बनारस के श्याम ने चीन से युद्ध के लिए तैयार की स्मार्ट डिवाइस, 15 हजार किमी. तक दुश्मन को कर सकता है टारगेट
वैसे तो हमारे देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। ऐसे में वाराणसी में एक ऐसे प्रतिभावान युवा है जो भारत और भारत के जवानों की सुरक्षा के लिए कई तरह के उपकरण बनाते रहे हैं। उनका नाम है श्याम चौरसिया। आपको बता दें कि श्याम चौरसिया ने भारत और चीन के बीच युद्ध जैसी स्थिति को देखते हुए एक “स्मार्ट डिफेंस ग्लास” (smart defense glass) बनाया है। यह एक प्रकार का चश्मा है।
इस संबंध में श्याम चौरसिया का कहना है कि जब उन्होंने भारत और चाइना के जवानों की हिंसक झड़प के बारे में सुना और उन्हें भारत के 20 जवानों के शहीद होने की सूचना मिली तो उनसे रहा नहीं गया और उन्होंने एक ऐसी टैक्लॉजिक की इजाद की, जो हजारों किलोमीटर दूर से भी दुश्मन को टारगेट कर सकता है। श्याम चौरसिया ने एक प्रकार का ऐसा स्मार्ट चश्मा बनाया है जिसे पहन कर 500 से भी ज्यादा हथियारों को किसी भी मिसाइल रॉकेट लॉन्चर को ऑपरेट किया जा सकता है।
इस चश्मे के इस्तेमाल से हमारे देश के जवानों की मारक क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी। श्याम चौरसिया ने बताया कि इस चश्मे में उन्होंने 5 इलेक्ट्रिकल रॉकेट लॉन्चर सेट किए हैं, जिसकी रेंज 500 मीटर तक है। उन्होंने यह भी बताया कि इस चश्मे की रेंज को 15000 किलोमीटर तक किया जा सकता है, जिसके जरिए हमारे देश के जवान किसी भी तरह के हथियार को अटैच करके और इसे वॉइस कमांड से लॉन्च कर सकते हैं।
इस चश्मे के इस्तेमाल से दुश्मन की नजर में आए बिना ही अलग-अलग दिशाओं में दुश्मन को टारगेट कर उन पर मिसाइल छोड़ी जा सकती है। इस चश्मे की खास बात यह है कि श्याम चौरसिया ने इसे इस प्रकार से डिजाइन किया है कि यह अपने देश के जवानों के आदेश मानेगा .
श्याम के द्वारा बनाये गया यह डिवाइस प्रोटोटाइप में यह चश्मा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और वाराणसी के सांसद नरेंद्र मोदी के नाम से एक्टिवेट होकर फायर करेगा।
इस चश्मे की खास बात यह भी है कि यह दुश्मन के हाथ लगने पर यह काम नहीं करेगा। इस डिवाइस को इंटरनेट से अटैच कर दिया जाए तो दुनिया के किसी भी कोने से हम अपने हथियारों को एक सीक्रेट कोड कमांड के जरिए कहीं से भी दुश्मन को टारगेट कर सकते हैं। आपको जानकारी के लिए बता दें की श्याम चौरसिया देश के जवानों के लिए पहले भी कई उपकरण बना चुके हैं जिसमें ‘फेसबुक ऑपरेटेड गन’ और ‘ऑटोमेटिक सेंसर गन’ शामिल है।