीं हो रहा है।
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