सिद्धू खेमे ने हरीश रावत के खिलाफ खोला मोर्चा, पूछा ये सवाल
चंडीगढ़. पंजाब कांग्रेस (Punjab Pradesh Congress) में मचा घमासान अब नए मोड़ पर आ गया है. नवजोत सिंह सिद्धू खेमे (Navjot Singh Sidhu) ने अब पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत (Punjab Congress in-charge Harish Rawat) के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है. सिद्धू के करीबी विधायक परगट सिंह (MLA Pargat Singh) ने कहा कि खड़गे कमेटी (Kharge committee) ने कहा था कि पंजाब के चुनाव सोनिया गांधी और राहुल गांधी (Sonia Gandhi and Rahul Gandhi) के नेतृत्व में होंगे, जबकि हरीश रावत कह रहे हैं कि 2022 के चुनाव मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Chief Minister Captain Amarinder Singh) के नेतृत्व में होंगे. परगट सिंह ने हरीश रावत से सवाल किया है कि उन्हें यह भी बताना चाहिए कि यह फैसला कब हुआ?
तीन महीने पहले सभी विधायक कांग्रेस हाईकमान की तीन सदस्यों की खड़गे कमेटी के सामने पेश हुए थे और पंजाब की सियायत के बारे उन्हें अवगत कराया था. उस वक्त उन्होंने बताया था कि आगामी विधानसभा चुनाव सोनिया और राहुल गांधी की अगुवाई में लड़े जाएंगे. परगट सिंह ने कहा कि हरीश रावत उनके अच्छे दोस्त हैं, लेकिन पंजाब के बारे में अपने स्तर पर इतना बड़ा फैसला लेने का अधिकार उन्हें किसने दिया? खड़गे कमेटी के सोनिया और राहुल की अगुवाई में चुनाव लड़ने के फैसले के बाद अब कैप्टन की अगुवाई का क्या मतलब रह जाता है?
परगट सिंह के इस बयान ने पंजाब की सियासत में हलचल पैदा कर दी है. उन्होंने कहा कि सिद्धू का ईंट से ईंट बजाने वाले बयान का भी सीधे तौर पर संबंध पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत से ही था. हरीश रावत अब पंजाब दौरे पर आने वाले हैं, लेकिन उनके आने से पहले ही कांग्रेस के महासचिव परगट सिंह ने उनके लिए एक नई समस्या खड़ी कर दी है, जिससे पंजाब कांग्रेस में विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है.
इसके अलावा सिद्धू ने विधानसभा सत्र को लंबी अवधि के लिए बुलाए जाने की मांग करते हुए फिर से कैप्टन अमरिंदर सिंह को घेरने की कोशिश की है. 3 सितंबर को एक दिवसीय सत्र बुलाने को लेकर सरकार पहले ही विपक्ष के निशाने पर है, अब सिद्धू की मांग ने विपक्ष के आरोपों में भी जान डाल दी है.