शिवपाल यादव का छलका दर्द, रामायण और महाभारत का उदाहरण देकर जाहिर किया नाराजगी
कहा कि हमें हनुमान की भूमिका याद रखनी चाहिए, क्योंकि उन्हीं की वजह से राम युद्ध जीत सके थे
लखनऊ. सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चाचा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने खुले तौर पर अपनी नाराजगी का इजहरा किया है. लखनऊ से वह सीधे इटावा पहुंचे. यहां एक कार्यक्रम में उनका दर्द छलक उठा. उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए रामायण और महाभारत के चरित्रों का उदाहरण दिया. साथ ही कहा कि हमें हनुमान की भूमिका याद रखनी चाहिए, क्योंकि उन्हीं की वजह से राम युद्ध जीत सके थे. बता दें कि शिवपाल यादव इटावा में भागवत कथा में शामिल हुए.
बता दे कि शिवपाल सिंह यादव केवल यहीं पर नहीं रुके उन्होंने कहा कि भगवान राम का राजतिलक होने वाला था, लेकिन उनको वनवास जाना पड़ा. इतना ही नहीं हनुमान जी की भूमिका भी बेहद महत्वपूर्ण थी क्योंकि अगर वह नहीं होते, तो राम युद्ध नहीं जीत पाते. ये भी याद रखने वाली बात है कि हनुमान ही थे, जिन्होंने लक्ष्मण की जान बचाई. शिवपाल ने कहा कि विषम परिस्थितियां कभी-कभी सामने आती हैं. आमजन ही नहीं, भगवान पर भी विषम परिस्थितियां आईं. कई संकट आए लेकिन अंत में जीत सत्य की ही होती है.
दुर्योधन के साथ खेलते लेकिन जुआ शकुनि के साथ नहीं
शिवपाल ने महाभारत के चरित्रों का भी जिक्र करते हुए कहा कि धर्मराज युधिष्ठिर को शकुनि से जुआ नहीं खेलना चाहिए था. अगर जुआ खेलना ही था तो दुर्योधन के साथ खेलते लेकिन जुआ शकुनि के साथ खेल लिया. अब ये भी सच है कि वह शकुनि ही थे, जिन्होंने महाभारत करा दी थी. इसी धार्मिक समारोह में शिवपाल सिंह यादव के साथ उनके समधी सिरसागंज के पूर्व विधायक हरिओम यादव भी मौजूद थे. शिवपाल सिंह कहा कि हम तो चाहते थे कि हरिओम यादव विधायक बन जाएं, लेकिन वह हार गये.
क्या 28 मार्च की बैठक में शिवपाल होंगे शामिल?
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि मुझे पार्टी की बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया. मैंने 2 दिनों तक प्रतीक्षा की और इस बैठक के लिए अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए थे, लेकिन मुझे आमंत्रित नहीं किया गया. साथ ही कहा कि मैं समाजवादी पार्टी से विधायक हूं,फिर भी आमंत्रित नहीं किया. वहीं, अपने अगले कदम को लेकर सवाल पर उन्होंने कहा कि जल्द ही आपको बताऊंगा. जबकि शिवपाल सिंह यादव की नाराजगी को लेकर सपा यूपी अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि सहयोगी दलों को 28 को बुलाया जाएगा. उनका अपना अलग दल है. पल्लवी पटेल, ओपी राजभर, शिवपाल और महान दल को भी बाकी सभी सहयोगी दलों के साथ 28 मार्च को बुलाया गया है.