दिल्ली में कोविशील्ड एक बार फिर खत्म, कई वैक्सीन सेंटर आज से बंद

भारत ने जहां वैक्सीनेशन के मामले में अमेरिका तक को पीछे छोड़ दिया है, वहीं देश के कई राज्य अब भी वैक्सीन की कमी का सामना कर रहे हैं। दिल्ली में कोविशील्ड वैक्सीन का स्टॉक एक बार फिर खत्म हो गया है, जिससे कुछ कोविड टीकाकरण केंद्र मंगलवार को बंद रहेंगे। वैक्सीन की कमी को लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र पर निशाना साधा है। दिल्ली के एक बुलेटिन के अनुसार, राजधानी में सोमवार सुबह कोविशील्ड की 19,000 डोज और कोवैक्सीन की 2,39,000 डोज थीं।

दिल्ली में कोविड के टीकों की कमी का मुद्दा उठाते हुए मनीष सिसोदिया ने सोमवार को ट्वीट किया, ”दिल्ली में वैक्सीन फिर खत्म हो गई है… केंद्र सरकार एक दो दिन की वैक्सीन देती है, फिर हमें कई दिन वैक्सीन केंद्र बंद रखने पड़ते हैं. केंद्र सरकार की क्या मजबूरी है…इतने दिन बाद भी हमारे देश का वैक्सीन प्रोग्राम लड़खड़ा कर क्यूँ चल रहा है?”

बुलेटिन में कहा गया है कि सोमवार को कुल 36,238 वैक्सीन की डोज दी गईं, जिससे दिल्ली में अब तक दी गई डोज की कुल संख्या 89,37,904 हो गई है। शहर में सरकारी टीकाकरण केंद्र रविवार को बंद रहे।

कोविड वैक्सीनेशन के दैनिक औसत में आई गिरावट : सरकारी आंकड़े

गौरतलब है कि कोविड वैक्सीनेशन के दैनिक औसत में 21 जून से कमी देखी जा रही है, जब देश में कोविड-19 टीकाकरण का नया चरण आरंभ हुआ था। सरकारी आंकड़ों से यह पता चला है। कोविन प्लैटफॉर्म पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक 21-27 जून वाले हफ्ते में प्रत्येक दिन कोविड रोधी टीके की औसतन 61.14 लाख डोज दी गईं। इसके बाद के हफ्ते में 28 जून से 4 जुलाई के बीच यह आंकड़ा कम होकर प्रतिदिन 41.92 लाख डोज रह गया। 5 से 11 जुलाई वाले हफ्ते में प्रतिदिन लगाई गई टीके की डोज की औसत संख्या और कम होकर 34.32 लाख रह गई।

अबकारी नीति पर रोक लगाने से दिल्ली हाईकोर्ट का इनकार, सरकार से मांगा जवाब

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को दिल्ली सरकार की नई अबकारी नीति पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया। हालांकि हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट ने खुदरा शराब की बिक्री को लेकर दिल्ली सरकार की ओर से 2021-2022 के लिए जारी नई आबकारी नीति को चुनौती देने वाली याचिका पर यह आदेश दिया है।

चीफ जस्टिस डी.एन.पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की बेंच ने रेडिमेड प्लाजा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड एसोसिएशन की ओर से दाखिल याचिका पर विचार करते हुए दिया है। एसोसिएशन ने याचिका में सरकार की नई अबकारी नीति को चुनौती देते हुए अदालत की मंजूरी के बगैर इसके लिए ठेका को मंजूरी नहीं देने की मांग की थी। बेंच ने नई अबकारी नीति पर रोक लगाने से इनकार करते हुए दिल्ली सरकार को अगली सुनवाई से पहले जवाब देने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 9 अगस्त को होगी।

एसोसिएशन की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने बेंच को बताया कि सरकार का यह कहना पूरी तरह से गलत है कि यह नई नीति एकाधिकार को हतोत्साहित करने के लिए बनाई गई है। उन्होंने कहा कि दिल्ली इस नीति से गुटबंदी होगी क्योंकि दिल्ली पर अब 16 लोगों का नियंत्रण होगा जबकि पहले 850 लोग इसमें शामिल थे। यह याचिका पिछले 15 सालों से शराब की खुदरा बिक्री कर रहे विक्रेताओं ने दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि हाल तक दिल्ली में शराब की बिक्री को दिल्ली उत्पाद नियम, 2010 द्वारा विनियमित किया जाता था। इससे पहले, दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी और स्थायी वकील संतोष त्रिपाठी ने नीति का बचाव किया है।

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में मंत्री समूह की समिति की रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने पिछले माह 2021-22 के लिए नई आबकारी नीति लागू की। इसके तहत शराब की खुदरा बिक्री के लिए लाइसेंस जारी करने के उद्देश्य से दिल्ली को 32 जोनों में बांटा गया है, जिसमें प्रत्येक में 9-10 वार्ड हैं। याचिका में कहा गया है कि नई आबकारी नीति की योजना जिसमें प्रत्येक जोन के लिए एक एल-7जेड लाइसेंस प्रदान किया जाता है और लाइसेंस धारक द्वारा 18 खुदरा विक्रेताओं को चलाने को अनिवार्य करने से मौजूदा विक्रेताओं को समाप्त कर दिया जाएगा।

दिल्ली सरकार के सूत्र का कहना है कि अगर शराब माफिया सफल हो जाते हैं और आबकारी नीति पर रोक लगती तो जनता के लिए चल रहे जन उपयोगी स्कीम रुक जाती, क्योंकि कोरोना के कारण सरकार के रजस्व में भारी कमी आई है। इस नीति से सरकार को अतिरिक्त 3500 करोड़ रुपये आने की उम्मीद है, जिससे जनता को मिल रही सुविधाएं जारी रहेंगी।

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